भारतीय खिलाड़ियों ने ‘फुटवॉली’ से दक्षिण अफ्रीका टेस्ट के लिये तैयारी शुरू की

सेंचुरियन, 18 दिसंबर (क्रिकेट न्यूज़) भारतीय क्रिकेट टीम 26 दिसंबर से यहां दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ होने वाले शुरूआती टेस्ट से पहले ऊंचाई के अनुसार ढलने के साथ धीरे धीरे अपने अभ्यास की रफ्तार भी तेज कर रही है।

भारतीय टीम मुंबई में तीन दिन के कड़े पृथकवास के बाद शुक्रवार की सुबह यहां चार्टर्ड फ्लाइट से पहुंची। खिलाड़ियों को यहां एक रिजॉर्ट में एक दिन के लिये अलग रहना था जिसके बाद ही वे आउटडोर सत्र में हिस्सा ले सके।

बीसीसीआई (भारतीय क्रिकेट बोर्ड) द्वारा शनिवार को ट्वीट किये गये वीडियो में टीम के सदस्य ‘फुटवॉली’ के खेल का लुत्फ उठाते दिखे जिसमें मुख्य कोच राहुल द्रविड़ भी शामिल थे।

यह श्रृंखला कोविड-19 के अफ्रीका में नये वैरिएंट ओमिक्रोन के आने के बाद बढ़े खतरे के बीच खेली जा रही है।

इन परिस्थितियों के कारण भारत के दौरे पर गंभीर संदेह बना हुआ था लेकिन दोनों बोर्ड ने दौरे को बरकरार रखने पर सहमति बनायी।

भारतीय टीम एक रिजॉर्ट में ठहरी हुई है और पूरे रिजॉर्ट को क्रिकेट दक्षिण अफ्रीका ने उनके लिये ही बुक किया है ताकि पूरी श्रृंखला के दौरान ‘बायो-बबल’ का कड़ाई से पालन किया जा सके। यह सामान्य पांच सितारा होटल नहीं है तो खिलाड़ियों के लिये रिजॉर्ट में घूमने के लिये काफी जगह मौजूद है।

खिलाड़ी ‘बायो-बबल’ में मुश्किलों के बारे में काफी मुखर रहे हैं।

भारत के ‘स्ट्रेंथ एवं कंडिशनिंग कोच’ सोहम देसाई ने कहा, ‘‘हम मुंबई में तीन दिन तक कड़े पृथकवास में रहे और 10 घंटे की लंबी फ्लाइट से यहां पहुंचे। कल भी यहां कड़े पृथकवास में रहे। इसलिये खिलाड़ियों के लिये कौशल सत्र शुरू करना थोड़ा जोखिम भरा होगा। ’’

उन्होंने कहा, ‘‘इसलिये वे दौड़ने के लिये गये, थोड़ी ‘स्ट्रेंचिंग की और पसीना बहाया। हम कल एक मैच शुरू करेंगे। ’’

उन्होंने कहा, ‘‘साथ ही कार्यक्रम इस तरह का है कि हमें शुरू से ही अभ्यास करते रहना होगा। हम सिर्फ इतना ही कर सकते हैं। यहां ऊंचाई 1400 मीटर की है और हम समुद्र तल के स्तर से आ रहे हैं इसलिये खिलाड़ियों को अनुकूलित होने के लिये दो-तीन दिन लगेंगे। ’’

खिलाड़ियों के ‘फुटवॉली’ के प्रति लगाव के बारे में बात करते हुए देसाई ने कहा, ‘‘इस खेल को अब भारतीय क्रिकेट टीम का खेल कहा सकता है। हम उन्हें कई अन्य विकल्प भी देते हैं लेकिन वे ‘फुटवॉली’ को ही चुनते हैं। ’’

उन्होंने कहा, ‘‘वे इसे पसंद करते हैं और इससे उन्हें अपने खेल पर ध्यान बनाये रखने में मदद मिलती है। ’’

भाषा 

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