कोई संदेह नहीं, पंत कप्तानी के लिये सही विकल्प हैं: रिकी पोंटिंग
मुंबई, 22 मई (क्रिकेट न्यूज़) दिल्ली कैपिटल्स के मुख्य कोच रिकी पोंटिंग ने ऋषभ पंत के टीम की अगुआई जारी रखने का समर्थन करते हुए कहा कि यह विकेटकीपर बल्लेबाज अभी काफी युवा है और कप्तानी के गुर सीख रहा है जिससे वह इस पद के लिये सही विकल्प बना रहेगा।
इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के 15वें चरण में इस युवा ने मैदान पर कुछ ऐेसे फैसले किये जिससे पूरे सत्र में उनकी आलोचना होती रही।
शनिवार को दिल्ली कैपिटल्स के सामने मुंबई इंडियंस के खिलाफ ‘करो या मरो’ का मुकाबला था लेकिन रणनीतिक चूक का टीम को खामियाजा भुगतना पड़ा जिससे वह प्लेऑफ में जगह बनाने में असफल रही।
मुंबई इंडियंस की टीम 14.3 ओवर में तीन विकेट पर 95 रन के स्कोर पर थी लेकिन पंत ने एक रणनीतिक गलती कर दी और टिम डेविड के अपनी पारी की पहली गेंद पर बल्ला छुआने के लिये डीआरएस लेने से इनकार कर दिया और मैदानी अंपायर ने उन्हें आउट करार नहीं दिया।
डेविड ने फिर महज 11 गेंद में चार छक्के और दो चौके से 34 रन जड़ दिये जिससे मैच दिल्ली कैपिटल्स के हाथों से निकल गया।
दिल्ली कैपिटल्स को मुंबई इंडियंस से पांच विकेट से हार मिली जिसके बाद पोंटिंग ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा, ‘‘निश्चित रूप से, मेरे दिमाग में कोई संशय नहीं है कि ऋषभ कप्तानी के लिये सही पसंद हैं, यहां तक कि पिछले सत्र में भी कोई संशय नहीं था। ऋषभ ने श्रेयस (अय्यर) के चोटिल (कंधे में चोट) होने के बाद कप्तानी संभालने के बाद टीम के साथ शानदार काम किया है। ’’
पोंटिंग ने कहा कि वह मैच को हाथों से निकलते हुए देखकर काफी निराश थे लेकिन उन्होंने पंत को हार के लिये जिम्मेदार नहीं ठहराया।
उन्होंने कहा, ‘‘वह (पंत) युवा खिलाड़ी है और कप्तानी की बारीकियां सीख रहा है। टी20 टीम का कप्तान होना कोई आसान काम नहीं है, विशेषकर आईपीएल में जो इतना दबाव भरा टूर्नामेंट है और इसमें आप जो भी करते हो, उस प्रत्येक चीज पर गहरी नजर रखी जाती है। उसे निश्चित रूप से मेरा पूरा समर्थन प्राप्त है। ’’
पोटिंग ने साथ ही कहा, ‘‘खेल के एक पहलू पर उंगली उठाना हमेशा मुश्किल होता है। हमारी बल्लेबाजी में शीर्ष क्रम का प्रदर्शन बहुत खराब था, हमने 40 रन पर चार विकेट गंवा दिये थे जो टी20 मैच शुरू करने का आदर्श तरीका नहीं है, विशेषकर बड़े मैचों में जिसमें आपको जीत दर्ज करनी ही हो। ’’
उन्होंने कहा, ‘‘टिम डेविड निश्चित रूपसे अच्छा खेला। वह शायद पहली ही गेंद पर आउट था लेकिन खेल के कई पहलू हैं जिससे हम निराश होंगे। खिलाड़ियों को इस तरह के मैचों से ही सीख लेने की जरूरत है। ’’
उन्होंने कहा, ‘‘मैं काफी निराश महसूस कर रहा था कि मैच हमारे हाथों से निकल गया, हम अंतिम कुछ ओवरों में मैच अपने हक में खत्म नहीं कर सके। ’’
पोटिंग को लगता है कि इस सत्र में दिल्ली कैपिटल्स के गेंदबाजी ग्रुप ने अनिरंतर बल्लेबाजी इकाई से कहीं बेहतर प्रदर्शन किया।
उन्होंने कहा, ‘‘अगर मैं अपने पूरे सत्र को देखूं तो यह कहना उचित होगा कि हमारे गेंदबाजी ग्रुप ने शायद हमारे बल्लेबाजी ग्रुप से कहीं बेहतर काम किया। हमारा बल्लेबाजी ग्रुप वास्तव में अनिरंतर रहा और शायद उतने रन नहीं बना सका जितने हमें बनाने चाहिए थे। ’’
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रोहित ने कहा, थोड़े बदलाव करने से फॉर्म में वापसी कर लूंगा
मुंबई, 22 मई (क्रिकेट न्यूज़) मुंबई इंडियन्स के कप्तान रोहित शर्मा ने स्वीकार किया कि बल्लेबाजी में काफी कुछ उनके अनुकूल नहीं रहा, लेकिन इस निराशाजनक सत्र के बावजूद उनकी रातों की नींद गायब नहीं हुई और थोड़े बदलाव करने से वह फिर से फॉर्म में वापसी कर लेंगे।
रोहित के लिये इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) का यह सत्र बेहद निराशाजनक रहा। आईपीएल के 2008 में पहले सत्र में पदार्पण करने से लेकर पहली बार ऐसा हुआ जबकि वह एक भी अर्धशतक बनाने में नाकाम रहे। इस सलामी बल्लेबाज ने 14 मैचों में 19.14 के औसत और 120.17 के स्ट्राइक रेट से केवल 248 रन बनाये।
रोहित ने शनिवार को सत्र का अपना आखिरी मैच खेलने के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘‘बहुत सी चीजें जो मैं करना चाहता था, उन्हें मैं नहीं कर पाया। मैं इस सत्र में अपने प्रदर्शन से बहुत निराश हूं। लेकिन ऐसा मेरे साथ पहले भी हो चुका है, इसलिए यह ऐसा नहीं है जिससे मैं पहली बार गुजर रहा हूं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मैं जानता हूं कि क्रिकेट यहीं खत्म नहीं होता, आगे हमें काफी क्रिकेट खेलनी है। इसलिए मुझे मानसिक पहलू पर ध्यान देने और इस पर विचार करने की जरूरत है कि मैं फॉर्म में कैसे लौट सकता हूं और कैसे अच्छा प्रदर्शन कर सकता हूं।’’
रोहित ने कहा, ‘‘थोड़े बदलाव करने होंगे और जब भी समय मिलेगा मैं इन पर काम करने की कोशिश करूंगा।’’
आईपीएल की सबसे सफल टीम मुंबई के लिये यह सत्र निराशाजनक रहा। दिल्ली कैपिटल्स पर आखिरी मैच में पांच विकेट की जीत के बावजूद वह अंतिम स्थान पर रही।
मुंबई ने लगातार आठ हार के साथ अपने अभियान की शुरुआत की और इसके बाद बाकी बचे छह में से चार मैचों में उसने जीत दर्ज की।
रोहित ने कहा, ‘‘यह सत्र हमारे लिए थोड़ा निराशाजनक रहा क्योंकि टूर्नामेंट की शुरुआत में हम अपनी रणनीति पर अमल नहीं कर पाये। हम जानते हैं कि आईपीएल जैसे टूर्नामेंट में आपको लय बनानी होती है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘शुरू में जब हम एक के बाद एक मैच हार रहे थे तो वह मुश्किल दौर था। हमारे लिये यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण था कि हमने जो भी रणनीति बनायी थी, हम उसके अनुसार चलें। हम जैसा चाहते थे यह वैसा नहीं हुआ।’’
रोहित ने कहा, ‘‘जब आपके पास एक नयी टीम होती है तो कभी-कभी ऐसा होता है क्योंकि कुछ खिलाड़ियों को अपनी भूमिका समझने में समय लगता है। कुछ खिलाड़ी इस फ्रेंचाइजी के लिये पहली बार खेल रहे थे।’’
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विश्वनाथन आनंद ने पोलैंड सुपरबेट रैपिड शतरंज टूर्नामेंट जीता
वारसॉ, 21 मई (चैस न्यूज़) पूर्व विश्व चैम्पियन विश्वनाथन आनंद ने सुपरबेट रैपिड एंव ब्लिट्ज पोलैंड शतरंज टूर्नामेंट के रैपिड वर्ग में एक दौर का खेल बाकी रहते शनिवार को जीत दर्ज कर ली ।
भारतीय के दिग्गज ग्रैंड मास्टर ने छह जीत और दो ड्रॉ मुकाबले से रैपिड वर्ग का खिताब अपने नाम किया।
शुरुआती दो दिनों में पांच जीत और एक ड्रॉ खेलने वाले आनंद ने सातवें दौर में रोमानिया के डेविड गैवरिलेस्कू को 25 चालों में हार मानने पर मजबूर कर दिया।
उन्होंने अगले दौर में अमेरिका के दिग्गज फैबियानो कारुआना खिलाफ 27 चाल के खेल के बाद ड्रॉ पर सहमति जता दी।
आनंद ने गुरुवार को शुरुआती दौर में पोलैंड के राडोस्लाव वोताजेक, अमेरिका के वेसली सो को और यूक्रेन के एंटोन कोरोबोव को मात दी थी। उन्होंने इसके अगले दिन यूक्रेन के किरिल शेवचेंको को शिकस्त देने के बाद अनुभवी लेव एरोनियन पर शानदार जीत हासिल की। उनके लगातार पांच जीत के सिलसिले को स्थानीय खिलाड़ी जन-क्रिजस्टॉफ डूडा ने छठे दौर के मैच को ड्रॉ करके खत्म किया।
रैपिड वर्ग के नौ दौर के बाद खिलाड़ी दो दिन तक ब्लिट्ज वर्ग के मुकाबले खेलेंगे जिसमें हर खिलाड़ी बाकी नौ से दो बार भिड़ेगा ।
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मुंबई से हारकर दिल्ली आईपीएल से बाहर , आरसीबी प्लेआफ में
मुंबई, 21 मई (क्रिकेट न्यूज़) जसप्रीत बुमराह के तीन विकेट समेत अपने गेंदबाजों के उम्दा प्रदर्शन की मदद से मुंबई इंडियंस ने दिल्ली कैपिटल्स को शनिवार को आखिरी लीग मैच में पांच विकेट से हराकर टूर्नामेंट से बाहर कर दिया जबकि रॉयल चैलेंजर्स बेंगलोर ने प्लेआफ में जगह बना ली ।
मुंबई प्लेआफ की दौड़ से पहले ही बाहर हो चुकी थी । पहले गेंदबाजी के कप्तान रोहित शर्मा के फैसले को सही साबित करते हुए मुंबई के गेंदबाजों ने दिल्ली को सात विकेट पर 159 रन पर रोक दिया । बुमराह ने चार ओवर में 25 रन देकर तीन विकेट चटकाये । जवाब में मुंबई के बल्लेबाजों ने पांच गेंद बाकी रहते लक्ष्य हासिल कर लिया ।
ईशान किशन ने 48 और डेवाल्ड ब्रेविस ने 37 रन बनाये जबकि टिम डेविड ने 11 गेंद में 34 रन की पारी खेली । तिलक वर्मा ने 17 गेंद में 21 रन बनाये ।
मुंबई का स्कोर 14 . 3 ओवर में तीन विकेट पर 95 रन था । उस समय दिल्ली के कप्तान ऋषभ पंत ने भारी चूक की जब डेविड पहली ही गेंद पर आउट थे लेकिन मैदानी अंपायर ने उन्हें आउट नहीं दिया और पंत ने डीआरएस का इस्तेमाल नहीं किया ।
डेविड ने इसके बाद चौकों छक्कों की बौछार करके लक्ष्य 14 गेंद में 15 रन कर दिया । रमनदीप ने छह गेंद में 13 रन बनाकर अपना योगदान दिया ।
दिल्ली 14 अंक लेकर तालिका में पांचवें स्थान पर रही जबकि आरसीबी 16 अंक के साथ प्लेआफ में पहुंच गई । गुजरात टाइटंस, राजस्थान रॉयल्स और लखनऊ सुपर जाइंट्स प्लेआफ में पहले ही पहुंच चुके हैं ।
इससे पहले दिल्ली का स्कोर एक समय 8.4 ओवर में चार विकेट पर 50 रन था लेकिन रोवमैन पॉवेल ने 34 गेंद में 43 और कप्तान ऋषभ पंत ने 33 गेंद में 39 रन बनाकर पारी को संभाला ।
दोनों ने 44 गेंद में 75 रन की साझेदारी करके टीम को संकट से निकाला । मुंबई के लिये रमनदीप सिंह ने दो ओवर में 29 रन देकर दो विकेट चटकाये ।
टायफाइड से उबरकर वापसी करने वाले दिल्ली के सलामी बल्लेबाज पृथ्वी साव फॉर्म में दिख रहे थे । उन्होंने डेनियल सैम्स को चौका और छक्का जड़ा । सैम्स ने हालांकि मुंबई को पहली सफलता दिलाई जब डेविड वॉर्नर शॉर्ट थर्डमैन पर खड़े बुमराह को कैच दे बैठे ।
बुमराह ने मिशेल मार्श को रोहित शर्मा के हाथों लपकवाया । इसके बाद एक कठिन बाउंसर पर साव का विकेट लिया । मयंक मार्कंडेय ने सरफराज खान को आफ स्टम्प से बाहर जाती गेंद पर लौटाया जिससे नौवे ओवर में दिल्ली का स्कोर चार विकेट पर 50 रन था ।
रितिक शोकीन और मयंक ने अच्छे तालमेल के साथ गेंदबाजी की । दिल्ली के दस ओवर में चार विकेट पर 55 रन ही बने थे ।
पंत ने ऐसे में पारी के सूत्रधार की भूमिका निभाई और पॉवेल ने 12वें ओवर में शोकीन को दो छक्के और एक चौका लगाकर 20 रन निकाले । अगले ओवर में उन्होंने मयंक को छक्का जड़ा । मुंबई का क्षेत्ररक्षण भी आखिर में ढीला हो गया जब तिलक वर्मा और बुमराह ने आसान चौके जाने दिये ।
रिले मेरेडिथ ने ऐसे में एक किफायती ओवर डालकर दो ही रन दिये । रोहित ने रमनदीप को फिर गेंद सौंपी जिसने तीन वाइड डाली और एक छक्का तथा एक चौका दे डाला ।
पॉवेल ने बुमराह को डीप स्क्वेयर लेग पर छक्का जड़ा जबकि अक्षर पटेल ने सैम्स की गेंद को सीमारेखा के पार पहुंचाया ।
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कोलाको की हैट्रिक से एटीकेएमबी ने बसुंधरा किंग्स को 4-0 से रौंदा
कोलकाता, 21 मई (फुटबॉल न्यूज़) भारतीय टीम के युवा फॉरवर्ड लिस्टन कोलाको की हैट्रिक गोल के दम पर एटीके मोहन बागान (एटीकेएमबी) ने शनिवार को यहां एएफसी (एशियाई फुटबॉल परिसंघ) कप में बांग्लादेश की टीम बसुंधरा किंग्स को 4-0 से हरा कर अंतर-क्षेत्रीय सेमीफाइनल में पहुंचने की अपनी उम्मीदों को बरकरार रखा है।
गोकुलम केरल से बुधवार को ग्रुप डी के पहले मैच में हार का सामना करने के बाद एटीके मोहन बागान को इस मैच में जीत की जरूरत थी। मैच के दौरान आकाशीय बिजली और तेज हवाओं ने साल्ट लेक स्टेडियम के कुछ हिस्सों को क्षतिग्रस्त कर दिया। इसके कारण मैच को 11वें मिनट के खेल के बाद लगभग एक घंटे तक रोकना पड़ा।
कोलाको ने नौ मिनट (25वें और 34वें मिनट) के अंदर दो गोलकर के बांग्लादेश प्रीमियर लीग की चैंपियन टीम पर दबाव बना दिया।
उन्होंने 53वें मिनट में अपनी हैट्रिक पूरी की तो वही डेविड विलियम्स ने 77वें मिनट में टीम के लिए चौथा गोल दागा।
एटीके मोहन बागान के अब दो मैचों में तीन अंक हैं और टीम अब 24 मई को माजिया स्पोर्ट्स एंड रिक्रिएशन क्लब से भिड़ेंगी। टीम एएफसी अंतर-क्षेत्रीय सेमीफाइनल में ग्रुप डी से एकमात्र जगह पक्की करने के लिए इस मैच को जीतने के साथ उम्मीद करेगी कि अन्य मैचों के परिणाम भी उसके हक में रहे।
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दिल्ली कैपिटल्स के सात विकेट पर 159 रन (इंडियन प्रीमियर लीग)
मुंबई, 21 मई (क्रिकेट न्यूज़) मुंबई इंडियंस के खिलाफ इंडियन प्रीमियर लीग में ‘करो या मरो’ के मुकाबले में दिल्ली कैपिटल्स ने शनिवार को सात विकेट पर 159 रन बनाये ।
मुंबई के कप्तान रोहित शर्मा ने टॉस जीतकर गेंदबाजी का फैसला किया । दिल्ली के लिये रोवमैन पॉवेल (43) और कप्तान ऋषभ पंत (39) के अलावा कोई बल्लेबाज टिक नहीं सका ।
मुंबई के लिये जसप्रीत बुमराह ने तीन और रमनदीप सिंह ने दो विकेट लिये ।
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पावर हिटिंग और अपने शॉट्स पर काफी मेहनत की है : वेलोसिटी की कप्तान दीप्ति शर्मा
पुणे, 21 मई (क्रिकेट न्यूज़) भारतीय हरफनमौला दीप्ति शर्मा ने शनिवार को कहा कि वह सोमवार से शुरू हो रहे महिला टी20 चैलेंज में वेलोसिटी की कप्तानी के लिये तैयार हैं और उन्होंने पावर हिटिंग तथा अपने शॉट्स पर काफी मेहनत की है ।
शर्मा इस साल मिताली राज की जगह वेलोसिटी की कप्तानी करेंगी । मिताली और झूलन गोस्वामी को इस साल घरेलू टी20 टूर्नामेंट से बाहर रखा गया है ।
शर्मा ने वर्चुअल प्रेस कांफ्रेंस में कहा ,‘‘ मुझे कप्तानी पसंद है । मैने घरेलू स्तर पर कप्तानी की है और जब भी मौका मिलता है, मैं इसके लिये तैयार हूं ।’’
यह पूछने पर कि महिला विश्व कप के बाद अपने खेल के किन पहलुओं पर उन्होंने मेहनत की है, उन्होंने कहा ,‘‘ मैने पावर हिटिंग पर मेहनत की है । इसके साथ ही इनसाइड आउट शॉट्स पर भी काफी काम किया है ।’’
शर्मा ने पारी की शुरूआत करने का भी संकेत दिया । उन्होंने कहा ,‘‘टीम की जरूरत के मुताबिक कहीं भी बल्लेबाजी के लिये तैयार हूं । उम्मीद है कि मैं पारी की शुरूआत करूंगी जो घरेलू क्रिकेट में करती आई हूं । शीर्ष क्रम पर बल्लेबाजी मुझे पसंद है क्योंकि इससे पारी बनाने का समय मिल जाता है और पावरप्ले के ओवर भी ।’’
टूर्नामेंट का आगाज गत चैम्पियन ट्रेलब्लेजर्स और सुपरनोवास के बीच सोमवार को मैच से होगा । इसके बाद मंगलवार को सुपरनोवास और वेलोसिटी का सामना होगा । वेलोसिटी और ट्रेलब्लेजर्स 26 मई को खेलेंगे और 28 मई को फाइनल होगा ।
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मुंबई इंडियंस का टॉस जीतकर गेंदबाजी का फैसला (आईपीएल)
मुंबई, 21 मई (क्रिकेट न्यूज़) मुंबई इंडियंस के कप्तान रोहित शर्मा ने इंडियन प्रीमियर लीग के आखिरी लीग मैच में शनिवार को टॉस जीतकर गेंदबाजी का फैसला किया ।
मुंबई टीम में डेवाल्ड ब्रेविस और रितिक शोकीन की जगह ट्रिस्टान स्टब्स और संजय यादव को शामिल किया गया है । वहीं दिल्ली टीम में पृथ्वी साव की टायफाइड से उबरने के बाद वापसी हुई है जो ललित यादव की जगह लेंगे ।
दिल्ली को प्लेआफ में पहुंचने के लिये यह मैच हर हालत में जीतना है ।
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ओलिंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व करना ही मेरा सपना : आफरीन हैदर
एक सच्चा चैंपियन वह है जो अपने सपनों का पीछा करते हुए बाधाओं पर विजय प्राप्त करता है, जो सुर्खियों में खुद न आ कर अपने प्रदर्शन को खुद के लिए बोलने देता है। 22 साल की आफरीन हैदर एक सच्चे चैंपियन की ऐसी ही एक मिसाल हैं। अंडर 62 किग्रा वर्ग में अखिल भारतीय रैंक 1 एक राष्ट्रीय चैंपियन है और अगली पीढ़ी की लड़कियों के लिए एक प्रेरणा है जो भविष्य में कॉम्बैट खेलों को आगे बढ़ाने की इच्छा रखती हैं।
इस विशेष साक्षात्कार में, आफरीन हैदर ने अपनी यात्रा, चुनौतियों पर काबू पाने, अपने माता-पिता से समर्थन, विशेष उपलब्धियों, ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व करने और भविष्य में लड़ाकू खेलों को आगे बढ़ाने की इच्छा रखने वाली लड़कियों के लिए अपने संदेश के बारे में बात करती हैं।
Q 1) कश्मीर की एक लड़की को ताइक्वांडो खेलने की प्रेरणा कैसे मिली? हमें अपनी यात्रा के बारे में बताएं और आपको पेशेवर रूप से ताइक्वांडो को आगे बढ़ाने के लिए किस बात ने प्रेरित किया।
मेरे लिए, ताइक्वांडो एक शौक के रूप में शुरू हुआ जो अंततः एक जुनून में बदल गया। जब मैं स्कूल में थी तब मैंने सिर्फ 7 साल की उम्र में खेल खेलना शुरू कर दिया था।
Q 2) एक कॉम्बैट खेल में शामिल एक लड़की के रूप में, पेशेवर रूप से ताइक्वांडो को आगे बढ़ाने के लिए आपको किन चुनौतियों का सामना करना पड़ा है?
मैं अपने करियर की शुरुआत से ही रूढ़ियों या पुराने विचारों के खिलाफ रही हूं। सामाजिक दबाव, ताने और यहां तक कि धमकियों के कारण कश्मीर में अभ्यास करना आसान नहीं था, लेकिन इन सब से मैं नही रुकी। न तो प्रशिक्षण की उचित सुविधा थी, न ही खेल का माहौल था, लेकिन खुशी की बात है कि यह अब तेजी से बदल रहा है।
Q 3) आपके माता-पिता आपके साथ कैसे खड़े रहे और आपकी यात्रा में आपका समर्थन किया? आपके अब तक के करियर में अहम भूमिका निभाने वाले लोग कौन हैं?
मेरे माता-पिता ने हमेशा मेरे करियर का बहुत समर्थन किया है, खासकर मेरी मां। उन्होंने कई सामाजिक दबावों को नजरअंदाज किया और मुझे अपने सपनों को पूरा करने का हौसला दिया। मैंने हाल ही में पुनीत बालन ग्रुप के साथ करार किया है और उन्होंने भी मेरा बहुत अच्छा समर्थन किया है।
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Q 4) आप जम्मू और कश्मीर के लिए पहले आधिकारिक जूनियर पदक विजेता थे। आपके करियर के कुछ और खास पल कौन से हैं और क्यों?
ऑल इंडिया रैंक 1 हासिल करना मेरे लिए बेहद खास पल था और मैं जम्मू-कश्मीर राज्य की एकमात्र एथलीट हूं, जिसने वर्ल्ड रैंकिंग में जगह बनाई है। मुझे विश्वास है कि मैं कश्मीर में खेल व्यवस्था में बदलाव ला सकती हूं ताकि राज्य से और अधिक चैंपियन विकसित किए जा सकें।
Q 5) क्या आप मानते हैं कि आप एक दिन ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व कर सकते हैं? यदि हां, तो आप उस सपने की तैयारी कैसे कर रहे हैं?
हां, मुझे विश्वास है कि मैं एक दिन ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व करूंगी और अपनी उपलब्धियों पर सभी को गर्व महसूस कराऊंगी।
Q 6) उन सभी लड़कियों के लिए आपका क्या संदेश है जो ताइक्वांडो या किसी अन्य लड़ाकू खेल को पेशेवर रूप से अपनाना चाहती हैं लेकिन सामाजिक दबाव का सामना कर रही हैं?
मुझे अपने करियर में हर तरह की बाधाओं का सामना करना पड़ा है लेकिन मेरी यात्रा के नकारात्मक पहलुओं ने भी इसे शानदार बना दिया है। मैंने इस प्रक्रिया में बहुत कुछ सीखा है और मैं अन्य लड़कियों को बताना चाहूंगी जो ताइक्वांडो में अपना कैरियर बनाने का सपना देख रही है कि चाहे जो हो जाये आप अपने सपने को कभी न छोड़े और उसे जरूर पूरा करें।
मेरा लक्ष्य भारत का पहला ताइक्वांडो ओलंपियन बनना है: शिवांश त्यागी
एक किसान परिवार से ताल्लुक रखने वाले, 22 वर्षीय शिवांश त्यागी ने भारत में ताइक्वांडो के खेल पर अपनी छाप छोड़ने के लिए कई बाधाओं को पार किया है। उन्होंने मॉन्ट्रियल में कॉमनवेल्थ चैंपियनशिप में कांस्य पदक और जॉर्डन में एक और कांस्य पदक जीता है। वह संयुक्त अरब अमीरात में फौजीरत ओपन टूर्नामेंट में भी विश्व स्तर पर पांचवें स्थान पर रहे और अपने प्रभावशाली प्रदर्शन के कारण 74 किलोग्राम वर्ग में भारत में पहली रैंकिंग हासिल की।
इस विशेष साक्षात्कार में, शिवांश त्यागी ने खेल में अपनी यात्रा, एशियाई चैंपियनशिप से उम्मीदों, चुनौतियों पर काबू पाने, अपने करियर में यादगार उपलब्धियों, घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय आयोजनों में अंतर और भविष्य के लिए अपने लक्ष्यों के बारे में बात की।
Q 1) एक किसान परिवार से होने के कारण, आपका ताइक्वांडो से परिचय कैसे हुआ और किस बात ने आपको इसे पेशेवर रूप से अपनाने के लिए प्रेरित किया?
मैंने स्कूल में ताइक्वांडो शुरू किया और एक किसान परिवार से होने के कारण, ताइक्वांडो को अपनाना आसान नही था क्योंकि भारत में ताइक्वांडो प्रचलित नहीं है। यह एक शौक के रूप में शुरू हुआ और 2012 के ओलंपिक को देखने के बाद इसे पेशेवर रूप से एक खेल के रूप में लेने का मेरा सपना बन गया। जब मैंने राष्ट्रीय खेलों में स्वर्ण पदक जीता, तो यह मेरे लिए एक बड़ी प्रेरणा थी और लगा कि इस खेल में मेरा भविष्य है।
Q 2) जून में होने वाली एशियाई चैंपियनशिप से आपकी क्या उम्मीदें हैं?
मैं निश्चित रूप से पदक जीतना चाहूंगा। यह मेरे लिए और देश के लिए भी एक अविश्वसनीय अवसर है। मैं इसके लिए बहुत मेहनत कर रहा हूं और मैं पदक जीतने के लिए उत्सुक हूं।
Q 3) भारत में ताइक्वांडो एथलीट के रूप में आपको किन चुनौतियों का सामना करना पड़ा है? आपने उन्हें कैसे मात दी?
चुनौतियाँ एक एथलीट के जीवन का हिस्सा होती हैं और उनके बिना कोई भी एथलीट नहीं बनता है। यह इस बारे में नहीं है कि भारतीय ताइक्वांडो एक एथलीट को क्या दे सकता है, परन्तु यह एक भारतीय एथलीट देश में ताइक्वांडो को क्या दे सकता है। यही मेरा नजरिया है और इसी तरह मैं चुनौतियों से पार पाता हूं।
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Q 4) आपके करियर में आपकी कुछ सबसे बड़ी और सबसे यादगार उपलब्धियां क्या हैं?
मेरे लिए सबसे बड़ी उपलब्धि कॉमनवेल्थ गेम्स 2017 में कांस्य पदक हासिल करना था। यह मेरा पहला अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट का अनुभव था और मुझे कांस्य पदक मिला। इंडियन ओपन मेरे दिल के बहुत करीब है क्योंकि मैंने 2019 में गोल्ड मेडल जीता था।
Q 5) घरेलू टूर्नामेंटों में ताइक्वांडो का स्तर अंतरराष्ट्रीय आयोजनों की तुलना में कितना अलग है?
जब मैं अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट के लिए जाता हूं तो मैंने देखा है कि वे भारत की तुलना में कहीं अधिक संगठित हैं। घरेलू स्तर की तुलना में प्रतिस्पर्धा का स्तर भी बहुत अधिक है।
Q 6) आपके भविष्य के लक्ष्य और आकांक्षाएं क्या हैं? आप उन्हें कैसे हासिल करने की योजना बना रहे हैं?
मेरा लक्ष्य ओलंपिक में ताइक्वांडो में भाग लेने वाला पहला भारतीय बनना और भारत का नाम विश्व मानचित्र पर रखना है। मैं नई पीढ़ी को भविष्य में ताइक्वांडो को एक खेल के रूप में अपनाने के लिए प्रेरित करना चाहता हूं।
मैं अपनी उपलब्धियों से भारत को गौरवान्वित करना चाहता हूं: वरुण प्रदीप दवे
हाल ही में रूस में पावरलिफ्टिंग विश्व कप में चार नए विश्व रिकॉर्ड हासिल करने के बाद, भारतीय पावरलिफ्टर वरुण प्रदीप दवे ने दुनिया को अपने पैरों पर खड़ा कर लिया है। वह एडब्ल्यूपीसी मेन्स जूनियर सिंगल प्लाई श्रेणी में सबसे कम उम्र के विश्व रिकॉर्ड धारक भी हैं, जो अंतरराष्ट्रीय उत्कृष्टता पुरस्कार पाने वाले और फील्ड पावरलिफ्टिंग और स्ट्रेंथ एथलेटिक्स में मानद डॉक्टरेट प्राप्त करने वाले पहले भारतीय पावरलिफ्टर हैं।
इस विशेष साक्षात्कार में, वरुण प्रदीप दवे ने अपनी यात्रा, विश्व रिकॉर्ड हासिल करने, TEDx भाषण देने, अपने करियर में विशेष उपलब्धियों, मानसिक स्वास्थ्य के महत्व, चुनौतियों पर काबू पाने और भविष्य के लक्ष्यों के बारे में बात की।
Q 1) आपने पहली बार पॉवरलिफ्टिंग कब शुरू की और किस वजह से आपने इसे पेशेवर रूप से आगे बढ़ाया?
मैं हमेशा से खेलों का शौकीन रहा हूं और मेरा सपना था कि मैं किसी भी खेल में टीम इंडिया के लिए खेलूं। मैंने अपनी छुट्टियों के दौरान जिम जाना शुरू किया और यहीं से मेरी यात्रा शुरू हुई। मैंने राज्य स्तर पर चार स्वर्ण पदक और राष्ट्रीय स्तर पर तीन स्वर्ण पदक जीते जिससे मुझे 15 साल की उम्र में भारत का प्रतिनिधित्व करने का मौका मिला। मैं टीम का सबसे कम उम्र का एथलीट था और मुझे विश्व कप में भारत का प्रतिनिधित्व करने का अवसर मिला। तभी मैंने पावरलिफ्टिंग में अपना करियर बनाने और अपनी उपलब्धियों से भारत को गौरवान्वित करने के लिए अपना 100% देने का फैसला किया।
Q 2) आपने हाल ही में रूस में पावरलिफ्टिंग विश्व कप में चार नए विश्व रिकॉर्ड बनाए हैं। हमें उन उपलब्धियों के बारे में बताएं और यह आपके लिए कितना मायने रखती है।
मैंने हाल ही में विश्व कप में चार नए विश्व रिकॉर्ड हासिल किए हैं और टूर्नामेंट से पहले, मुझे इस आयोजन में अपनी छाप छोड़ने की क्षमता पर पूरा भरोसा था। हालांकि, टूर्नामेंट से ठीक एक हफ्ते पहले, मेरा एक्सीडेंट हो गया और मेरे पैर में 30 टांके लगाने पड़े। डॉक्टर ने मुझे रूस नहीं जाने की सलाह दी लेकिन मैंने नहीं सुनी और टूर्नामेंट में जजों से अपनी चोट छुपाई। अपनी चोट के बावजूद, मैं चार विश्व रिकॉर्ड बनाने में सफल रहा जो अभी भी मेरे लिए एक सपने जैसा लगता है। मैंने इसे हकीकत में बदलने के लिए पिछले पांच सालों में बहुत मेहनत की है और यह सफर कठिन रहा है क्योंकि मैं खेल की पृष्ठभूमि नहीं है। पीछे मुड़कर देखने पर तमाम मुश्किलों के बावजूद ऊपर का नजारा गौरवान्वित करने वाला है।
Q 3) आप TEDx भाषण देने वाले पहले भारतीय पावरलिफ्टर भी थे। वह अनुभव कैसा था?
TEDx भाषण देना मेरे जीवन के अब तक के सबसे अच्छे अनुभवों में से एक था, क्योंकि मुझे अपने करियर में कम समय में अवसर मिला था, लेकिन इसने मुझे खुद को कम न आंकने का एक मूल्यवान सबक सिखाया। मैं वैश्विक मंच पर भारतीय पावरलिफ्टिंग का चेहरा बनने का अवसर पाकर बहुत आभारी हूं।
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Q 4) आपके करियर की सबसे खास उपलब्धि क्या है और क्यों?
मेरे जीवन की सबसे खास उपलब्धि 17 साल की उम्र में गुजरात के सबसे ताकतवर व्यक्ति का खिताब जीतना था। यह उपलब्धि अभूतपूर्व थी क्योंकि इतनी कम उम्र में गुजरात के किसी भी व्यक्ति को ओपन कैटेगरी में यह खिताब नहीं दिया गया था और इसे यह बात और अधिक यादगार बनाता है कि उस समय मैं बैक-टू-बैक टूर्नामेंट हार रहा था और मुझे बहुत आलोचना का सामना करना पड़ रहा था। यह मेरे लिए बहुत खास है क्योंकि किसी को विश्वास नहीं था कि मैं वह कर सकता था।
Q 5) चैंपियन पॉवरलिफ्टर बनने में मानसिक स्वास्थ्य कितना महत्वपूर्ण है?
मेरा मानना है कि मानसिक स्वास्थ्य न केवल पावरलिफ्टिंग में बल्कि किसी भी खेल या क्षेत्र में महत्वपूर्ण है क्योंकि एक स्थिर दिमाग के बिना अपनी क्षमताओं का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना बहुत मुश्किल है। अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए अपने दिमाग को प्रशिक्षित करना बहुत महत्वपूर्ण है और मैंने कठिन समय से गुजरने के बाद मानसिक स्वास्थ्य के महत्व को महसूस किया है। मैं हमेशा उन लोगों के लिए खुद को उपलब्ध कराता हूं जो मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों से पीड़ित हैं क्योंकि मैं उनके सामने आने वाली कठिनाइयों के प्रति सहानुभूति रखता हूं।
Q 6) पॉवरलिफ्टर के रूप में आपने अपनी यात्रा में किन चुनौतियों का सामना किया है? आपने उन्हें कैसे मात दी?
मैं एक शाकाहारी हूँ अतः मेरे आहार से आवश्यक प्रोटीन प्राप्त करना हमेशा कठिन होता है। पहले, मेरे छोटे कद के कारण, मुझे प्रोटीन शेक का सेवन करने की अनुमति नहीं थी, जिससे पॉवरलिफ्टर होने के लिए आवश्यक पोषण प्राप्त करना और भी मुश्किल हो गया था। मैं एक इंजीनियरिंग छात्र भी हूं इसलिए अपनी पढ़ाई और पावरलिफ्टिंग में संतुलन बनाना बहुत मुश्किलों के साथ सीख लिया है।
Q 7) आपके भविष्य के लक्ष्य क्या हैं? आप उन्हें कैसे हासिल करने की योजना बना रहे हैं?
मैं खुद को एक सपने देखने वाला मानता हूं और मेरे जीवन में कई जुनून हैं। मैं अभिनय, गायन और पावरलिफ्टिंग करना चाहता हूं। मैं किसी भी चीज का पीछा करता हूं जो मेरा दिल मुझसे कहता है और मानता हूं कि अगर आपके अंदर वह चिंगारी या आग है तो कुछ भी हासिल किया जा सकता है। मैं एक किताब भी लिख रहा हूं और गुजरात में बतौर अभिनेता 2 से 3 क्षेत्रीय वेब सीरीज में काम कर चुका हूं। मेरा आदर्श वाक्य है "आप जितना सोचते हैं उससे ज्यादा मजबूत हैं" इसलिए मेरी योजना अपने सपनों को हासिल करने के लिए कड़ी मेहनत करना जारी रखने की है।
अमन कादयान ने वर्ल्ड ताइक्वांडो ग्रां प्री के लिए क्वालीफाई कर इतिहास रचा दिया
अमन कादयान वर्ल्ड ताइक्वांडो ग्रां प्री के लिए क्वालीफाई करने वाले पहले भारतीय बनने के साथ ही उन्होंने इतिहास रच डाला। 22 वर्षीय खिलाड़ी 3 से 5 जून के बीच रोम में प्रतिस्पर्धा करेंगे और न केवल दुनिया के सर्वश्रेष्ठ ताइक्वांडो एथलीटों में अपनी पहचान बनाएँगे बल्कि टूर्नामेंट जीतने का भी लक्ष्य रखेंगे।
इस एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में, अमन कादयान ने अपनी इस उपलब्धि के बारे में अपने विचार साझा किए, टूर्नामेंट से उनकी उम्मीदें, उनके लिए जीतना कितना मायने रखता है और इस सपने को साकार करने में उनके सपोर्ट सिस्टम ने क्या भूमिका निभाई है।
Q1) आप वर्ल्ड ताइक्वांडो ग्रां प्री के लिए क्वालीफाई करने वाले पहले भारतीय बन गए हैं, इस जबरदस्त उपलब्धि के बारे में अपने विचार बताएं?
यह मेरे लिए किसी सपने के सच होने जैसा था। जब मैं ताइक्वांडो वीडियो देखता था, तो मैं भारत का प्रतिनिधित्व करने का सपना देखता था। जब मैंने पेशेवर रूप से खेलना शुरू किया तो मुझे एहसास हुआ कि यह संभव है लेकिन इसमें काफी मेहनत लगेगी। जब वह क्षण वास्तव में हुआ तो यह मेरे लिए बहुत चौंकाने वाला था क्योंकि मुझे अचानक एक ईमेल मिला। मैं प्रशिक्षण के बाद अपने कोच के साथ खड़ा था और मैं उन्हें ईमेल दिखाने के लिए बहुत उत्साहित था। मैं उनके पास गया और कहा कि हमने आखिरकार कर दिया। उन्होंने मुझे कसकर गले लगाया और फिर मेरे साथी अंदर आए और वे बहुत खुश थे। वह क्षण हमेशा मेरी स्मृति में अंकित रहेगा क्योंकि यह अप्रत्याशित घटना थी। पहले तो मेरे लिए इसे पचाना मुश्किल था। मुझे भी कई बार खुद से जांच करनी पड़ी कि यह असली है या नहीं क्योंकि मैंने सोचा था कि क्वालीफाई करना इस बार ज्यादा मुश्किल होगा।
Q 2) रोम में होने वाले टूर्नामेंट से आपकी क्या उम्मीदें हैं? क्या आप मानते हैं कि आप जीतने के लिए हर संभव प्रयास कर सकते हैं?
तायक्वोंडो को अभी कुछ नए नियम मिले हैं जो एक ही समय में इसे कठिन और दिलचस्प बनाते हैं। रोम में बड़े नाम और ओलंपिक चैंपियन होंगे, यह एक बहुत ही कठिन प्रतियोगिता होगी क्योंकि केवल 32 एथलीटों ने इसके लिए क्वालीफाई किया है। मैं कभी नहीं सोचता कि मुझमें किसी गुण की कमी है या कि मैं औरों से कम हूँ। मैं हमेशा सोचता हूं कि मेरे खिलाफ एथलीट भी मेरे जैसे ही हैं। मैं जीतने की पूरी कोशिश करूंगा और आखिरी सेकेंड तक मैं अपना सब कुछ दे दूंगा, चाहे नतीजा कुछ भी हो। मैं पदकों के बारे में नहीं सोच रहा हूं लेकिन मैं अपने पूरे प्रयास में अपने देश को गौरवान्वित करने का लक्ष्य रखूंगा।
Q 3) आप पहले 2019 में ओशिनिया क्षेत्र में WT प्रेसिडेंट कप में पदक जीते हैं, इंडियन ओपन इंटरनेशनल 2019 में एक स्वर्ण, और डब्ल्यूटी प्रेसिडेंट कप एशियाई क्षेत्र 2018 और इज़राइल ओपन 2018 में एक-एक कांस्य जीता है। क्या वर्ल्ड ताइक्वांडो ग्रांड प्रिक्स में आपकी जीत आपके करियर का सबसे खास होगा?
हां, ताइक्वांडो ग्रांड प्रिक्स एक प्रमुख श्रृंखला है और इससे पहले कोई भी भारतीय इस स्तर पर नहीं गया है, इसलिए जब यह आयोजन होता है तो पूरी दुनिया इस पर ध्यान देती है। अगर मैं पदक जीतता हूं तो मुझे विश्व स्तर पर पहचान मिलेगी और यह मेरे करियर में एक कदम भी होगा।
Q 4) पीस ताइक्वांडो अकादमी ने आपको वर्ल्ड ताइक्वांडो ग्रां प्री के लिए क्वालीफाई करने में कैसे मदद की है?
मुझे लगता है कि पीस ताइक्वांडो अकादमी ने मेरी बहुत मदद की है लेकिन मुझे लगता है कि मेरे करियर में दो लोगों ने मेरे करियर में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, विनेश सर और मेरे कोच हसन सर। मुझे लगता है कि किसी ने भी मुझे उतना समर्थन नहीं दिया जितना उन्होंने दिया। वे हमेशा मेरे लिए भावनात्मक रूप से रहे हैं, मुझे विभिन्न प्रतियोगिताओं और सभी के लिए मानसिक रूप से तैयार करते हैं। मेरा परिवार भी मेरे लिए एक बड़ी प्रेरणा रहा है, हर मामले में मेरा समर्थन करता है और ज्यादातर मुझे बेहतर प्रदर्शन करने के लिए प्रोत्साहित करता है।