आर्थिक और राजनीतिक संकट के बीच नजरें श्रीलंका के खिलाड़ियों पर

बर्मिंघम, 27 जुलाई (क्रिकेट न्यूज़) राष्ट्रमंडल खेलों के लिए यहां पहुंचे श्रीलंका के खिलाड़ी भले ही पदक के प्रबल दावेदार नहीं हों लेकिन स्वदेश में आर्थिक और राजनीतिक संकट के बीच उनका यहां पहुंचना ही किसी जीत से कम नहीं है।

श्रीलंका महीनों से आर्थिक संकट और राजनीतिक अस्थिरता से गुजर रहा है और देश में जरूरी चीजों की भी कमी हो गई है।

श्रीलंका की बास्केटबॉल टीम सभी समस्याओं से उबरते हुए यहां पहुंची है।

आजीविका के लिए बैंक में काम करने वाली महिला टीम की कप्तान चेलानी ने बताया कि वह कोलंबो में किस तरह रोजाना 20 किमी पैदल चलती थी।

चेलानी ने पीटीआई से कहा, ‘‘सभी खिलाड़ी मानसिक रूप से काफी मजबूत हैं। स्वदेश में मौजूदा स्थिति काफी मुश्किल है लेकिन इसने हमें मजबूत बनाया है। हमें यहां तक पहुंचने के लिए काफी समस्याओं का सामना करना पड़ा और यहां पहुंचकर शानदार लग रहा है।’’

नौकरी होने के बावजूद चेलानी के लिए चीजें आसान नहीं रही हैं।

ग्यारह साल की उम्र से बास्केटबॉल खेल रहीं चेलानी ने कहा, ‘‘मैं रोजाना 20 किमी पैदल चला करती थी। कार्यालय से घर तक पांच किमी, इसके बाद घर से ट्रेनिंग केंद्र के समीप बस स्टॉप तक 10 किमी और फिर वहां पहुंचने के लिए पांच किमी। यह काफी मुश्किल था। ’’

टीम के कोच अजीत कुरुप्पू का मानना है कि उनकी टीम कड़ी चुनौतियों के बावजूद उनकी टीम ने सर्वश्रेष्ठ संभावित तरीके से तैयारी की है।

पुरुष टीम के सदस्य 23 साल के ब्रेंट आर्नोल्ड ने कहा कि वह अभ्यास के लिए हफ्ते में चार बार 11 से 12 किमी पैदल चलते थे।

आर्नोल्ड ने कहा, ‘‘किसी भी खिलाड़ी के लिए इतना अधिक चलना सामान्य बात नहीं है लेकिन मेरे पास कोई विकल्प नहीं था। यह मुश्किल था लेकिन खिलाड़ी कभी हार नहीं मानते और मैं टीम के अन्य खिलाड़ियों को भी यही कहता हूं। हम यहां पदक जीतने और अपने देश को गौरवांवित करने आए हैं। ’’

श्रीलंका में बुरे हालात का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि वहां लोगों को ईंधन के लिए अपने कारों में ही कई दिनों तक इंतजार करना पड़ रहा है।

भाषा 

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