सैमुअल थेवानयागम की पुस्तक ‘ द फर्स्ट टेन रन इन सिंगल्स ‘ कॉर्पोरेट नेताओं के लिए क्रिकेट के मैदान से सीख लाती है

सर डॉन ब्रैडमैन की प्रसिद्ध उक्त्ति है, “कविता पढ़ना और क्रिकेट देखना ही मेरी कुल दुनिया है, इन दोनों में इतनी दूरी भी नहीं जितना सौंदर्यशास्त्री मानते हैं।” और हम क्रिकेट प्रशंसक इससे सहमत हैं! क्रिकेट का खेल, अपने कट्टर प्रशंसकों के लिए सिर्फ एक खेल नहीं है। यह उनके लिए एक भावना, अभिव्यक्ति और सबसे महत्वपूर्ण एक  प्रेरणा है। 

इसी तरह के नोट पर, 'द फर्स्ट टेन रन्स इन सिंगल्स' श्री सैमुअल प्रकाश थेवनयागम द्वारा लिखित एक पुस्तक है, जो श्रीलंका में जन्मे अमेरिकी विचारक, उद्यमी और एक समय के बड़े क्रिकेट प्रेमी हैं, जो व्यक्तियों को क्रिकेट के खेल द्वारा मूल्यवान जीवन सबक और रणनीतियों द्वारा तैयार किए गए एक सफल जीवन जीने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। 

तीस अध्यायों वाली यह पुस्तक, जीवन के कोच की तरह, व्यावहारिक सलाह और समाधान प्रदान करती है। क्रिकेट से प्रेरित यह पुस्तक अपने पाठकों को एक राह सुझाती है ताकि वे अपने व्यक्तिगत और पेशेवर मोर्चों पर खुद को बेहतर बनाने के लिए अपने दैनिक जीवन में इसका उपयोग कर सकें।
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स्पोगो न्यूज़ के साथ एक विशेष साक्षात्कार में, श्री थेवनयागम, जिन्हें सैम टी के नाम से जाना जाता है, ने अपनी पुस्तक, खेल के प्रति अपने प्रेम और क्रिकेट के खेल से प्राप्त महत्वपूर्ण सबक के बारे में बात की।

Q1)  आपको 'द फर्स्ट टेन रन इन सिंगल्स’ लिखने की प्रेरणा कैसे मिली?
उत्तर: मैं क्रिकेट खेलकर और अपने पिता की सलाह सुनकर बड़ा हुआ हूं। जैसे-जैसे मैं बड़ा होता गया, मुझे एहसास हुआ कि मेरे पिता जो मुझे सिखा रहे थे वह जीवन के लिए उपयोगी था। यही प्रेरणा थी जिसने मुझे किताब लिखने के लिए प्रेरित किया।

Q2) एक व्यक्ति क्रिकेट के खेल से कौन से व्यक्तिगत मूल्य या सबक सीख सकता है?
उत्तर: पुस्तक में 30 अध्याय हैं, उनमें से प्रत्येक एक मूल्य से जुड़ा है। उदाहरण के तौर पर पहल करना, धैर्य रखना, विवेक का अभ्यास करना आदि।

Q3) आपने अपनी पुस्तक के लिए केवल क्रिकेट को ही क्यों चुना और किसी अन्य खेल को क्यों नहीं चुना?
उत्तर: क्रिकेट मेरा जुनून है और यही वह खेल है जो मैंने बड़े होते हुए खेला है। सभी खेलों से सीख मिल सकती है, खासकर टीम के खेल से। क्रिकेट में बहुत सारी सामूहिक रणनीति शामिल होती है।

Q4) आपको क्या लगता है कि पिछले दो से तीन दशकों में क्रिकेट का कितना विकास हुआ है?
उत्तर: दर्शक के लिए टी20 प्रारूप में 4 घंटे में परिणाम देने में सक्षम होने के कारण क्रिकेट बदल गया है। खेल भी अधिक रोमांचक, अधिक एक्शन से भरपुर और तेज होता जा रहा है जो दर्शकों के लिए अधिक मज़ेदार और रोमांचक है।

Q5) आपके व्यक्तित्व को आकार देने में क्रिकेट ने क्या भूमिका निभाई?
उत्तर: क्रिकेट ने मुझे उस व्यक्ति का आकार दिया है जो मैं आज हूँ, लीडर के रूप में और टीम के साथी के रूप में । कभी-कभी मुझे तेजी से स्कोर करना पड़ता है या तत्परता से खेलना पड़ता है। जब चीजे मेरे नियंत्रण से बहार होती थीं तो अपने ऊपर संयम रखना,  जीवन की परिस्थितियों के साथ तालमेल बिठाना और ऐसी स्थिति का सामना करना जिससे मैं परिचित नहीं हूँ , यह सब मुझे क्रिकेट से सीखने को मिला। मैं भी अपने प्रयासों और दूसरों के प्रयासों से जीवन में जीतता और हारता हूँ।
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Q6) किसी व्यक्ति के जीवन में आप क्रिकेट या किसी अन्य खेल की भूमिका को कितना महत्वपूर्ण मानते हैं? 
उत्तर: एक CEO और लीडर के रूप में मुझे अपने तीन व्यवसायों में काम करने के लिए संभावित उम्मीदवारों की भर्ती और खोज करना होता है। मैं हमेशा ऐसे पुरुष और महिलाओं की तलाश में रहता हूँ जो खिलाड़ी रहे हों क्योंकि वे अच्छे टीम साथी होते हैं। जानते हैं कि कैसे जीतना और हारना है और  खेल की विभिन्न स्थितियों को समझते है। एथलीटों को भर्ती करके मुझे कुछ जबरदस्त प्रतिभाओं को भर्ती करने का सौभाग्य मिला है। पुरुष और महिला (खिलाड़ी) कड़ी मेहनत करना, मजबूत समापन करना और परिस्थितियों के साथ बदलना सीखें। यही सब मैंने एक क्रिकेटर होने और एक प्रशंसक होने के नाते सीखा है।

Q7) क्या आप इस मुश्किल हालात में अपने पाठकों को प्रेरित करने के लिए पुस्तक से अपनी कोई पसंदीदा पंक्ति या उद्धरण साझा करना चाहेंगे?
उत्तर: भरोसे के बिना आपके पास कुछ भी नहीं है। यह वह नींव है जिस पर सभी रिश्ते बने होते हैं। विश्वास के बिना प्रेम भी नहीं पनप सकता।

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