‘क्षेत्ररक्षण में बाधा पहुंचाने’ के लिए आउट होने वाले बांग्लादेश के पहले बल्लेबाज बने रहीम

मीरपुर (बांग्लादेश), छह दिसंबर (भाषा) बांग्लादेश के विकेटकीपर बल्लेबाज मुश्फिकुर रहीम बुधवार को यहां टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में ‘क्षेत्ररक्षण में बाधा पहुंचाने’ के लिए आउट होने वाले 11वें खिलाड़ी बन गये। टेस्ट में 22 साल के बाद कोई खिलाड़ी इस तरह से आउट हुआ है।

मीरपुर (बांग्लादेश), छह दिसंबर (भाषा) बांग्लादेश के विकेटकीपर बल्लेबाज मुश्फिकुर रहीम बुधवार को यहां टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में ‘क्षेत्ररक्षण में बाधा पहुंचाने’ के लिए आउट होने वाले 11वें खिलाड़ी बन गये। टेस्ट में 22 साल के बाद कोई खिलाड़ी इस तरह से आउट हुआ है।

यह घटना बुधवार को यहां न्यूजीलैंड के खिलाफ दूसरे टेस्ट के शुरूआती दिन हुई जिसमें रहीम ‘क्षेत्ररक्षण में बाधा पहुंचाने’ के लिए आउट होने वाले बांग्लादेश के पहले बल्लेबाज भी बने।

रहीम ने 41वें ओवर की चौथी गेंद पर न्यूजीलैंड के तेज गेंदबाज काइल जैमीसन की उछलती हुई गेंद का बचाव करने के बाद अपने दायें हाथ से गेंद रोकने का प्रयास किया जबकि यह ‘ऑफ स्टंप’ से काफी दूर थी।

न्यूजीलैंड के गेंदबाज ने तुरंत अपील की और मैदानी अंपायर ने इसे टीवी अंपायर अहसान रजा को रेफर किया जिन्होंने रहीम को आउट दिया। उन्होंने 35 रन बनाये।

इंग्लैंड के पूर्व कप्तान माइकल वॉन भारत के खिलाफ 2001 में इसी तरह से आउट दिये जाने वाले अंतिम खिलाड़ी थे।

बांग्लादेश के खिलाड़ी मेहदी हसन मिराज ने दिन का खेल समाप्त होने के बाद कहा, ‘‘यह खेल के दौरान हुआ। एक बल्लेबाज को क्रीज पर फैसला करने में एक सेकेंड से भी कम समय चाहिए होता है। उनका हाथ शायद बल्लेबाजी की लय के दौरान अपने आप ही उठ गया। मुश्फिकुर भाई ने जानबूझकर ऐसा नहीं किया। ’’

इंग्लैंड के महान बल्लेबाज लेन हटन 1951 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट मैच के दौरान ‘क्षेत्ररक्षण में बाधा पहुंचाने के लिए’ आउट करार दिये जाने वाले पहले खिलाड़ी थे।

टेस्ट क्रिकेट में इस तरह आउट होने वाले अन्य बल्लेबाजों में दक्षिण अफ्रीका के विलियम एंडीन (1957), आस्ट्रेलिया के एंड्रयू हिल्डिच (1979), पाकिस्तान के मोहसिन खान (1982), वेस्टइंडीज के डेसमंड हेन्स (1983), इंग्लैंड के ग्राहम गूच (1993), आस्ट्रेलिया के स्टीव वॉ (2001), श्रीलंका के मार्वन अटापट्टू (2001) और श्रीलंका के महेला जयवर्धने (2001) शामिल हैं।

भारत भी इस ‘दुर्लभ क्लब’ में पूर्व बल्लेबाज मोहिंदर अमरनाथ की बदौलत शामिल है जो इस तरीके से दो बार आउट हुए हैं, हालांकि ऐसा वनडे क्रिकेट में हुआ।

अमरनाथ 1986 में मेलबर्न में आस्ट्रेलिया के खिलाफ इस तरीके से वनडे में आउट होने वाले पहले बल्लेबाज भी बने थे। दूसरी बार इस तरह वह 1989 में अहमदाबाद में श्रीलंका के खिलाफ मैच में आउट हुए थे।

नियम 37.1.2 के अनुसार, ‘‘स्ट्राइकर को क्षेत्ररक्षण में बाधा पहुंचाने के लिए तब आउट माना जायेगा, अगर वह अपना विकेट बचाने के लिए गेंदबाज द्वारा फेंकी गयी गेंद को जानबूझकर उस हाथ से रोकता है जिससे उसने बल्ला नहीं पकड़ा हुआ है। यह पहली स्ट्राइक या इसके बाद दूसरी स्ट्राइक पर भी लागू होगा। ’’

पहले इस तरह से आउट होने को ‘हैंडल द बॉल’ करार किया जाता था लेकिन 2017 में नियमों में बदलाव से इसे ‘क्षेत्ररक्षण में बाधा पहुंचाने’ की श्रेणी में डाल दिया गया।

Source: PTI News

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