केरल के फुटबॉलर विकनेश की प्रतिबंध को चुनौती देने वाली अपील नाडा पैनल ने खारिज की

नयी दिल्ली, छह दिसंबर (भाषा) केरल के फुटबॉलर एम विकनेश की दो साल के प्रतिबंध को चुनौती देने वाली अपील नाडा के पैनल ने खारिज कर दी।

नयी दिल्ली, छह दिसंबर (भाषा) केरल के फुटबॉलर एम विकनेश की दो साल के प्रतिबंध को चुनौती देने वाली अपील नाडा के पैनल ने खारिज कर दी।

यह प्रतिबंध विकनेश पर नाडा (राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी) की अनुशासनात्मक समिति ने लगाया था। देश में फुटबॉल खेल से संबंधित डोपिंग के गिने चुने मामले आये हैं।

नाडा के डोपिंग रोधी अनुशासनात्मक पैनल ने सितंबर-अक्टूबर में गुजरात में राष्ट्रीय खेलों के दौरान लिये गये डोप नमूने में प्रतिबंधित पदार्थ ‘टरब्यूटालिन’ पाये जाने पर विकनेश को दो साल के लिए प्रतिबंधित किया था जो 12 नवंबर 2022 से शुरू हुआ था। यह पदार्थ आमतौर पर खांसी के सीरप में पाया जाता है।

दो दिसंबर को दिये गये आदेश में नाडा के अपील पैनल ने अनुशासनात्मक समिति के फैसले को बरकरार रखा था लेकिन इसकी तारीख में बदलाव कर इसे पांच अप्रैल 2023 से शुरू किया था क्योंकि केरल का यह फुटबॉलर डोप जांच में विफल आने पर अस्थायी रूप से प्रतिबंधित नहीं था।

देश के इतिहास में नाडा पैनल ने डोप में विफल होने के लिए बहुत कम फुटबॉलरों को प्रतिबंधित किया है।

ईस्ट बंगाल के डिफेंडर अरूण मल्होत्रा को 2002 बुसान एशियाड के लिए टीम के रवाना होने से पहले की गयी जांच में प्रतिबंधित पदार्थ के सेवन के लिए पॉजिटिव पाया गया था जिसके बाद अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) ने उन पर 60 दिन का प्रतिबंध लगाया था। तब नाडा नहीं थी क्योंकि 2009 में ही इसका गठन हुआ था।

मुंबई एफसी के खिलाड़ी निशांत मेहरा 2011 में आई लीग मैच के बाद की गयी डोप जांच में विफल रहे थे और नाडा ने उन पर दो साल का प्रतिबंध लगाया था। डोपिंग के लिए नाडा द्वारा प्रतिबंधित वह पहले भारतीय फुटबॉलर थे।

मुंबई एफसी के एक अन्य खिलाड़ी डी परेरा को भी एनाबोलिक स्टेराइड का पॉजिटिव पाये जाने के बाद एक साल के लिए प्रतिबंधित किया गया था।

पूर्व भारतीय गोलकीपर सुब्रत पॉल को ‘टरब्यूटालिन’ का पॉजिटिव पाये जाने के बाद चेतावनी देकर छोड़ दिया था क्योंकि वह नाडा के पैनल के समक्ष यह साबित करने में सफल रहे थे कि उन्होंने यह प्रतिबंधित पदार्थ अनजाने में लिया था।

विकनेश ने कहा था कि उन्होंने बुखार और खांसी के बाद डॉक्टर की सलाह पर ‘एस्कोरिल’ सीरप लिया था जिसमें यह प्रतिबंधित पदार्थ मौजूद था। उन्होंने ‘डोपिंग कंट्रोल फॉर्म’ में किसी चिकित्सक की पर्ची का जिक्र नहीं किया था। विकनेश ने सुब्रत पॉल के मामले से प्रेरणा लेकर प्रतिबंध को चुनौती दी।

लेकिन नाडा के अपीलीय पैनल के प्रमुख अभिनव मुखर्जी ने इस अपील को खारिज कर दिया।

Source: PTI News

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