मुंबई, 26 जनवरी (फुटबॉल न्यूज़) भारतीय महिला फुटबॉल टीम के कोच थॉमस डेनेरबी ने टीम में कोरोना संक्रमण के मामलों के कारण एशियाई कप से बाहर होने के लिये एएफसी को दोषी ठहराते हुए कहा कि उनके खिलाड़ियों को होटल स्टाफ से संक्रमण हुआ क्योंकि बायो बबल ‘फुलप्रू्फ’ नहीं था ।
एशियाई फुटबॉल परिसंघ पर हमला बोलते हुए डेनेरबी ने कहा कि फीफा विश्व कप में जगह बनाने का भारत का सपना खिलाड़ियों की गलती से नहीं टूटा बल्कि एएफसी द्वारा बनाये गए कमजोर बायो बबल के कारण ऐसा हुआ ।
उन्होंने कहा कि एएफसी ने इतने बड़े टूर्नामेंट में असाधारण हालात से निपटने के लिये टीम के प्रति कोई सम्मान, सहानुभूति या दया नहीं दिखाई ।
उन्होंने वर्चुअल प्रेस कांफ्रेंस में कहा ,‘‘ हम सभी होटल पहुंचने के बाद कोरोना जांच में नेगेटिव थे । पहला पॉजिटिव मामला तब आया जब हम अभ्यास के लिये होटल से बाहर निकले थे । उसके एक दिन बाद होटल के सात कर्मचारी पॉजिटिव पाये गए । यह पता करना कोई रॉकेट साइंस नहीं है कि हमें संक्रमण कहां से मिला ।’’
उन्होंने कहा ,‘‘ होटल स्टाफ की जांच 17 जनवरी को की गई और सात पॉजिटिव नतीजों का पता 18 जनवरी को चला लेकिन सूचना 19 जनवरी को दी गई । एएफसी पूरे एक दिन क्या कर रहा था ।’’
डेनेरबी ने कहा ,‘‘ होटल स्टाफ की जांच हर छह दिन में कराई गई , हर तीन दिन में नहीं । पता नहीं क्यो ।’’
भारत को रविवार को एएफसी महिला एशियाई कप से पीछे हटना पड़ा क्योंकि टीम में दर्जन भर संक्रमण के मामले आने के कारण चीनी ताइपै के खिलाफ मैच रद्द करना पड़ा था ।
एएफसी ने टूर्नामेंट नियमों की धारा 4 . 1 का हवाला देकर कहा था कि एक मैच के लिये पूरी टीम नहीं जुटा पाने की स्थिति में माना जायेगा कि टूर्नामेंट से नाम वापिस ले लिया गया है ।
डेनेरबी ने कहा कि एएफसी को चाहिये था कि संक्रमित होटल स्टाफ को तुरंत बाहर कराये और खिलाड़ियों से किसी तरह का संपर्क नहीं रखने के लिये कहे ।
उन्होंने कहा ,‘‘ पता नहीं एएफसी ने तुरंत कार्रवाई क्यो नहीं की । होटल के कई कर्मचारी संक्रमित थे लेकिन एएफसी एक दिन इंतजार करता रहा । हम एएफसी के टूर्नामेंट आयोजन के तरीके से खुश नहीं है । इससे हमारा सपना टूट गया ।’’
भाषा
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