फिडे उपाध्यक्ष बनने के बाद भी खेलना जारी रखूंगा : विश्वनाथन आनंद

नयी दिल्ली, 17 जून (चैस न्यूज़) पांच बार के विश्व चैम्पियन विश्वनाथन आनंद ने शुक्रवार को कहा कि अंतरराष्ट्रीय शतरंज महासंघ ( फिडे) का उपाध्यक्ष बनने के बाद भी वह खेलना जारी रखेंगे ।

आनंद ने यहां 44वीं शतरंज ओलंपियाड की मशाल रिले के सिलसिले में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस से इतर एक सवाल के जवाब में कहा ,‘‘ मेरा फिलहाल शतरंज को अलविदा कहने का कोई इरादा नहीं है । उम्मीद है कि मैं फिडे उपाध्यक्ष बनने के बाद भी खेलना जारी रखूंगा । ’’

52 वर्ष के इस धुरंधर ने कहा ,‘‘ अब मैं वैसे भी चुनिंदा टूर्नामेंट खेल रहा हूं मसलन शतरंज ओलंपियाड नहीं खेल रहा । लेकिन खेलने का जज्बा अभी भी बरकरार है और मैं खेलते रहना चाहूंगा ।’’

जुलाई अगस्त में महाबलीपुरम में होने वाले 44वें शतरंज ओलंपियाड के दौरान होने वाले चुनाव में अगर निवतृमान अध्यक्ष अर्काडी वोरकोविच फिर चुने जाते हैं तो आनंद फिडे उपाध्यक्ष होंगे । वोरकोविच ने अपनी टीम में आनंद को इस पद के लिये नामित किया है ।

शतरंज ओलंपियाड के बारे में आनंद ने कहा ,‘‘ जनवरी तक हमें पता भी नहीं था कि यह भारत में होगा लेकिन तीन दिन के भीतर तमिलनाडु सरकार के सहयोग से हमें मेजबानी मिल गई और पहली बार 188 देशों के खिलाड़ी किसी शतरंज टूर्नामेंट में एक साथ नजर आयेंगे ।’’

उन्होंने कहा ,‘‘ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद शतरंज ओलंपियाड की पहली मशाल रिले का उद्घाटन करेंगे और मुझे पूरा यकीन है कि भारत में इस बड़़े आयोजन से शतरंज की दशा और दिशा बदलेगी ।’’

मशाल रिले रविवार को दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम से शुरू होकर लेह, श्रीनगर, जयपुर, सूरत, मुंबई, भोपाल, पटना, कोलकाता, गंगटोक, बेंगलुरू, हैदराबाद , पोर्ट ब्लेयर और कन्याकुमारी होते हुए 27 जुलाई को मेजबान शहर महाबलीपुरम पहुंचेगी ।

ओलंपियाड में भारतीय टीम के मेंटोर के रूप में भाग ले रहे आनंद ने कहा ,‘‘ आने वाले दस बारह साल में ये खिलाड़ी हमारे आयोजन और आतिथ्य सत्कार को याद करेंगे । यह शतरंज के इतिहास में हमारे लिये बड़ा पल होगा ।’’

यह पूछने पर कि मेजबान होने के नाते क्या भारत पर अतिरिक्त दबाव होगा, उन्होंने कहा ,‘‘ हम इसे दबाव के रूप में नहीं बल्कि प्रेरणा के रूप में लेते हैं । इससे खिलाड़ी अपने दर्शकों के सामने अच्छा करने के लिये प्रेरित होंगे ।’’

अखिल भारतीय शतरंज महासंघ के सचिव और ओलंपियाड के निदेशक भरत चौहान ने इस मौके पर कहा ,‘‘ मशाल रिले देश में खेल की लोकप्रियता का ग्राफ बढाने का जरिया है । हमने यह सुनिश्चित किया है कि यह देश के कोने कोने तक पहुंचे और यह भारत को शतरंज की महाशक्ति बनाने की दिशा में बड़ा कदम होगा ।’’

भाषा

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