मेलबर्न, 22 अक्टूबर (क्रिकेट न्यूज़) भारतीय टीम पाकिस्तान के खिलाफ रविवार को टी20 विश्व कप के अभियान का आगाज करेगी तो कप्तान रोहित शर्मा के दिमाग में इस ‘हाई-प्रोफाइल’ मैच की चुनौती से निपटने के साथ आईसीसी (अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद) खिताब के नौ साल के सूखे को खत्म करने की बात होगी।
रोहित का मानना है कि दबाव हर किसी के जिंदगी का हिस्सा होता है और वह पाकिस्तान के खिलाफ मैच को दबाव की जगह चुनौती मानते है।
भारतीय टीम ने आईसीसी टूर्नामेंट में अपनी पिछली सफलता 2013 में चैम्पियन्स ट्रॉफी में हासिल की थी। उस समय रोहित ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में सलामी बल्लेबाज के तौर पर खुद को साबित करना शुरू किया था।
रोहित ने कहा, ‘‘ मैं दबाव शब्द का उपयोग नहीं करना चाहता क्योंकि दबाव तो हमेशा रहेता है। यह कभी बदलने वाला नहीं है। मैं इसे एक चुनौती के रूप में लेना चाहता हूं। पाकिस्तान की यह टीम बहुत ही चुनौतीपूर्ण है। मैंने 2007 से 2022 तक जितनी भी पाकिस्तानी टीमें खेली हैं, वे एक अच्छी टीम रही हैं।’’
रोहित ने कहा, ‘‘ यह सही है कि हमने नौ साल से आईसीसी ट्रॉफी और इस स्तर के टूर्नामेंट में सफलता हासिल नहीं की है। बेशक, यह हमारे खिलाड़ियों के दिमाग में है, लेकिन इसके बारे में सोचने से ज्यादा जरूरी यह है कि हम उस काम को करे जो हमारे हाथ में है।’’
भारतीय कप्तान ने कहा, ‘‘ मेरा व्यक्तिगत विश्वास है कि अगर आप अतीत के बारे में बहुत अधिक सोचते हैं, तो मुझे लगता है कि आप वर्तमान पर ध्यान नहीं दे पायेंगे। ऐसे में वर्तमान पर ध्यान देना महत्वपूर्ण है।’’
रोहित ने यह भी कहा कि भारतीय टीम पाकिस्तान के खिलाफ काफी कम क्रिकेट खेलती है ऐसे में बाबर आजम के नेतृत्व वाली टीम के खिलाड़ियों की मानसिकता के बारे में ज्यादा पता नहीं है।
रोहित ने कहा, ‘‘ यह अच्छा है कि हमें एशिया कप में उनके खिलाफ दो बार खेलने का मौका मिला। अगर ऐसा नहीं होता तो हमें उनके बारे में कुछ पता नहीं चलता। कम खेलने के कारण यह अनुमान लगाना बहुत कठिन है कि वे किस तरह की मानसिकता के साथ खेलते हैं।’’
रोहित ने अपने पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी और विराट कोहली की तरह ही कहा कि इस मैच को वही टीम जीतेगी जो टीम मैच वाले दिन अच्छा खेलेगी।
भारतीय कप्तान ने कहा, ‘‘आपको उस विशेष दिन अच्छी तैयारी और इस मानसिकता के साथ आना होता है कि हम विरोधी टीम को कैसे हरा सकते है। हम इसे वास्तव में सरल रखना चाहते है क्योंकि ज्यादा सोचने से भ्रम की स्थिति होती है और दबाव बढ़ता है।’’
भाषा
ये भी पढ़े : शाहीन को खेलने की रणनीति है ‘वी’ के अंदर खेलें: तेंदुलकर