कुंबले टेस्ट और सीमित ओवरों की अलग-अलग टीम रखने के पक्ष में

नयी दिल्ली, 14 नवंबर (क्रिकेट न्यूज़) भारत के पूर्व कप्तान और कोच अनिल कुंबले का मानना है कि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में आगे बढ़ने के लिए सीमित ओवरों और टेस्ट प्रारूप की पूरी तरह से भिन्न टीम होनी चाहिए।

इंग्लैंड की वनडे और टी20 में सफलता के बाद सफेद गेंद और लाल गेंद से खेले जाने वाले क्रिकेट के लिए अलग-अलग टीम रखने की चर्चा शुरू हो गई है।

कुंबले ने ईएसपीएनक्रिकइंफो से कहा,‘‘ निश्चित तौर पर आपको अलग-अलग टीमों की जरूरत पड़ेगी। आपको टी20 विशेषज्ञों की जरूरत पड़ती है। मुझे लगता है कि इंग्लैंड की इस टीम ने दिखाया है और यहां तक की पिछली बार के टी20 विश्व कप चैंपियन ऑस्ट्रेलिया ने भी साबित किया है कि आपके पास अधिक से अधिक ऑलराउंडर होने चाहिए। आप उनके बल्लेबाजी क्रम पर गौर करिए।’’

उन्होंने कहा,‘‘ आज लियाम लिविंगस्टोन सातवें नंबर पर बल्लेबाजी के लिए आता है। किसी भी अन्य टीम के पास नंबर सात पर लिविंगस्टोन जैसा बल्लेबाज नहीं है। ऑस्ट्रेलिया के लिए मार्कस स्टोइनिस छठे नंबर पर बल्लेबाजी करता है। आपको इस तरह की टीम तैयार करनी होगी। ’’

कुंबले ने कहा,‘‘ मैं वास्तव में इसको लेकर सुनिश्चित नहीं हूं कि आपको अलग कप्तान या अलग कोच चाहिए। यह सब कुछ इस पर निर्भर करता है कि आप किस तरह की टीम का चयन करने जा रहे हैं। इसके बाद तय करें कि आपको कैसा सहयोगी स्टाफ और कप्तान चाहिए।’’

ऑस्ट्रेलिया के पूर्व ऑलराउंडर टॉम मूडी ने हालांकि कहा अंतरराष्ट्रीय टीमों को अलग-अलग कोच रखने पर गंभीरता से विचार करना चाहिए। इंग्लैंड में ब्रैंडन मैकुलम उसके टेस्ट कोच जबकि मैथ्यू मोट सीमित ओवरों की टीम के कोच हैं।

मूडी ने इंग्लैंड की टी20 विश्व कप में खिताबी जीत के बाद कहा,‘‘ मेरा मानना है कि इसमें कोई संदेह नहीं कि यह आगे बढ़ने का रास्ता है, फिर चाहे वह खिलाड़ी हो या सहयोगी स्टाफ, उन्हें अलग-अलग रखने पर गंभीरता से विचार करने की जरूरत है।’’

उन्होंने कहा,‘‘ ऐसा लगता है इंग्लैंड की टेस्ट और सीमित ओवरों की टीमों में काफी अंतर है। उन्होंने अच्छे खिलाड़ियों को तैयार किया है।’’

भाषा

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