नयी दिल्ली, 25 जुलाई (कुश्ती न्यूज़) पिछले साल तोक्यो ओलंपिक का टिकट कटाने में विफल रहे भारोत्तोलक जेरेमी लालरिननुंगा को यह पता चल गया है कि जूनियर से सीनियर स्तर पर पहुंचना इतना आसान नहीं है लेकिन वह आगामी राष्ट्रमंडल खेलों में पदक जीतकर इस निराशा को कुछ हद तक दूर करना चाहते हैं। पिछले साल दो बार चोटिल होने के अलावा वह कोरोना वायरस से संक्रमित भी हो गये थे, जिसका असर 67 किग्रा वर्ग में प्रतिस्पर्धा करने वाले इस खिलाड़ी के प्रदर्शन पर पड़ा। उन्होंने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘ यह मेरे पहले राष्ट्रमंडल खेल हैं और मैं शानदार महसूस कर रहा हूं। युवा ओलंपिक के बाद मैं ओलंपिक में भाग लेने में विफल रहा। ऐसे में मेरे लिए यह सबसे बड़ी प्रतियोगिता है।’’ जेरेमी 2018 में उस समय सुर्खियों में आये थे जब उन्होंने अर्जेंटीना में युवा ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीता था। मिजोरम का यह खिलाड़ी युवा वर्ग की सफलता को हालांकि सीनियर स्तर पर नहीं दोहरा सका। उन्होंने कहा, ‘‘मैं समझ गया था कि मुझे ज्यादा मेहनत करनी होगी क्योंकि मैं जो भार उठा रहा था, वह काफी नहीं था। इससे मुझे यह भी अहसास हुआ कि जूनियर से सीनियर स्तर का ओलंपिक कितना कठिन है।’’ इस 19 साल के एशियाई चैम्पियन के लिए पिछले एक साल काफी कठिन रहे। वह एशियाई चैंपियनशिप में निराशाजनक आठवें स्थान पर रहे। बाद में यह पता चला कि उनके घुटने में कुछ समस्या है जिससे जूनियर विश्व चैम्पियनशिप में भी उनका प्रदर्शन प्रभावित हुआ।। उन्होंने कहा, ‘‘ एशियाई चैम्पियनशिप के समय मेरे घुटने में समस्या थी। और इसकी सर्जरी करानी पड़ी। मेरी रीढ़ के पास, पीठ के ऊपरी हिस्से में समस्या थी लेकिन फिर भी मैंने विश्व चैंपियनशिप में भाग लिया।’’ उन्होंने कहा, ‘‘इसके बाद 31 दिसंबर को मैं कोविड-19 से संक्रमित हो गया। मेरा वजन घटकर 62-63 किग्रा हो गया। मुझे ठीक होने में समय लगा। मैं 15 दिनों के लिए पृथकवास में था।’’ इस खिलाड़ी ने कहा, ‘‘ इसके बाद मुझे सोचने का समय मिला और अब मैं राष्ट्रमंडल खेलों में अच्छा प्रदर्शन करना चाहता हूं। मैं निश्चित रूप से अपने व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ से आगे निकलने का प्रयास करूंगा।’’
भाषा
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