कनाडा को 3-2 से हराकर भारतीय महिला हॉकी टीम सेमीफाइनल में

बर्मिंघम, तीन अगस्त (हॉकी न्यूज़) भारतीय महिला हॉकी टीम ने बुधवार को यहां पूल ए के करो या मरो के मुकाबले में विषम परिस्थितियों से उबरते हुए अपने से कम रैंकिंग वाले कनाडा को 3-2 से हराकर सेमीफाइनल के लिए क्वालीफाई किया।

भारतीय टीम सलीमा टेटे (तीसरे मिनट) और नवनीत कौर (22वें मिनट) के गोल की बदौलत 22वें मिनट तक दुनिया की 15वें नंबर की टीम के खिलाफ 2-0 की बढ़त बनाकर अच्छी स्थिति में नजर आ रही थी।

कनाडा की टीम हालांकि इसके बाद जोरदार वापसी करने में सफल रही और उसने ब्राइन स्टेयर्स (23वें मिनट) तथा हना हॉन (39वें मिनट) के गोल की बदौलत बराबरी हासिल कर ली।

मंगलवार को भारत के खिलाफ 3-1 की जीत से इंग्लैंड की टीम पूल ए से पहले ही सेमीफाइनल में जगह सुनिश्चित कर चुकी थी। कनाडा के खिलाफ सविता पूनिया की अगुआई वाली टीम के लिए यह करो या मरो का मुकाबला था जबकि बेहतर गोल अंतर के कारण विरोधी टीम को अंतिम चार में जगह बनाने के लिए सिर्फ ड्रॉ की जरूरत थी।

मुकाबला 2-2 से बराबर होने के बाद यानेक शॉपमैन की अगुआई वाली टीम ने 51वें मिनट में निर्णायक बढ़त बनाई जब पेनल्टी कॉर्नर पर रिबाउंड होकर आई गेंद को लालरेमसियामी ने गोल के अंदर पहुंचा दिया।

भारतीय टीम ने आक्रामक शुरुआत की और शुरू से ही दबदबा बनाए रखा।

टीम को खेल के तीसरे ही मिनट में पेनल्टी कॉर्नर मिला जिस पर रिबाउंड पर सलीमा ने गोल दागा।

दो मिनट बाद लालरेमसियामी ने बढ़त को दोगुना करने का शानदार मौका गंवा दिया।

पहला क्वार्टर खत्म होने से कुछ सेंकेंड पहले संगीता कुमारी ने अच्छे प्रयास को गोलकीपर रोवन हैरिस ने बचा लिया।

कनाडा ने क्वार्टर में दूसरी क्वार्टर में अधिक जज्बा दिखाया और कुछ मौकों पर भारतीय रक्षापंक्ति को दबाव में लाने में सफल रहे।

भारत ने हालांकि 22वें मिनट में नवनीत कौर की बदौलत बढ़त को दोगुना कर दिया। नवनीत ने लालरेमसियामी से पास पर गोल दागा।

एक मिनट बाद कनाडा को पेनल्टी कॉर्नर मिला और स्टेयर्स ने भारत की बढ़त को कम किया।

कनाडा को 39वें मिनट में एक और पेनल्टी कॉर्नर मिला और इस बार हॉन ने अपनी टीम को बराबरी दिला दी।

नॉकआउट से बाहर होने की कगार पर खड़े भारत के लिए मोनिका 47वें मिनट में गोल करने के करीब पहुंची लेकिन हैरिस ने उनके प्रयास को विफल कर दिया।

दो मिनट बाद नेहा गोयल ने गेंद को गोल में पहुंचाया लेकिन इसे अस्वीकृत कर दिया गया क्योंकि गेंद सलीमा की स्टिक के पिछले हिस्से से लगी थी।

भारतीयों ने दबाव बनाए रखा और 51वें मिनट में पेनल्टी कॉर्नर हासिल किया। इस बार गुरजीत कौर के शॉट के रिबाउंड होने पर लालरेमसियामी ने गोल को गोल में पहुंचा दिया।

खेल खत्म होने से दो मिनट पहले भारत ने एक और पेनल्टी कार्नर हासिल किया लेकिन टीम गोल करने में नाकाम रही।

भाषा 

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