भारत चाहे तो खत्म हो सकता है पीसीबी का अस्तित्व, आईसीसी को वही से मिलता है 90 प्रतिशत राजस्व

कराची, आठ अक्टूबर (क्रिकेट न्यूज़) पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) के प्रमुख रमीज राजा ने कहा है कि अगर भारत चाहे तो उनके बोर्ड का संचालन ‘बिखर’ सकता है क्योंकि आईसीसी (अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद) का 90 प्रतिशत राजस्व वही (भारत) से आता है और इसका प्रभावी तौर पर यही मतलब है कि इस खेल को ‘भारत के व्यापारिक घरानों’ द्वारा चलाया जा रहा है।

रमीज ने गुरुवार को खुलासा किया है कि बोर्ड के बजट का 50 प्रतिशत हिस्सा आईसीसी से मिलने वाले अनुदान से आता है

पीसीबी अध्यक्ष ने इस्लामाबाद में अंतर प्रांतीय मामलों की सीनेट की स्थाई समिति के समक्ष पेश होने के बाद कहा कि समय आ गया है कि पीसीबी आईसीसी से मिलने वाले कोष पर अपनी निर्भरता कम करे और स्थानीय बाजार से जरूरत पूरी करे।

पीसीबी प्रमुख ने कहा, ‘‘आईसीसी राजनीतिक रंग में रंगी संस्था है जो एशियाई और पश्चिमी गुटों में बंटी है और इसका 90 प्रतिशत राजस्व भारत से आता है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ एक तरह से भारत के व्यापारिक घराने पाकिस्तान क्रिकेट को चला रहे हैं और अगर कल भारतीय प्रधानमंत्री फैसला करते हैं कि वह पाकिस्तान को कोई राजस्व नहीं लेने देंगे, तो इससे हमारा क्रिकेट बोर्ड बिखर सकता है।’’

रमीज ने कहा कि आसीसी ‘इवेंट मैनेजमेंट कंपनी’ की तरह बन गई है और अगर न्यूजीलैंड और इंग्लैंड की पुष्ट श्रृंखला के रद्द होने जैसी घटनाओं को दोबारा होने से रोकना है तो पीसीबी को अपनी बात रखनी होगी।

उन्होंने कहा, ‘‘न्यूजीलैंड ने जो किया वह अस्वीकार्य है क्योंकि उन्होंने अब तक हमारे साथ कोई सूचना साझा नहीं की है कि किस आधार पर उन्होंने पाकिस्तान में श्रृंखला रद्द की। लेकिन अब वह श्रृंखला का कार्यक्रम दोबारा तय करने का प्रयास कर रहे हैं। ’’

रमीज ने संकेत दिए कि एक सप्ताह के अंदर न्यूजीलैंड के खिलाफ स्थगित श्रृंखला से जुड़ी अच्छी खबर आ सकती है।

वरिष्ठ सीनेटर रजा रब्बानी ने सुझाव दिया कि पाकिस्तान को अब न्यूजीलैंड के खिलाफ नहीं खेलना चाहिए और किसी भी श्रृंखला से इनकार कर देना चाहिए, लेकिन रमीज ने कहा कि यह संभव नहीं होगा क्योंकि देश एक बड़े अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट समुदाय का हिस्सा है।

भाषा

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