बैडमिंटन खिलाड़ी जेरलिन का लक्ष्य डेफलंपिक के बाद ओलंपिक में पहचान बनाना

नयी दिल्ली, 21 नवंबर (बैडमिंटन न्यूज़) डेफ्लंपिक्स (बधिर खिलाड़ियों का ओलंपिक) में अपने कौशल को साबित कर चुकी बैडमिंटन खिलाड़ी जेरलिन अनिका अब अपनी प्रतिभा का लोहा ओलंपिक में मनवाना चाहती है।

अर्जुन पुरस्कार जीतने वाली देश की पहली बधिर एथलीट, जेरलिन ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने की महत्वाकांक्षी योजना के साथ अगले साल से बीडब्ल्यूएफ (विश्व बैडमिंटन महासंघ) विश्व टूर स्पर्धाओं में प्रतिस्पर्धा करना चाहती हैं।

मदुरै की 18 वर्षीय बधिर बैडमिंटन खिलाड़ी ने इस साल मई में  ब्राजील के काक्सियास डो सुल में डेफलंपिक में तीन स्वर्ण पदक जीते थे। इस उपलब्धि के बाद उन्हें देश में खेलों के दूसरे सबसे बड़े प्रतिष्ठित पुरस्कार अर्जुन पुरस्कार के लिए चुना गया।

जेरलिन अब  सक्षम वर्ग में अपना हाथ आजमा रही है। वह अखिल भारतीय राज्य रैंकिंग टूर्नामेंट में भाग लेना शुरू कर चुकी हैं।

जेरलिन के पिता जे जेया रैचगन ने दुभाषिये की मदद से ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘वह बधिर वर्ग में उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है, इसलिए अब वह सामान्य ओलंपिक में अच्छा प्रदर्शन करना चाहती है। लेकिन यह आसान नहीं होगा, वहां खेल का स्तर बहुत ऊंचा है और उसे बहुत सुधार करना है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ इसलिए हम इंडोनेशिया और मलेशिया जैसे देशों में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रमुख कोचों से तकनीकी सत्र आयोजित करने के लिए कुछ कोचिंग की योजना बना रहे हैं। अगले ओलंपिक में हम कोशिश करेंगे, लेकिन अगर हम इसे नहीं कर पाते हैं, तो भी प्रयास जारी रखेंगे।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ पिछले सप्ताह वह भारतीय बैडमिंटन संघ (बीएआई) की रैंकिंग टूर्नामेंट में खेलने के लिए हैदराबाद में थी। वह अब सभी राष्ट्रीय रैंकिंग टूर्नामेंटों में भाग लेगी और फिर धीरे-धीरे आगे बढ़ेगी। वह शायद 2028 ओलंपिक के लिए क्वालीफाई कर ले।’’

जेरलिन के लिए ओलंपिक एक दीर्घकालिक लक्ष्य है लेकिन उनका तत्कालीन लक्ष्य ब्राजील के पारा डी मिनस में अगले साल 10 से 25 जुलाई तक आयोजित होने वाली छठी विश्व बधिर बैडमिंटन चैंपियनशिप में पदक जीतना है।

भाषा 

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