नॉकआउट में कुछ भी संभव है: भारतीय महिला टीम के विश्व कप क्वालीफिकेशन पर बोले डेनेरबी

नयी दिल्ली, तीन जनवरी (फुटबॉल न्यूज़) भारतीय महिला फुटबॉल टीम के मुख्य कोच थॉमस डेनेरबी ने कहा है कि टीम आगामी एएफसी एशियाई कप के नॉकआउट चरण तक पहुंचने और 2023 फीफा विश्व कप के लिए क्वालीफिकेशन हासिल करने के अपने सपने को साकार करने के लिए ‘ जी जान लगा देगी’।

डेनेरबी से जब पूछा गया कि क्या वह 2023 में भारत के पहली बार फीफा महिला विश्व कप के लिए क्वालीफाई करने को लेकर आश्वस्त हैं तो उन्होंने कोई सीधा जवाब नहीं दिया लेकिन कहा कि अगर उनकी टीम एशियाई कप के नॉकआउट चरण (क्वार्टर फाइनल) में पहुंच जाती है तो कुछ भी हो सकता है।

स्वीडन के इस अनुभवी कोच ने फीफा की वेबसाइट से  कहा, ‘‘ हम एक-एक कदम आगे बढ़ा रहे है। बेशक, हमारा एक सपना है, और यह एशियाई कप के क्वार्टर फाइनल में आठ टीमों में से एक होने के साथ शुरू होता है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ अगर हम उस स्तर तक पहुंच सकते हैं, तो कुछ भी हो सकता है। मैं सभी से केवल यह वादा कर सकता हूं कि हम जीत की मानसिकता के साथ मैदान पर उतरेंगे और अपनी ओर से पूरी कोशिश करेंगे। हम पूरी तरह से जी जान लगा देंगे।’’

मुंबई और पुणे में 20 जनवरी से चार फरवरी तक खेले जाने वाले एशियाई कप से  पांच टीमें सीधे 2023 विश्व कप के लिए क्वालीफाई करेंगी। एशिया को छह सीधे बर्थ मिले है जिसमें से टूर्नामेंट के सह-मेजबान ऑस्ट्रेलिया ने एक स्थान पक्का किया है। दो और स्थान अंतरमहाद्वीपीय मुकाबले से तय होंगे।

एशियाई कप के क्वार्टर फाइनल में हारने वाली टीमें भी स्थान तय करने के लिए वर्गीकरण मैच खेलेंगी। इससे टूर्नामेंट की पांचवीं टीम और अंतरमहाद्वीपीय प्ले-ऑफ में भाग लेने वाली टीमों का पता चलेगा। तीन  ग्रुप में से प्रत्येक की शीर्ष दो टीमें और दो सर्वश्रेष्ठ तीसरे स्थान पर रहने वाली टीमें क्वार्टर फाइनल के लिए क्वालीफाई करेंगी।

डेनेरबी ने इससे पहले स्वीडन के कोच के रूप में काम किया है और नाइजीरिया को अफ्रीकी चैंपियन बनाने के साथ ही  विश्व कप में ले गए हैं। अब उनका सपना भारतीय टीम के साथ इस उपलब्धि को फिर से हासिल करने का है।

उन्होंने कहा, ‘‘नाइजीरिया में हमने एएफसीओएन चैम्पियनशिप जीती और महिला विश्व कप के लिए क्वालीफाई किया। मेरा अब भी एक सपना बाकी है और वह सपना  भारत को इस महिला एशियाई कप के क्वार्टर फाइनल में जगह बनाते हुए देखने का है।’’

पिछले साल अगस्त में टीम की जिम्मेदारी संभालने वाले 62 साल के इस कोच ने कहा, ‘‘ शुरुआती मैचों में जीत से हमें टीम की मानसिकता मजबूत हो सकती है और सभी को यह विश्वास दिला सकती हैं कि हम यह कर सकते हैं। फुटबॉल एक मानसिक खेल है।’’

भारत अपना पहला ग्रुप मैच 20 जनवरी को ईरान के खिलाफ खेलेगा और उसके बाद उसका सामना चीनी ताइपे और चीन से क्रमश: 23 और 26 जनवरी को होगा।

उन्होंने कहा कि भारत में खिलाड़ियों की प्रतिभा यूरोप के लोगों को हैरान कर सकती है। वह उम्मीद कर रहे हैं कि कोविड-19 महामारी खत्म होने के बाद बाला देवी के नक्शेकदम पर यूरोप में और भारतीय खिलाड़ी खेलना शुरू करेंगे।

उन्होंने कहा, ‘‘स्वीडन और पूरे यूरोप में मेरे दोस्त हैं जो मुझसे हमारे खिलाड़ियों के बारे में पूछते रहते हैं, और मैं उन्हें बताता रहता हूं कि भारत में हमारे पास जो प्रतिभा हैं वे सभी को आश्चर्यचकित कर सकती हैं।’’

भाषा 

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