सानिया-बोपन्ना ऑस्ट्रेलियाई ओपन के मिश्रित युगल फाइनल में

मेलबर्न, 25 जनवरी (भाषा) अपने करियर का अंतिम ग्रैंडस्लैम टूर्नामेंट खेल रही सानिया मिर्जा ने बुधवार को यहां हमवतन भारतीय रोहन बोपन्ना के साथ मिलकर ऑस्ट्रेलियाई ओपन टेनिस टूर्नामेंट के मिश्रित युगल फाइनल में जगह बनाई जहां उनकी नजरें सातवें मेजर खिताब पर टिकी हैं।

मेलबर्न, 25 जनवरी (भाषा) अपने करियर का अंतिम ग्रैंडस्लैम टूर्नामेंट खेल रही सानिया मिर्जा ने बुधवार को यहां हमवतन भारतीय रोहन बोपन्ना के साथ मिलकर ऑस्ट्रेलियाई ओपन टेनिस टूर्नामेंट के मिश्रित युगल फाइनल में जगह बनाई जहां उनकी नजरें सातवें मेजर खिताब पर टिकी हैं।

गैरवरीय भारतीय जोड़ी ने एक घंटे और 52 मिनट चले सेमीफाइनल में डेसिरे क्रॉसिक और नील स्कुपस्की की तीसरी वरीय जोड़ी को कड़े मुकाबले में 7-6(5) 6-7(5) 10-6 से हराया।

शुरुआती सेट जीतने और फिर दूसरा सेट गंवाने के बाद भारतीय जोड़ी ने सुपर टाईब्रेकर में अच्छी शुरुआत की। सानिया ने बैकहैंड विनर के साथ तीन मैच प्वाइंट हासिल किए और फिर अगले अंक पर मुकाबला जीत लिया जब क्रॉसिक ड्राइव वॉली को लौटाने में नाकाम रहीं।

सानिया ने मैच के बाद कहा, ‘‘यह शानदार मैच था, काफी नर्वस थे। यह मेरा आखिरी ग्रैंडस्लैम है और रोहन के साथ खेलना विशेष है। वह मेरा पहला मिश्रित युगल जोड़ीदार था जब मैंने 14 साल की उम्र में उसके साथ जोड़ी बनाई थी और अब मैं 36 और वह 42 साल का है। हम अब भी खेल रहे हैं और हमारा रिश्ता बहुत मजबूत है।’’

सानिया ने घोषणा की है कि फरवरी में दुबई में होने वाला डब्ल्यूटीए टूर्नामेंट उनके करियर का आखिरी टूर्नामेंट होगा।

उन्होंने अमेरिका और इंग्लैंड के अपने प्रतिद्वंद्वियों के संदर्भ में कहा, ‘‘हम यहां पर एक बार फिर उतरकर और खुद को एक और मौका देने को लेकर उत्साहित हैं। हम टूर पर सर्वश्रेष्ठ मिश्रित युगल जोड़ी से खेल रहे थे और हमें अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना था।’’

हमवतन महेश भूपति के साथ 2009 में ऑस्ट्रेलियाई ओपन के रूप में अपना पहला ग्रैंडस्लैम खिताब जीतने वाली सानिया ने कहा, ‘‘मैं पिछले 18 साल से यहां खेलने के प्यार को महसूस कर सकती हूं। यह मेरे लिए घर की तरह है, यहां मेरा परिवार है, मैं घर में खाना खाती हूं और इतने सारे भारतीय मेरा समर्थन करते आते हैं।’’

सानिया ने इसके बाद 2016 में स्विट्जरलैंड की दिग्गज मार्टिना हिंगिस के साथ मिलकर मेलबर्न पार्क में महिला युगल खिताब भी जीता।

फ्रेंच ओपन में कनाडा की गैब्रिएला दाब्रोवस्की के साथ मिलकर मिश्रित युगल खिताब के रूप में अपने करियर का एकमात्र ग्रैंडस्लैम जीतने वाले बोपन्ना ने कहा कि टाईब्रेक में मौकों का फायदा उठाना महत्वपूर्ण था।

उन्होंने कहा, ‘‘जैसा कि सानिया ने कहा था कि हम कड़ी टीम के खिलाफ खेल रहे थे। दूसरा सेट गंवाने के बाद लय बनाए रखना आसान नहीं था लेकिन हम मजबूत बने रहे और शुरुआती बढ़त हासिल की जिससे हमें लय मिली।’’

बोपन्ना ने कहा, ‘‘सानिया के साथ कोर्ट साझा करके वास्तव में खुशी हो रही है। यह शानदार यात्रा रही, स्वदेश में सभी के लिए प्रेरणादायी और आज यहां इतने सारे प्रशंसकों के लिए।’’

उन्होंने कहा, ‘‘एक और मुकाबला बचा है। यह सपना है (सानिया के साथ खिताब जीतना)। यह इससे बेहतर नहीं हो सकता। यह विशेष होगा और हमें भारत में इसकी आवश्यकता है, सभी को प्रेरित करते रहें।’’

सानिया के छह ग्रैंडस्लैम खिताब में से तीन मिश्रित युगल हैं जो उन्होंने महेश भूपति (2209 ऑस्ट्रेलियाई ओपन, 2012 फ्रेंच ओपन) और ब्राजील के ब्रूनो सोरेस (2014 अमेरिकी ओपन) के साथ जीते।

सानिया ने अपने तीनों मीहिला युगल ग्रैंडस्लैम खिताब हिंगिस (विंबलडन 2015, अमेरिकी ओपन 2015 और ऑस्ट्रेलियाई ओपन 2016) के साथ मिलकर जीते।

Source: PTI News

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