संतोष ट्रॉफी में सुधार के कदमों से भारत की दूसरी डिवीजन लीग से होगा स्थानीय खिलाड़ियों का फायदा: एआईएफएफ

नयी दिल्ली, 17 दिसंबर (भाषा) अखिल भारतीय फुटबाल महासंघ (एआईएफएफ) के अध्यक्ष कल्याण चौबे के अनुसार देश के दूसरे डिवीजन की लीग (संतोष ट्रॉफी) में विदेशी खिलाड़ियों को शामिल नहीं करने के फैसले से राष्ट्रीय टीम के चयन के लिये प्रतिभा का दायरा बढ़ेगा।

नयी दिल्ली, 17 दिसंबर (भाषा) अखिल भारतीय फुटबाल महासंघ (एआईएफएफ) के अध्यक्ष कल्याण चौबे के अनुसार देश के दूसरे डिवीजन की लीग (संतोष ट्रॉफी) में विदेशी खिलाड़ियों को शामिल नहीं करने के फैसले से राष्ट्रीय टीम के चयन के लिये प्रतिभा का दायरा बढ़ेगा।

एआईएफएफ की कार्यकारी समिति ने सितंबर में दूसरे डिवीजन की लीग में सिर्फ भारतीय खिलाड़ियों को शामिल करने का फैसला लिया था।

राष्ट्रीय महासंघ ने पश्चिम एशियाई देश में संतोष ट्रॉफी के अंतिम चरण के लिए अपने सऊदी अरब समकक्ष के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया है।

चौबे ने एआईएफएफ की 2022 समीक्षा ई-पत्रिका में कहा, ‘‘ भारतीय टीम में मुख्य स्थान पर खेलने वाले खिलाड़ियों की काफी कमी है। आईएसएल और आई-लीग जैसी शीर्ष घरेलू प्रतियोगिताओं में ऐसे स्थान पर विदेशी खिलाड़ियों का कब्जा है। ऐसे में यह कदम से इस स्तर पर स्थानीय खिलाड़ियों को अपने कौशल को सुधारने का मौका देगा।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ हमें विश्वास है कि इस कदम से अंतर-राज्यीय सीनियर चैंपियनशिप संतोष ट्रॉफी से राष्ट्रीय टीम के चयन के लिए प्रतिभा का एक बड़ा पूल तैयार करने में मदद मिलेगा।’’

दूसरे डिवीजन की लीग में देश भर की 15 टीमें होंगी। इसके साथ ही आईएसएल और आई-लीग टीमों की रिजर्व टीमें होंगी, जिसके अंतिम चरण के मुकाबले घरेलू और प्रतिद्वंद्वी टीम के मैदान पर खेले जायेंगे।

टीम में अंडर-22 खिलाड़ियों की एक निश्चित संख्या होने का पूर्व प्रावधान मौजूदा सत्र से अनिवार्य नहीं होगा। संतोष ट्रॉफी का मुकाबला 32 राज्यों के बीच होगा, जबकि सेमीफाइनल, तीसरे स्थान का प्लेऑफ और फाइनल जेद्दा या रियाद में खेला जायेगा।

एआईएफएफ प्रमुख ने कहा, ‘‘ इससे 100 से अधिक खिलाड़ियों और कोचिंग स्टाफ को विदेश यात्रा करने और अंतरराष्ट्रीय सुविधाओं में खेलने का अनुभव और अवसर मिलेगा।’’

उन्होंने कहा, ‘‘इस साल संतोष ट्रॉफी के प्रारूप में बदलाव किया गया है ताकि राज्यों को अधिक मैच उपलब्ध कराये जा सके और हर साल एक ही टीम के खिलाफ खेलने से बचा जा सके।’’

उन्होंने कहा, ‘ये शुरुआती कदम हैं और शायद एआईएफएफ द्वारा उठाए जाने वाले कई और कदमों में से पहला है। हमें उम्मीद है कि यह अंतरराष्ट्रीय सफलता की लंबी राह पर एक अच्छी शुरुआत होगी।’’

चौबे ने बताया कि सितंबर में कार्यभार संभालने वाली नयी कार्यकारी समिति द्वारा लिया गया एक और महत्वपूर्ण निर्णय क्लब लाइसेंसिंग मानदंडों को पूरा करने के अधीन आई-लीग विजेताओं को आईएसएल में पदोन्नत करना शामिल है।

Source: PTI News

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