दुबई, 30 सितंबर ( क्रिकेट न्यूज़ ) प्रत्येक खिलाड़ी का बड़े होते हुए एक हीरो होता है और आयरलैंड के बल्लेबाज पॉल स्टर्लिंग भी इससे अलग नहीं हैं जो क्रिकेट के अपने शुरुआती वर्षों में वीरेंद्र सहवाग और आस्ट्रेलिया के डेमियन मार्टिन को खेलते हुए देखना पसंद करते थे।
अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) द्वारा आयोजित आनलाइन बातचीत में स्टर्लिंग ने उन दिनों को याद किया जब वह सहवाग की तरह खेलने की कोशिश करते थे।
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे संभवत: दो बल्लेबाजों को खेलते हुए देखना पसंद था, एक डेमियन मार्टिन थे, उन्हें खेलते हुए देखना अच्छा लगता था। आखों को सुकून मिलता था। ऐसा खिलाड़ी जिसे खेल को मैं कभी नहीं दोहरा पाऊंगा। और वीरेंद्र सहवाग, दूसरे खिलाड़ी जिसे खेलते हुए देखना मुझे पसंद था। मुझे आफ साइड में उसका खेल पसंद था और मैंने उनके काफी शॉट को दोहराने का प्रयास किया, हालांकि काफी अच्छी तरह ऐसा नहीं कर पाया।’’
तीन टेस्ट, 134 वनडे और 86 टी20 अंतरराष्ट्रीय खेलने वाले स्टर्लिंग ने कहा, ‘‘लेकिन मुझे इन दोनों को बल्लेबाजी करते हुए देखना पसंद था और मैं घर में टेस्ट क्रिकेट देखता था जो बेलफास्ट में 10 साल के बच्चे के लिए सामान्य चीज नहीं थी।’’
पाकिस्तान के खिलाफ 2009 में टी20 पदार्पण करने वाले स्टर्लिंग ने भी सहवाग की तरह बाहरी आलोचना के बावजूद अपनी तकनीक में बदलाव नहीं किया।
क्या उन्होंने जानबूझकर बदलाव नहीं किया, यह पूछे जाने पर स्टर्लिंग ने कहा, ‘‘आगे बढ़ते हुए आप इस चीज को सीखते हैं, मेरी तुलना में सहवाग को लेकर अधिक हल्ला मचाया गया। मुझे लगता है कि इससे आपका प्रदर्शन प्रभावित नहीं होना चाहिए, इससे आपका प्रदर्शन तभी प्रभावित होता है जब आप बाहरी चीजों के बारे में सोचने लगते हो, इससे किसी तरह की मदद नहीं होती।’’
भाषा