मेरा सर्वोच्च लक्ष्य ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व करना है: जैद बदर, एथलीट

भारतीय एथलीट ज़ैद बदर का लक्ष्य ओलंपिक खेलों में देश का प्रतिनिधित्व करने वाले इतिहास में एकमात्र 100 मीटर धावक बनकर इतिहास रचना है। वह पहले ही 2021 में स्टूडेंट ओलंपिक नेशनल, 2022 में सीबीएसई स्टेट मीट और 2023 में स्टूडेंट ओलंपिक स्टेट मीट में शामिल हो चुके हैं। इस एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में उन्होंने अपने अब तक के सफर, खास उपलब्धियों, चुनौतियों पर काबू पाने, मानसिक मजबूती के महत्व, खेल में उनके आदर्श और उनके भविष्य के लक्ष्य के बारे में बात की।

Q 1) आपने एथलेटिक्स कब शुरू किया और आपको इसे पेशेवर रूप से आगे बढ़ाने के लिए किस बात ने प्रेरित किया?

मैंने 2019 के अंत में एथलेटिक्स प्रशिक्षण शुरू किया। वास्तव में मेरे स्कूल के दिनों में मै कई सारे मैडल ट्रैक इवेंट्स में जीत रहा था जिससे मुझे ट्रैक एंड फील्ड में दिलचस्पी बढ़ी। उसैन बोल्ट जैसे प्रमुख अंतरराष्ट्रीय एथलीटों और यहां तक कि भारत के अपने एथलीट मिल्खा सिंह जैसे एथलीट इतने सारे लोगों के सामने इतने ऊंचे स्तर पर स्पर्धा कर रहे थे जिसने मुझे एथलेटिक्स को पेशेवर रूप से अपनाने और उस क्षेत्र में कुछ बड़ा करने को प्रेरित किया।

Q 2) आपने स्टूडेंट ओलंपिक नेशनल, सीबीएसई स्टेट मीट और स्टूडेंट ओलंपिक स्टेट मीट में स्वर्ण पदक जीते हैं। आपके लिए कौन सी उपलब्धि सबसे खास है और क्यों?

मेरे लिए, मेरी सबसे खास उपलब्धि सीबीएसई स्टेट मीट है क्योंकि मुझे बाकी के स्पर्धा से बहुत कुछ सीखने को मिला। मैं
अभी तक की अपनी सबसे तेज टाइमिंग निकालते हुए 100 मीटर और 200 मीटर दोनों में स्वर्ण पदक जीत पाया था, और अंडर -19 के आयु वर्ग के लिए सर्वश्रेष्ठ एथलीट पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

Q 3) आपके सामने सबसे बड़ी चुनौतियाँ क्या हैं? आपने उनपर कैसे काबू पाया?

TrackBlazers Academy में शामिल होने पर मेरी सबसे बड़ी चुनौती यह थी कि मेरी सहनशक्ति बहुत कम थी और मेरे टखने में बार बार चोट लग रहा था जिससे मैं काफी परेशान था। मेरे कोच फिरोज सर ने मेरे सहनशक्ति को एक अच्छे स्तर तक लाने में मेरी मदद की और बहुत सारे व्यायाम दिए जिससे मेरे टखने की स्थिरता कायम हो सकी और मैं अपनी सर्वश्रेष्ठ क्षमता का प्रदर्शन कर पाया।

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Q 4) उच्चतम स्तर पर एक सफल एथलीट बनने और प्रतिस्पर्धा करने के लिए मानसिक शक्ति कितनी महत्वपूर्ण है?

मुझे लगता है कि एक एथलीट के लिए मानसिक मजबूती शारीरिक ताकत से भी ज्यादा महत्वपूर्ण है।
अपने संयम को बनाए रखना और शुरुआती लाइन पर दौड़ के दौरान शांत रहना प्रमुख पहलुओं में से एक है। यह मै YMCA के स्टेट मीट के अपने अनुभव से बता रहा हूँ। मैं शुरुआती लाइन पर घबरा गया, मुझे डर लग रहा था, और मेरे कंधे कस रहे थे, यह सब मेरे गति को कम कर रहे थे।

Q 5) किन एथलीटों को आप पसंद करते हैं और क्यों?

ऐसे कई एथलीट हैं, जिनमें भारतीय और अंतर्राष्ट्रीय भी शामिल हैं, जिन्हें मैं पसंद करता हूं, और उन्होंने जो हासिल किया है उसे हासिल करने का सपना देखता हूं। मैं वास्तव में उसैन बोल्ट को पसंद करता हूँ जिन्होंने वो संभव कर दिखाया है जिसकी शायद किसी ने कभी कल्पना भी नहीं की थी। उसका एथलेटिक्स के प्रति अत्यधिक समर्पण और नंबर एक होने के कारण मैं उन्हें पसंद करता हूं। नीरज चोपड़ा ने मिसाल के तौर पर भाला फेंक के क्षेत्र में इतना ऊंचा मुकाम हासिल किया है जो किसी भारतीय के पास नहीं है। मैं उनके अटूट समर्पण और जमीन से जुड़े रवैये के लिए उन्हें पसंद करता हूं।

Q 6) भविष्य के लिए आपके लघु और दीर्घकालिक लक्ष्य क्या हैं? उन योजनाओँ को पूरा करने का क्या प्लान है?

मेरा भविष्य का लक्ष्य राष्ट्रीय रिकॉर्ड तोड़ना और कुछ ऐसा हासिल करना है जो भारत के स्प्रिंटर ने 100 मीटर में कभी हासिल नही किया है। ओलंपिक जैसी अंतरराष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता पर भारत का प्रतिनिधित्व करना है। यह सब फिरोज सर के मार्गदर्शन में ही संभव हो सकता है।

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