भारतीयों खेलों में 2022 हॉकी के लिये अच्छा, बैडमिंटन के लिये बेहतर और नीरज के लिये सर्वश्रेष्ठ रहा

नयी दिल्ली, 31 दिसंबर (भाषा) थॉमस कप में ऐतिहासिक जीत भारतीय बैडमिंटन के लिये किवदंती बन गयी जबकि नीरज चोपड़ा ने डायमंड लीग खिताब जीतकर अपने ‘सुपरस्टार’ दर्जे में इजाफा किया लेकिन 22 गज की पिच पर क्रिकेट टीम का संघर्ष 2022 में भारतीय खेलों के लिये खट्टे मीठे नतीजों से भरा रहा।

नयी दिल्ली, 31 दिसंबर (भाषा) थॉमस कप में ऐतिहासिक जीत भारतीय बैडमिंटन के लिये किवदंती बन गयी जबकि नीरज चोपड़ा ने डायमंड लीग खिताब जीतकर अपने ‘सुपरस्टार’ दर्जे में इजाफा किया लेकिन 22 गज की पिच पर क्रिकेट टीम का संघर्ष 2022 में भारतीय खेलों के लिये खट्टे मीठे नतीजों से भरा रहा।

हॉकी में महिला टीम ने प्रेरणादायी प्रदर्शन जारी रखते हुए बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों में रजत पदक जीता।

ओलंपिक चैम्पियन नीरज भले ही 90 मीटर दूर भाला नहीं फेंक सके लेकिन एलीट टूर्नामेंट में पोडियम में शीर्ष स्थान से उनकी महानता का कद ऊंचा होना जारी रहा।

हालांकि पहलवान रवि दहिया अपनी ओलंपिक सफलता के अनुरूप प्रदर्शन नहीं कर सके और विश्व चैम्पियनशिप के पहले ही दौर से बाहर हो गये। दहिया जैसे जुनूनी और मेहनती पहलवान को यह हार सबसे ज्यादा सालती होगी। अब उनके 2023 में बेहतरीन प्रदर्शन की आस है जिसमें पेरिस ओलंपिक के कोटे दाव पर लगे होंगे।

दहिया के इस तरह बाहर होने की बिलकुल उम्मीद नहीं थी, वहीं थॉमस कप में पुरूष बैडमिंटन खिलाड़ियो के साथ भी ऐसा ही था जिन्होंने ऐतिहासिक खिताबी जीत से भारत को बैडमिंटन में ‘पावरहाउस’ बनने की राह पर ला दिया है।

सात्विकसाईराज रंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी पिछले दो वर्षों से शानदार प्रदर्शन दिखा रहे हैं और मई में बैंकाक में खेले गये इस प्रतिष्ठित टूर्नामेंट में चीन और इंडोनेशिया के दबदबे को खत्म करने में उनके प्रदर्शन ने अहम भूमिका अदा की।

पीवी सिंधू और लक्ष्य सेन जैसे स्थापित सितारे कोर्ट पर वैसा प्रदर्शन नहीं दिखा सके जिसकी उनसे उम्मीद थी लेकिन उन्होंने बीडब्ल्यूएफ टूर पर कई खिताब जीतकर अपनी उपस्थिति दर्ज करायी।

बैडमिंटन खिलाड़ियों ने बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों में अपना प्रभावी प्रदर्शन जारी रखा और तीन स्वर्ण सहित छह पदक (एक रजत और दो कांस्य भी) अपने नाम किये।

नीरज हालांकि ‘ग्रोइन’ चोट के कारण राष्ट्रमंडल खेलों में शिरकत नहीं कर सके लेकिन इससे पहले वह अमेरिका में विश्व चैम्पियनशिप में रजत पदक जीतकर अंजू बॉबी जॉर्ज के बाद यह उपलब्धि हासिल करने वाले दूसरे भारतीय एथलीट बने। अंजू ने 2003 पेरिस चरण में कांस्य पदक जीता था।

सितंबर में वह डायमंड लीग सीरीज के फाइनल्स में स्वर्ण पदक जीतकर यह उपलब्धि हासिल करने वाले पहले भारतीय बने। डायमंड लीग के स्टॉकहोम चरण में वह दूसरे स्थान पर रहे थे और 89.94 मीटर दूर भाला फेंककर 90 मीटर के करीब पहुंच गये थे।

वहीं कम से कम छह शीर्ष भारतीय एथलीट को प्रतिबंधित पदार्थ का इस्तेमाल करने के लिये पकड़ा गया और इन पॉजिटिव डोप मामलों से राष्ट्रमंडल खेलों की तैयारियां प्रभावित हुईं।

भारतीय पहलवानों से राष्ट्रमंडल खेलों में दबदबा बनाने की उम्मीद थी लेकिन दहिया इसमें जूझते नजर आये, अमन सहरावत ने 57 किग्रा वर्ग में प्रगति की जो अलमाटी में बोलात तुरलीखानोव में स्वर्ण पदक जीतकर अंडर-23 विश्व चैम्पियन बने।

विनेश फोगाट भी जूझती दिखी लेकिन ग्रीको रोमन पहलवानों और जूनियर पहलवानों ने बड़े मंच पर बेहतरीन प्रदर्शन किया जिससे भारतीय कुश्ती के लिये वर्ष शानदार रहा।

अंतिम पंघाल अंडर-20 विश्व चैम्पियन बनी और जब विनेश नहीं होंगी तो वह 53 किग्रा वजन वर्ग में भारत के लिये सर्वश्रेष्ठ पहलवान हो सकती हैं।

भारतीय हॉकी टीमों ने ऊपर की ओर बढ़ना जारी रखा जिसमें महिलाओं ने पुरूषों पर बाजी मारी। महिला टीम ने 16 वर्षों के बाद राष्ट्रमंडल खेलों में कांस्य पदक जीता। पुरूष टीम ने भी रजत पदक जीता लेकिन फाइनल में आस्ट्रेलिया से मिली 0-7 की हार निराशाजनक रही।

भारतीय पुरूष हॉकी टीम को आस्ट्रेलिया से हुई श्रृंखला में 1-4 से शिकस्त झेलनी पड़ी।

भारोत्तोलक मीराबाई चानू ने राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक के अलावा विश्व चैम्पियनशिप से दूसरा पदक भी अपनी झोली में डाला। वहीं खेल को नये नायक जेरेमी लालरिनुंगा और अचिंता शेयुली के रूप में मिले जो बर्मिंघम में 10 पदक विजेताओं में शामिल रहे।

भारत को खेल में हर्षदा गरूड़ के रूप में जूनियर विश्व चैम्पियन मिला।

भारतीय प्रशंसक चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान के खिलाफ टी20 विश्व कप के रोमांचक मुकाबले में विराट कोहली के लाजवाब शॉट्स कभी नहीं भूलेंगे और इस पारी को बार बार देखना चाहेंगे। कोहली ने साबित किया कि टी20 प्रारूप में भी बल्लेबाजी एक कला ही है।

कोहली ने लंबे प्रारूप में कप्तानी छोड़ दी जिसके बाद बीसीसीआई से उनके रिश्ते और कड़वे हो गये जब उन्हें वनडे कप्तानी से हटा दिया गया।

कहा जा सकता है कि 2022 में भारतीय क्रिकेट में मैदान के अंदर और बाहर माहौल अराजकता भरा रहा।

मुख्य बल्लेबाजों का संघर्ष बहस का विषय बना रहा जिसमें कप्तान रोहित शर्मा और केएल राहुल शामिल रहे। उनके बल्लेबाजी रवैये पर सवाल उठाये गये क्योंकि टीम को अकसर पावरप्ले ओवरों में उनके इस संघर्ष का खामियाजा भुगतना पड़ा।

वहीं हार्दिक पंड्या राष्ट्रीय टीम के नये कप्तान के तौर पर सामने आये क्योंकि रोहित को विश्व कप में एक बार फिर सेमीफाइनल में मिली हार का खामियाजा भुगतना पड़ा जिसमें टीम इंग्लैंड के हाथों हार गयी। भारतीय टीम ने दक्षिण अफ्रीका में एक टेस्ट श्रृंखला भी गंवा दी।

जहां स्थापित खिलाड़ी जूझते दिखे तो एक बल्लेबाज जिसने प्रशंसकों और विशेषज्ञों को मंत्रमुग्ध किया वो थे सूर्यकुमार यादव। उनकी गेंद को स्ट्राइक करने की काबिलियत असाधारण थी जिससे उनकी तुलना महान क्रिकेटर एबी डिविलियर्स से की गयी।

जिस तरह से सौरव गांगुली का बीसीसीआई अध्यक्ष के तौर पर कार्यकाल खत्म हुआ, उसकी भी काफी आलोचना हुई। उच्चतम न्यायालय ने उन्हें अध्यक्ष बनाये रखने की अनुमति दे दी लेकिन बोर्ड ने रोजर बिन्नी को नया अध्यक्ष नियुक्त कर दिया।

Source: PTI News

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