पुरूष हॉकी फाइनल : जापान के खिलाफ टीम इंडिया को करना होगा दबाव का बखूबी सामना

हांगझोउ, पांच अक्टूबर ( भाषा ) एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक के साथ ओलंपिक के लिये क्वालीफाई करने की कोशिश में जुटी भारतीय पुरूष हॉकी टीम को शुक्रवार को गत चैम्पियन जापान के खिलाफ फाइनल में दबाव और तनाव का बखूबी सामना करना होगा ।

हांगझोउ, पांच अक्टूबर ( भाषा ) एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक के साथ ओलंपिक के लिये क्वालीफाई करने की कोशिश में जुटी भारतीय पुरूष हॉकी टीम को शुक्रवार को गत चैम्पियन जापान के खिलाफ फाइनल में दबाव और तनाव का बखूबी सामना करना होगा ।

भारत ने आखिरी बार 2014 में इंचियोन में पुरूष हॉकी में स्वर्ण पदक जीता था । शानदार फॉर्म में चल रही टीम इंडिया की नजरें चौथी बार पीला तमगा जीतकर अगले साल होने वाले पेरिस ओलंपिक का टिकट कटाने पर लगी हैं ।

भारतीय टीम अब तक 1966, 1998 और 2014 में स्वर्ण पदक जीत चुकी है जबकि नौ रजत और तीन कांस्य भी जीते हैं । मौजूदा फॉर्म और विश्व रैंकिंग को देखते हुए भारतीय टीम स्वर्ण की पदक दावेदार है ।

जकार्ता में पिछली बार हुए खेलों में भारतीय टीम के हाथ कांस्य पदक ही लगा था लेकिन इस बार वे इसकी भरपाई करना चाहेंगे ।

पूल चरण में भारत ने 58 गोल किये और सिर्फ पांच गंवाये । सेमीफाइनल में दक्षिण कोरिया को 5 . 3 से हराया लेकिन टीम लय में नहीं दिखी ।

पहले क्वार्टर में 3 . 0 से बढत बनाने के बाद भारत ने लय खो दी और कोरिया ने तीन गोल दाग दिये । एक समय पर स्कोर 4 . 3 था लेकिन समय रहते भारतीय टीम संभल गई ।

भारतीय टीम को बखूबी पता है कि इस महत्वपूर्ण मुकाबले में दबाव का बखूबी सामना करना सफलता की कुंजी होगा ।

भारतीय कप्तान हरमनप्रीत सिंह ने कहा ,‘‘ बड़े मैच में दबाव हमेशा रहता है । हम लंबे समय से इस टूर्नामेंट की तैयारी कर रहे हैं और इसी पल का हमें इंतजार था । स्वर्ण पदक जीतकर पेरिस ओलंपिक के लिये क्वालीफाई करना हमारा लक्ष्य है ।’’

उन्होंने कहा ,‘‘ एक टीम के रूप में हमें यह सुनिश्चित करना होता है कि दबाव को हावी नहीं होने दें । हम खुलकर खेलते हुए मैच का मजा लेते हैं । अगर ऐसा ही कर सके तो जरूर जीतेंगे ।’’

जापान को पूल चरण में भारत ने 4 . 2 से हराया था । इससे भारतीय टीम का मनोबल बढेगा लेकिन बड़े मैच में जापान को हलके में लेने की गलती टीम दोबारा नहीं करेगी ।

दोनों टीमों का 2013 के बाद 27 बार सामना हुआ है जिसमें से 22 मैच भारत ने जीते जबकि जापान ने तीन मैच जीते और दो मैच ड्रॉ रहे ।

भारत के मुख्य कोच क्रेग फुल्टोन ने कहा ,‘‘हमने टूर्नामेंट में अच्छा प्रदर्शन किया है । हमने सिर्फ आठ गोल गंवाये और 63 गोल कियेजिससे पता चलता है कि आक्रमण और रक्षण दोनों बेहतरीन रहे हैं । लेकिन मैच हारने में एक गोल काफी होता है लिहाजा हमें सावधान रहना होगा ।’

Source: PTI News

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