नयी दिल्ली, 27 दिसंबर (भाषा) बृजभूषण शरण सिंह के विश्वासपात्र संजय सिंह के भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) का अध्यक्ष चुने जाने के बाद उठे विवाद के बीच कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बुधवार को हरियाणा के झज्जर में ओलंपिक कांस्य पदक विजेता बजरंग पूनिया और अन्य पहलवानों से मुलाकात की।
पिछले सप्ताह डब्ल्यूएफआई के चुनाव में संजय की जीत के विरोध में बजरंग ने शुक्रवार को अपना पद्मश्री पुरस्कार वापस लौटा दिया था।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष गांधी ने वीरेंद्र अखाड़े में पहलवानों से मुलाकात की। बजरंग ने कुश्ती में अपनी शुरुआत इसी अखाड़े से की थी।
बजरंग ने बाद में संवाददाताओं से कहा, ‘‘वह (राहुल गांधी) हमारी दिनचर्या (प्रशिक्षण) देखने आए थे। उन्होंने मेरे साथ कुश्ती और व्यायाम किया। वह यह देखने आए थे कि एक पहलवान की रोजमर्रा की जिंदगी कैसी होती है।’’
यह मुलाकात विश्व चैंपियनशिप की पदक विजेता विनेश फोगाट के संजय के चुनाव के विरोध में अपना खेल रत्न और अर्जुन पुरस्कार सरकार को वापस लौटाने के एक दिन बाद हुई है।
गुरुवार को संजय सिंह को डब्ल्यूएफआई का अध्यक्ष चुना गया था। बृजभूषण के करीबी संजय के गुट ने इन चुनाव में 15 में से 13 पद जीते थे।
पहलवानों ने इससे पहले मांग की थी कि बृज भूषण का कोई भी करीबी डब्ल्यूएफआई प्रशासन में नहीं होना चाहिए।
चुनाव के बाद रियो ओलंपिक की कांस्य पदक विजेता साक्षी मलिक ने खेल से संन्यास लेने की घोषणा की थी।
खेल मंत्रालय ने हालांकि फैसला करते समय अपने संविधान के प्रावधानों का पालन नहीं करने पर नव निर्वाचित पैनल को निलंबित कर दिया था और भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) को कुश्ती के संचालन के लिए एक तदर्थ पैनल का गठन करने के लिए कहा था।
Source: PTI News