नयी दिल्ली, चार अक्टूबर (क्रिकेट न्यूज़) जम्मू कश्मीर युवा तेज गेंदबाज उमरान मलिक ने इंडियन प्रीमियर लीग मैच में कोलकाता नाइट राइडर्स के खिलाफ जब 150 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से गेंदबाजी की तो राज्य के दिग्गज खिलाड़ी परवेज रसूल ने उम्मीद जतायी कि वे इस खेल में लंबी रेस के घोड़े साबित होंगे। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेलने वाले राज्य के इकलौते क्रिकेटर रसूल इस युवा प्रतिभा से काफी प्रभावित है। 21 साल के इस खिलाड़ी ने केकेआर के खिलाफ एक गेंद 151.03 किलोमीटर की रफ्तार से फेंकी, जो इस सत्र में किसी भारतीय गेंदबाज द्वारा सबसे तेज गेंद है। सनराइजर्स हैदराबाद के लिए आईपीएल के पदार्पण मैच के दौरान उनकी 24 में से 11 गेंदों की रफ्तार 145 किलोमीटर से अधिक थी। रसूल ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘ वह बहुत प्रतिभाशाली लड़का है। जब मैंने उसे नेट्स में खेला तो वह तेज था। वो बहुत तीखा (तेज) था लेकिन यह एक अलग स्तर (आईपीएल में) पर था।’’ सीमित ओवरों के क्रिकेट में भारतीय टीम का प्रतिनिधित्व करने वाले इस खिलाड़ी ने कहा, ‘‘ वह सचमुच तेज गति से बल्लेबाजों को चकमा दे रहा था। इतने बड़े मंच पर उसे इस तरह से खेलते देखकर मुझे बहुत गर्व हुआ।’’ रसूल से जब पूछा गया कि उमरान की शारीरिक बनावट ज्यादातर तेज गेंदबाजों की तरह मजबूत नहीं है तो ऐसे में वह यह गति कहाँ से हासिल करते है, तो उन्होंने कहा, ‘ मुझे नहीं लगता कि अपने शुरुआती वर्षों में उसने कहीं औपचारिक कोचिंग ली है। वह जिला खेल परिषद के कोचिंग शिविर में शामिल होने से पहले 500 या 1000 रुपये की फीस के साथ टेनिस बॉल क्रिकेट खेलता था। ’’ रसूल ने कहा, ‘‘अगर आप जसप्रीत (बुमराह) सहित हमारे कुछ बेहतरीन तेज गेंदबाजों को देखें, तो वे सभी टेनिस बॉल क्रिकेट उत्पाद रहे हैं।’’ उनका तर्क दिया, ‘‘टेनिस बॉल के हल्के वजन का मतलब है कि गति हासिल करने के लिए आपको अतिरिक्त प्रयास की आवश्यकता है। इस खिलाड़ी ने टेनिस बॉल से खेलकर ताकत और गति विकसित की।’’ रसूल ने कहा कि उमरान से उनका परिचय अब्दुल समाद (सनराइजर्स में उसकी टीम के साथी) के जरिये हुआ। उमरान उनके साथ जम्मू कश्मीर के नेट सत्र में हिस्सा लेते थे। उन्होंने कहा, ‘‘वह समाद के बहुत करीब है। वह समाद ही था जिसने उसे राज्य टीम के नेट पर पहुंचाया। मुझे लगता है कि जब वह अंडर -19 स्तर पर था, तो उसके पास निरंतरता की कमी थी। शायद इसलिए उसे कूच बिहार या विजय मर्चेंट ट्रॉफी में बहुत मौके नहीं मिले।’’ रसूल को लगता है कि उमरान को पूरी तरह से तैयार होने के लिए अभी घरेलू क्रिकेट में बहुत अधिक मैच खेलने की जरूरत है। वह हालांकि किसी भी टीम के लिए एक खिलाड़ी बनने की क्षमता रखता है। उन्होंने कहा, ‘‘वह 150 की रफ्तार से गेंदबाजी करता है और अगर वह उस गति से लगातार स्विंग (इनस्विंग या आउटस्विंग) प्राप्त कर सकता है, तो बल्लेबाज उसे संभालने में सक्षम नहीं होंगे।’’ उन्होंने कहा, ‘‘उसने अब इस स्तर पर सिर्फ तीन मैच खेले हैं और एक बार रणजी ट्रॉफी खेलने के बाद वह और भी बेहतर हो जाएगा। ’’
भाषा