इस जीत से अपने सारे रंजोगम भूल जायेंगे अफगानिस्तान के लोग , कहा अफगान पत्रकार ने

(मोना पार्थसारथी)

(मोना पार्थसारथी)

नयी दिल्ली, 15 अक्टूबर ( भाषा ) ‘‘करीब चार दशक तक युद्ध की विभीषिका झेलने वाले देशवासियों के चेहरे पर मुस्कान लाने का काम सिर्फ क्रिकेट ने किया है और यह जीत देश के क्रिकेट इतिहास में मील का पत्थर साबित होगी’’ , यह कहना है अफगानिस्तान के पत्रकार इनायतुल्लाहक यासिनी का ।

अफगानिस्तान ने इस विश्व कप का सबसे बड़ा उलटफेर करते हुए रविवार को अरूण जेटली स्टेडियम पर मौजूदा चैम्पियन इंग्लैंड को 64 रन से हरा दिया ।

बीबीसी की विश्व सेवा ( अफगानिस्तान) के लिये काम करने वाले यासिनी ने भाषा से कहा ,‘‘1979 में जब रूस ने अफगानिस्तान पर हमला किया तो लाखों लोगों ने पाकिस्तान पलायन किया । उन्होंने शरणार्थी शिविरों में क्रिकेट खेला और वहीं सीखा । उस समय हमारे पास राष्ट्रीय टीम भी नहीं थी । ये लोग जब अफगानिस्तान लौटे तो क्रिकेट उनके साथ आया ।’’

काबुल में जन्मे और पूर्वी अफगानिस्तान के जलालाबाद से ताल्लुक रखने वाले यासिनी ने कहा ,‘‘पिछले 20 साल में वहां क्रिकेट की लोकप्रियता बढी और अब सबसे ज्यादा देखा जाने वाला खेल है । अफगानिस्तान में क्रिकेट का क्रेज है और देश में दूर दराज के इलाकों में भी टीवी के आगे नजरें गड़ाये लोग टीम को खेलते देखते हैं । जब अफगानिस्तान जीतता है तो देश में त्योहार सा माहौल हो जाता है जैसा कि आज होगा ।’’

उन्होंने कहा ,‘‘ ऐसे भी लोग हैं जो क्रिकेट नहीं समझते लेकिन अफगानिस्तान ध्वज को लहराते देखने के लिये मैच देखते हैं । मुझे मैसेज आने शुरू हो गए हैं जो लोगों की खुशी बयां कर रहे हैं । अफगानिस्तान ही नहीं दुनिया भर में बसे अफगान लोगों के लिये यह ऐतिहासिक दिन है।’’

उन्होंने कहा ,‘‘ यह जीत बहुत अहम है । इससे पहले कभी अफगानिस्तान ने इंग्लैंड को हराया नहीं है और विश्व कप में यह अफगानिस्तान की दूसरी ही जीत है । इससे टीम का मनोबल भी बढेगा क्योंकि अफगानिस्तान को अभी टूर्नामेंट में छह मैच और खेलने हैं ।’’

उन्होंने कहा ,‘‘अब 23 अक्टूबर को पाकिस्तान से सामना है और अफगान टीम के हौसले बुलंद होंगे । मैने यहां कई अफगान लोगों से बात की है जिनका कहना है कि उनका विश्व कप पाकिस्तान के खिलाफ मैच जीतना होगा ।’’

अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में अफगानिस्तान के इस सफर का श्रेय काफी हद तक भारत और आईपीएल को देते हुए उन्होंने कहा ,‘‘ भारत अफगानिस्तान का दूसरा घर रहा है । अपने देश में सुविधाओं के अभाव में अफगानिस्तान टीम ने भारत ( ग्रेटर नोएडा और देहरादून ) को ही अपना घरेलू मैदान बनाया । हमारे खिलाड़ी आईपीएल में खेलते हैं जिससे उन्हें अनुभव मिल रहा है और अफगानिस्तान में युवा क्रिकेटरों को उम्मीद की किरण भी मिलती है । वे राशिद , मुजीब , नबी जैसे क्रिकेटरों को आईपीएल में चमकते देखते हैं तो प्रेरित होते हैं ।’’

उन्होंने कहा ,‘‘अफगानिस्तान क्रिकेट टीम को हालांकि आईसीसी और बाकी देशों से और सहयोग की जरूरत है । हमारे पास क्रिकेट का बुनियादी ढांचा नहीं है । एक ही विश्व स्तरीय मैदान काबुल में है । लेकिन हमारे पास प्रतिभा की कमी नहीं है । उम्मीद है कि यह जीत एक नयी इबारत गढेगी ।’’

Source: PTI News

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