प्रदर्शनकारी पहलवानों को दिल्ली पुलिस ने हिरासत में लिया, जंतर मंतर पर से सामान हटाया

नयी दिल्ली, 28 मई (भाषा) विनेश फोगाट, साक्षी मलिक और बजरंग पूनिया को दिल्ली पुलिस ने रविवार को सुरक्षा घेरा तोड़कर महिला ‘महापंचायत’ के लिए नए संसद भवन की ओर बढ़ने की कोशिश करने के बाद कानून और व्यवस्था के उल्लंघन के लिए हिरासत में ले लिया । इसके बाद जंतर मंतर पर से उनका सामान हटाते हुए कहा कि अब उन्हें यहां लौटने नहीं दिया जायेगा ।

नयी दिल्ली, 28 मई (भाषा) विनेश फोगाट, साक्षी मलिक और बजरंग पूनिया को दिल्ली पुलिस ने रविवार को सुरक्षा घेरा तोड़कर महिला ‘महापंचायत’ के लिए नए संसद भवन की ओर बढ़ने की कोशिश करने के बाद कानून और व्यवस्था के उल्लंघन के लिए हिरासत में ले लिया । इसके बाद जंतर मंतर पर से उनका सामान हटाते हुए कहा कि अब उन्हें यहां लौटने नहीं दिया जायेगा ।

महिला पहलवानों को शाम को छोड़ दिया गया । विपक्षी दलों ने पहलवानों के साथ कथित बदसलूकी को लेकर केंद्र सरकार की आलोचना की है । कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा ,‘‘ राज्याभिषेक पूरा हुआ – अहंकारी राजा सड़कों पर कुचल रहा जनता की आवाज ।’’ वहीं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि चैम्पियनों के साथ इस तरह का बर्ताव शर्मनाक है ।

शीर्ष पहलवानों ने 23 अप्रैल को भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह को गिरफ्तार करने की मांग को लेकर अपना आंदोलन फिर से शुरू किया था। बृजभूषण पर एक नाबालिग सहित कई महिला पहलवानों के कथित यौन उत्पीड़न का आरोप लगा है। पहलवानों ने आज महिला महापंचायत बुलाई थी जिसकी अनुमति नहीं दी गई थी ।

नये संसद भवन से महज तीन किलोमीटर दूर धरनास्थल जंतर मंतर पर अफरा तफरी मची रही ।पुलिस ने पहलवानों को चेताया था कि वे संसद की तरफ नहीं जाएं लेकिन वे आगे बढ़े जिसके बाद झड़प हुई। पहलवानों और पुलिस अधिकारियों ने एक-दूसरे को धक्का दिया और विनेश फोगाट, उनकी बहन संगीता फोगाट और साक्षी ने बैरिकेड तोड़कर आगे बढ़ने की कोशिश की।

इसके बाद पहलवानों को जबरदस्ती बसों में बैठाकर अलग-अलग स्थलों पर भेज दिया गया। पुलिस ने इसके बाद पहलवानों के अन्य सामान के साथ चारपाई, गद्दे, कूलर, पंखे और तिरपाल की छत को हटा दिया।

कानून और व्यवस्था के विशेष पुलिस आयुक्त दीपेंद्र पाठक ने दावा किया कि प्रदर्शनकारियों ने बार बार किये जा रहे अनुरोध और चेतावनियों को अनदेखा किया और उन्हें रोकने की कोशिश में जुटी पुलिस से उलझने लगे । उन्होंने कहा कि प्रदर्शनकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जायेगी ।

उन्होंने कहा, ‘‘आज हमारी नई संसद का उद्घाटन था। यह हमारे देश के लिए एक महत्वपूर्ण दिन और गर्व का क्षण था । बार बार चेतावनियों और अनुरोध के बावजूद पहलवानों ने हमारी नहीं सुनी । उनका बर्ताव निहायत ही गैर जिम्मेदाराना था ।’’

उन्होंने कहा ,‘‘ सुरक्षा एजेंसियों की तैयारियों में वे बाधा पहुंचाने की कोशिश में थे । अब उन्हें जंतर मंतर पर धरना जारी रखने नहीं दिया जायेगा । जंतर मंतर को पूरा खाली करा लिया गया है ।’’

ओलंपिक पदक विजेता साक्षी मलिक ने ट्वीट किया कि उनका प्रदर्शन जंतर मंतर पर जारी रहेगा ।

उन्होंने कहा ,‘‘ हमारा आंदोलन खत्म नहीं हुआ है । हम जंतर मंतर पर सत्याग्रह करेंगे । इस देश में तानाशाही नहीं चलेगी । महिला पहलवानों का सत्याग्रह होगा ।’’

एक सीनियर पुलिस अधिकारी ने बताया कि सभी महिला पहलवानों को छोड़ दिया गया है और पुरूष पहलवानों को भी जल्दी ही छोड़ दिया जायेगा ।

विनेश ने कहा ,‘‘ उन्होंने मुझे, साक्षी और संगीता को छोड़ दिया है । बाकी हिरासत में है ।’

पुलिस का दावा है कि पहलवानों ने बैरीकेड तोड़े , बदसलूकी की और पुलिसकर्मियों को धक्का दिया जिनमें महिला कांस्टेबल भी थी ।

पहलवानों के नए संसद भवन के सामने रविवार को ‘महिला सम्मान महापंचायत’ के आह्वान के बाद दिल्ली पुलिस ने जंतर-मंतर पर सुरक्षा कड़ी कर दी थी।

संसद भवन की नई इमारत का उद्घाटन रविवार सुबह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया।लुटियंस दिल्ली इलाके में हजारों पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया था और कई जगह बैरिकेड लगाए गए।

संसद भवन से करीब दो किलोमीटर दूर बैठकर प्रदर्शन कर रहे पहलवानों ने कहा था कि वे किसी भी कीमत पर नए संसद भवन के पास अपनी ‘महापंचायत’ करेंगे।

भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत की अगुवाई में एक समूह ने गाजीपुर सीमा पर धरना दिया । उन्होंने पहलवानों के समर्थन में दिल्ली में प्रवेश की कोशिश की लेकिन सीमा बंद कर दी गई थी ।

एक सीनियर पुलिस अधिकारी ने बताया कि गाजीपुर सीमा पर एकत्र हुए सभी किसान घर लौट गए हैं और अब सीमा खोल दी गई है ।

वहीं कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने आरोप लगाया कि सरकार महिला खिलाड़ियों की आवाज को निर्ममता से बूटों तले रौंद रही है।

प्रियंका गांधी ने ट्वीट किया, ‘‘खिलाड़ियों की छाती पर लगे मेडल हमारे देश की शान होते हैं। उन मेडलों से, खिलाड़ियों की मेहनत से देश का मान बढ़ता है। भाजपा सरकार का अहंकार इतना बढ़ गया है कि सरकार हमारी महिला खिलाड़ियों की आवाजों को निर्ममता के साथ बूटों तले रौंद रही है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ ये एकदम गलत है। पूरा देश सरकार के अहंकार और इस अन्याय को देख रहा है।’’

भाषा

मोना

Source: PTI News

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