निरंतर उत्कृष्टता हासिल करने के प्रयास काफी थकाऊ रहे : अश्विन

रोसीयू (डॉमिनिका), 13 जुलाई (भाषा) भारतीय टीम के स्टार ऑफ स्पिनर आर अश्विन का कहना है कि लगातार बेहतर करने की ललक ने उन्हें नयी ऊंचाईयों तक पहुंचाया है लेकिन यह सफर उनके लिए काफी थकाने वाला रहा है।

रोसीयू (डॉमिनिका), 13 जुलाई (भाषा) भारतीय टीम के स्टार ऑफ स्पिनर आर अश्विन का कहना है कि लगातार बेहतर करने की ललक ने उन्हें नयी ऊंचाईयों तक पहुंचाया है लेकिन यह सफर उनके लिए काफी थकाने वाला रहा है।

अश्विन ने वेस्टइंडीज के खिलाफ बुधवार को दो मैचों की श्रृंखला के पहले टेस्ट के शुरुआती दिन 60 रन देकर पांच विकेट झटके जिसकी बदौलत भारत ने मेजबान टीम को पहली पारी में महज 150 रन पर समेट दिया।

अश्विन ने इस दौरान अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट (टेस्ट, एकदिवसीय और टी20 अंतरराष्ट्रीय में मिला कर) में 700 विकेट पूरे किये। वह अनिल कुंबले (956) और हरभजन सिंह (711) के बाद इस उपलब्धि को हासिल करने वाले तीसरे भारतीय गेंदबाज बन गये।

पहले दिन का खेल समाप्त होने के बाद अश्विन से जब अंतरराष्ट्रीय क्रिेकट की लंबी यात्रा और इस दौरान हुए उतार चढ़ाव के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘‘इस दुनिया में कोई भी क्रिकेटर या इंसान ऐसा नहीं है जो इस तरह के उतार चढ़ाव से नहीं गुजरा हो। जब आप असफलता के दौर से गुजरते हो तो आपके पास दो विकल्प होते हैं, या तो उदास हो जाओ, इसके बारे में बात करो और फिर शिकायत करते हुए निराश हो जाओ। या फिर इससे सीख हासिल करो। इसलिये मैं ऐसा व्यक्ति हूं जो लगातार इन चीजों से सीख लेता रहता है। ’’

उन्होंने कहा, ‘‘बल्कि आज (अपने अच्छे प्रदर्शन पर) मैं अपने अच्छे दिन पर सबसे अच्छी चीज यही करूंगा कि मैं अच्छा खाना खाऊंगा, अच्छी बातें करूंगा, अपने परिवार से बात करूंगा, बिस्तर पर जाऊंगा और इन सबके बारे में भूल जाऊंगा। ’’

अश्विन ने कहा, ‘‘जब आपका अच्छा दिन होता है तो आप जानते हो कि आपके लिए दिन अच्छा रहा लेकिन ऐसी भी चीजें होती हैं जिन पर आप काम कर सकते हो और कल इन्हें बेहतर कर सकते हो। उत्कृष्टता की लगातार खोज करने ने ही मुझे अच्छी लय में बनाये रखा हुआ है, लेकिन यह काफी थकाने वाला भी रहा है। ’’

उन्होंने कहा, ‘‘यह सफर इतना आसान भी नहीं रहा है। मेरे लिए यह यात्रा काफी थकाने वाली रही है लेकिन मैं उन सभी असफलताओं का बहुत बहुत शुक्रगुजार हूं क्योंकि इनके बिना सफलता नहीं मिल पातीं। ’’

हाल में आस्ट्रेलिया के खिलाफ विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप (डब्ल्यूटीसी) फाइनल में उन्हें अंतिम एकादश में नहीं रखा गया था, जिससे वह काफी निराश थे। उन्होंने कहा, ‘‘मैंने इसके बारे में बात की है। यह किसी भी क्रिकेटर के लिए काफी मुश्किल होता है जब आपके पास डब्ल्यूटीसी फाइनल में खेलने का मौका हो लेकिन अंत में बाहर बैठना पड़े। लेकिन अगर मैं ड्रेसिंग रूम में निराशा में बैठा रहूं तो मुझमें और एक अन्य व्यक्ति में क्या अंतर होगा। ’’

भाषा नमिता

Source: PTI News

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