नयी दिल्ली, 14 सितंबर (भाषा) हांगझोउ एशियाई खेलों को लेकर ‘क्लब बनाम देश’ के मुश्किल सवाल पर भारतीय फुटबॉल ‘लूजर’ साबित हुई लेकिन देश के महान फुटबॉलर सुनील छेत्री ने इन सभी से ऊपर उठकर राष्ट्रीय दायित्व को प्राथमिकता दी।
करिश्माई स्ट्राइकर छेत्री ने अपने 18 साल लंबे अंतरराष्ट्रीय करियर में कई राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाये हैं। कई इंडियन सुपर लीग (आईएसएल) क्लबों ने एशियाड के लिए अपने खिलाड़ियों को ‘रिलीज’ करने से इनकार कर दिया था लेकिन 39 वर्षीय छेत्री ने राष्ट्रीय टीम की अगुआई करने का फैसला किया।
पिछले महीने एशियाई खेलों के लिए 22 सदस्यीय टीम की घोषणा की गयी थी लेकिन इसमें से 13 खिलाड़ियों को उनके संबंधित आईएसएल क्लबों ने रिलीज ही नहीं किया जिसमें डिफेंडर संदेश झिंगन और नंबर एक गोलकीपर गुरप्रीत सिंह संधू भी शामिल हैं।
अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) ने काफी मुश्किलों के बाद दोयम दर्जे की 18 सदस्यीय टीम चुनी जिसमें छेत्री एकमात्र जाना माना चेहरा हैं।
एआईएफएफ के एक अधिकारी ने पीटीआई भाषा से कहा, ‘‘वह (छेत्री) इतना प्रतिष्ठित खिलाड़ी है और यह तो पूरी मजबूत टीम भी नहीं है। लेकिन वह अडिग रहा और कहा कि वह देश के लिए एशियाई खेलों में खेलना चाहता है और वह इनके लिए तैयार है। उसे सलाम। ’’
उन्होंने कहा, ‘‘हम जानते थे कि वह इन सभी मुद्दों से ऊपर उठकर राष्ट्र को प्राथमिकता देगा और उसने ऐसा ही किया। ’’
छेत्री के क्लब बेंगलुरु एफसी के छह खिलाड़ी शुरुआती 22 फुटबॉलरों की टीम में शामिल थे जिसमें गुरप्रीत भी मौजूद थे। लेकिन क्लब ने दो खिलाड़ियों को ही रिलीज किया जिसमें छेत्री के अलावा एक अन्य रोहित दानू हैं।
अधिकारी ने कहा, ‘‘निश्चित रूप से उसके (छेत्री) क्लब ने हां कहा और उसे रिलीज किया। इसलिये श्रेय बेंगलुरु एफसी को भी जाता है। क्लब ने अपने सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी को रिलीज करके बलिदान दिया है जबकि यह फीफा विंडो भी नहीं है। ’’
क्लब अपने खिलाड़ियों को रिलीज करने के लिए बाध्य भी नहीं है क्योंकि एशियाई खेल फीफा अंतरराष्ट्रीय मैच विंडो में नहीं आते।
एशियाड में फुटबॉल स्पर्धा मूल रूप से अंडर-23 मुकाबले हैं जिसमें प्रत्येक टीम में 23 साल के अधिक उम्र के तीन खिलाड़ियों को अनुमति दी जाती है।
छेत्री अपने तीसरे एशियाई खेलों में हिस्सा लेंगे। वह जब 22 साल के थे तो पहली बार इंग्लैंड के कोच बॉब हॉटन के मार्गदर्शन में 2006 चरण में खेले थे। तब बाईचुंग भूटिया टीम के कप्तान थे जिन्हें 23 साल से अधिक उम्र के खिलाड़ी के तौर पर शामिल किया गया था। भारत ग्रुप चरण में बाहर हो गया था।
कोरिया के इंचियोन में 2014 चरण में छेत्री को 23 साल से अधिक उम्र के खिलाड़ी के तौर पर शामिल किया गया था और वह टीम के कप्तान थे। भारत का अभियान इसमें भी ग्रुप चरण में समाप्त हो गया था।
छेत्री भारत के लिए 142 मैचों में 92 गोल कर चुके हैं, जो किसी भी भारतीय के सर्वाधिक गोल हैं। वह अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल के सक्रिय खिलाड़ियों में गोल करने के मामले में क्रिस्टियानो रोनाल्डो और लियोनल मेस्सी के बाद तीसरे स्थान पर हैं।
वह हाल में पिता बने, लेकिन इसके बावजूद उन्होंने एशियाई खेलों के लिए चीन की यात्रा करने का फैसला किया। एआईएफएफ के अधिकारी ने कहा, ‘‘छेत्री ने भी बलिदान दिया है कि वह अपने बच्चे और पत्नी को छोड़कर राष्ट्रीय टीम की ओर से खेलने जा रहे हैं, ऐसा ज्यादा खिलाड़ी नहीं करते। ’’
छेत्री थाईलैंड में किंग्स कप में हिस्सा लेने वाली भारतीय टीम के साथ नहीं थे क्योंकि वह अपने नवजात और पत्नी के साथ थे।
भारतीय टीम के शनिवार को चीन के लिए रवाना होने की उम्मीद है। टीम एशियाड में अपना अभियान 19 सितंबर को चीन के खिलाफ मैच से शुरु करेगी जिसके बाद टीम 21 सितंबर को बांग्लादेश और 24 सितंबर को म्यांमा से भिड़ेगी।
छह ग्रुप से दो शीर्ष टीमें तथा सर्वश्रेष्ठ तीसरे स्थान पर रहने वाली चार टीमें प्री क्वार्टरफाइनल में जगह बनायेंगी।
Source: PTI News