गोंडा, 11 नवंबर (कुश्ती न्यूज़) गलत पहचान के कारण ‘हत्या की नाटकीय कहानी’ के कारण चर्चा में रही निशा दहिया गुरुवार को यहां राष्ट्रीय कुश्ती चैंपियनशिप में महिलाओं के 65 किग्रा में राष्ट्रीय चैंपियन बनी।
विश्व अंडर-23 चैंपियनशिप की कांस्य पदक विजेता निशा का प्रदर्शन इतना शानदार था कि उन्होंने फाइनल में पंजाब की अपनी प्रतिद्वंद्वी जसप्रीत कौर को केवल 30 सेकेंड में चित कर दिया।
रेलवे का प्रतिनिधित्व करने वाली 23 वर्षीय निशा को खिताब हासिल करने तक केवल सेमीफाइनल में हरियाणा की प्रियंका से ही थोड़ी चुनौती मिली। यह राष्ट्रीय चैंपियनशिप में उनका तीसरा स्वर्ण पदक है।
निशा ने बाद में पीटीआई से कहा, ‘‘यह वास्तव में मेरे अभियान का एक सुखद और शानदार अंत है। मैं कल बहुत तनाव में थी। मुझे नींद भी नहीं आ रही थी। वजन कम होने के कारण मैं पहले से ही कम ऊर्जावान थी और ऐसे में इस घटना का सामना करना मुश्किल था।’’
रिपोर्टों के पहले कहा गया था कि निशा की सोनीपत में हत्या कर दी गयी लेकिन बाद में पता चला कि जिसकी हत्या की गयी वह उदीयमान पहलवान थी और उसका नाम भी निशा था।
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगातार फोन आ रहे थे और मैंने अपना फोन बंद कर दिया। यह तनावपूर्ण बन गया था और मैं केवल अपनी प्रतिस्पर्धा पर ध्यान केंद्रित करना चाहती थी। आखिर में मैंने अपना प्रदर्शन प्रभावित नहीं होने दिया।’’
शेफाली और प्रियंका ने अपने प्लेऑफ मुकाबले जीतकर कांस्य पदक जीते। इससे पहले सेमीफाइनल में जसप्रीत ने हरियाणा की शेफाली को 6-4 से और निशा ने प्रियंका को 7-6 से हराया।
महिलाओं के 76 किग्रा भार वर्ग में 37 वर्षीय गुरशरणप्रीत कौर ने स्वर्ण पदक जीता। उनकी प्रतिद्वंद्वी पूजा सिहाग को मुकाबले के दौरान चोटिल होने के कारण हटना पड़ा। गुरशरणप्रीत का राष्ट्रीय चैंपियनशिप में यह सातवां स्वर्ण पदक है। इस भार वर्ग में बिपाशा और किरण ने कांस्य पदक जीते।
प्रत्येक भार वर्ग में फाइनल में जगह बनाने वाली दोनों खिलाड़ी राष्ट्रमंडल चैंपियनशिप में भाग लेंगी जो तीन से पांच दिसंबर तक दक्षिण अफ्रीका के प्रिटोरिया में आयोजित की जाएगी। स्वर्ण पदक विजेता का खर्चा सरकार उठाएगी जबकि उप विजेता को अपने खर्चे पर जाना होगा।