नयी दिल्ली, 28 जून (स्पोर्ट्स न्यूज़) भारत के लंबी कूद के शीर्ष खिलाड़ी एम श्रीशंकर ने मंगलवार को कहा कि उन्हें वीजा संबंधित मुद्दों के कारण आगामी डाइमंड लीग से हटने का मलाल है क्योंकि वह स्टॉकहोम में ओलंपिक चैंपियन मिलटियाडिस टेनटोग्लू के खिलाफ उतरने को लेकर बेहद उत्साहित थे।
श्रीशंकर को 30 जून से स्वीडन में होने वाले इस प्रतिष्ठित टूर्नामेंट से हटने को बाध्य होना पड़ा क्योंकि अगले महीने ओरेगन में होने वाली विश्व चैंपियनशिप का वीजा तैयार करने के लिए उनका पासपोर्ट नई दिल्ली में अमेरिकी दूतावास में है।
राष्ट्रीय रिकॉर्ड धारक श्रीशंकर ने कहा कि डाइमंड लीग में हिस्सा लेने से वह विश्व चैंपियनशिप के लिए अपनी तैयारी को बेहतर कर पाते लेकिन वहां नहीं खेलने से जरूरी नहीं कि उन पर असर पड़े क्योंकि उनकी पहली प्राथमिकता विश्व चैंपियनशिप है।
श्रीशंकर ने वीडियो बातचीत के दौरान कहा, ‘‘दुर्भाग्य से, वीजा से जुड़ी स्थिति के कारण मुझे स्टॉकहोम में आगामी डाइमंड लीग से हटना पड़ा। मैं इस प्रतियोगिता में हिस्सा लेने को लेकर काफी उत्साहित था विशेषकर मौजूदा ओलंपिक चैंपियन मिलटियाडिस टेनटोग्लू के खिलाफ उतरने को लेकर।’’
श्रीशंकर और टेनटोग्लू दोनों ने इस साल 8.36 मीटर की दूरी तय की है।
उन्होंने कहा, ‘‘डाइमंड लीग में हिस्सा लेने से निश्चित तौर पर मैं जुलाई में विश्व चैंपियनशिप से पहले बेहतर स्थिति में होता। दूसरी तरफ अब मुझे विश्व चैंपियनशिप की तैयारी के लिए अधिक समय मिलेगा जो हमेशा मेरी पहली प्राथमिकता रही है और राष्ट्रमंडल खेल भी है।’’
केरल के इस 23 वर्षीय एथलीट ने इस महीने यूनान में वेनीजेलिया-चेनिया 2022 एथलेटिक्स मीट में 7.95 मीटर के प्रयास के साथ स्वर्ण पदक जीता। उन्होंने कहा कि अब उनका ध्यान अपने निजी रिकॉर्ड को बेहतर करने और विश्व चैंपियनशिप में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने पर है।
श्रीशंकर ने कहा, ‘‘डाइमंड लीग से हटने के बावजूद मैं कड़ी मेहनत कर रहा हूं और मुझे विश्व चैंपियनशिप के दौरान अपने निजी रिकॉर्ड को बेहतर करने का पूरा भरोसा है। इस प्रतियोगिता में कई शीर्ष एथलीट हिस्सा लेंगे लेकिन मैं अपना सर्वश्रेष्ठ देने के लिए तैयार हूं।’’
विश्व चैंपियनशिप के 18वें सत्र का आयोजन 15 से 24 जुलाई तक होगा।
श्रीशंकर ने बताया कि ओलंपिक चैंपियन नीरज चोपड़ा ने उन्हें सिखाया है कि कैसे कड़ी मेहनत खिलाड़ी को निखारती है।
श्रीशंकर ने कहा, ‘‘मुझे पूरा यकीन है कि मेरा हालिया प्रदर्शन मुझे भविष्य में एक बेहतर एथलीट बनाएग लेकिन यह नीरज चोपड़ा की अथक मेहनत है जिसने मुझे बहुत कुछ सिखाया है। वह हर टूर्नामेंट में छाप छोड़ता है और कभी भी दबाव में नहीं झुकता है। स्वर्ण पदक जीतने की उसकी उपलब्धि का मेरे सहित भारतीय एथलीटों पर बहुत बड़ा प्रभाव पड़ा है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘तोक्यो ओलंपिक खेलों में मेरे प्रदर्शन के बाद मेरे आत्मविश्वास का स्तर अब तक के सबसे निचले स्तर पर आ गया था लेकिन यह नीरज चोपड़ा की ऐतिहासिक उपलब्धि थी जिसने मुझे यह महसूस करने में मदद की कि मैं भी इसी तरह अपने देश को गौरवांवित कर सकता हूं।’’
भाषा
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