नयी दिल्ली, 28 मार्च (कुश्ती न्यूज़) बजरंग पूनिया को लेकर कुश्ती जगत में आम धारणा है कि उनका लेग डिफेंस (प्रतिद्वंद्वी द्वारा पैर पकड़ने के बाद बचाव का तकनीक) कमजोर है लेकिन भारत के शीर्ष पहलवान के नये निजी कोच सुजीत मान का मानना है कि इस खिलाड़ी की आक्रमण शैली के कारण ऐसा दिखता है। मान ने कहा कि बजरंग को बस अपनी चाल को अंक में बदलने की जरूरत है। बजरंग का ‘लेग डिफेंस’ पिछले तीन वर्षों से सुर्खियों में रहा है, खासकर तोक्यो ओलंपिक में जहां उन्हें कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा था। बजरंग को इसी वजह से तोक्यो में जापान के उनके चिर प्रतिद्वंद्वी ताकुतो ओटोगुरो के खिलाफ संघर्ष करना पड़ा था। उनके पूर्व कोच शाको बेंटिनिडिस ने भी इस पर काम किया, लेकिन 28 वर्षीय बजरंग वांछित प्रगति नहीं कर सके। इससे निराश होकर राष्ट्रीय महासंघ जॉर्जिया के उनके सहयोगी स्टाफ से हटा दिया था। इस साल जनवरी से बजरंग के साथ काम करना शुरू करने वाले मान ने कहा कि उनका ‘लेग डिफेंस’ उतना कमजोर नहीं है जितना समझा जाता है। मान ने पीटीआई-भाषा को दिये साक्षात्कार में कहा, ‘‘ बहुत से लोगों का मानना है कि उनका ‘लेग डिफेंस’ कमजोर है लेकिन ऐसा नहीं है। यह एक तरीका है। क्रिकेट में, आक्रामक बल्लेबाज अपने शॉट्स खेलता है और इस प्रक्रिया में अपना विकेट गंवाने का जोखिम उठाता है। बजरंग के मामले में, जब वह आक्रामक खेल खेलता है, तो उसका ‘लेग डिफेंस’ कमजोर दिखाई देता है।’’ कोच ने कहा, ‘‘ऐसा नहीं है कि हम उसके ‘लेग डिफेंस’ पर काम नहीं कर रहे हैं। हम कोशिश कर रहे हैं कि अगर प्रतिद्वंद्वी उसकी टांगें पकड़ भी लें तो भी वह मजबूत बचाव के साथ उससे बाहर निकल जाए।’’ उनके ‘लेग-डिफेंस’ को लेकर संघर्ष के मुख्य कारणों में से एक उनके प्रारंभिक वर्षों में उनके प्रशिक्षण और मिट्टी (दंगल) पर प्रतिस्पर्धा से जुड़ा हुआ है। पहलवान आमतौर पर ‘दंगल’ के दौरान शरीर के ऊपरी हिस्से पर पकड़ बनाते है लेकिन मैट पर प्रतिस्पर्धा के दौरान यह रणनीति काम नहीं करती है। मान ने इस पर सहमति जताते हुए कहा, ‘‘ मैट पर आपको शरीर के मध्य और निचले हिस्से पर ध्यान देना होता है जबकि दंगल में खिलाड़ी ऊपरी हिस्से पर पकड़ बनाता है। इस तरह की आदत को बदलना काफी मुश्किल है।’’ मान राष्ट्रीय शिविर का हिस्सा रहे है और उन्होंने बजरंग के खेल को करीब से देखा है। उन्होंने कहा बजरंग अपने खेल में और आक्रमकता लाकर बेहतर हो सकते है। उन्होंने कहा, ‘‘ उसे आक्रामक होने और प्रतिद्वंद्वी पर अधिक पकड़ बनाने की जरूरत है। आक्रमण ही सबसे अच्छा बचाव है। उसे अपने खेल में सिर्फ यही बदलाव करना चाहिये कि वह ज्यादा आक्रमण करे लेकिन इस दौरान अंक गंवाने या स्कोर करने में विफल नहीं होना चाहिए।’’ मान ने 2024 ओलंपिक के बारे में पूछे जाने पर कहा कि उनके पास ज्यादा समय नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘ एशियाई चैम्पियनशिप, रैंकिंग सीरीज और फिर राष्ट्रमंडल तथा एशियाई खेलों में उसे भाग लेना है। पेरिस से पहले हमारे सामने कई लक्ष्य है।’’
भाषा
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