पुरुष मुक्केबाजी के नये कोच राणा खिलाड़ियों से अधिक जवाबी हमले चाहते हैं

नयी दिल्ली, आठ नवंबर (बॉक्सिंग न्यूज़) भारत के नवनियुक्त पुरुष मुक्केबाजी के मुख्य कोच नरेंद्र राणा चाहते हैं कि उनके खिलाड़ी अपने आत्मविश्वास को बढ़ायें और रिंग (मुकाबले के दौरान) में जवाबी हमले करने पर ध्यान देने के साथ प्रतियोगिताओं के दौरान सोशल मीडिया से दूरी बना कर रखे। ओलंपिक में भारतीय मुक्केबाजों के निराशाजनक अभियान के बाद राणा ने आने वाले समय के लिए अपना दृष्टिकोण साझा किया। बेलग्रेड में विश्व चैंपियनशिप के दौरान मुख्य कोच के रूप में अपनी पहली जिम्मेदारी निभाने के बाद 49 साल के राणा सोमवार को देश लौटे। राणा ने बताया कि सेमीफाइनल मुकाबले से ध्यान ना भटके इसलिए उन्होंने कांस्य विजेता आकाश कुमार (54 किग्रा) का फोन छीन लिया था। आकाश इस टूर्नामेंट में भारत के एकमात्र पदक विजेता थे। राणा ने पीटीआई-भाषा को दिये साक्षात्कार में कहा, ‘‘ मैंने क्वार्टर फाइनल के बाद उसका फोन छीन लिया क्योंकि उस पर कॉल और मैसेज (संदेशों) की बौछार हो रही थी।  ध्यान भटकाने वाली चीजों के बीच आराम कहां मिलता, रिकवरी कब होती? मुझे यह करना ही पड़ा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ उसके माता-पिता दोनों नहीं है और जब उसके फोन पर कॉल नहीं लगा तो उसके चाचा ने मुझे फोन किया। मैंने उन्हें बताया कि उसका फोन मेरे पास है, मैंने आकाश से बातचीत करने की पेशकश की लेकिन उसके चाचा ने कहा ‘आपने कुछ सोच के ही किया होगा, बस उसे हमारी शुभकामनाएं दे देना’।’’ आकाश की मां का सितंबर में फेफड़े के कैंसर से निधन हो गया था। जब उनकी मां का निधन हुआ , उस समय वह राष्ट्रीय चैम्पियनशिप में चुनौती पेश कर रहे थे और उन्हें टूर्नामेंट खत्म होने के बाद इसकी जानकारी दी गयी। राणा ने कहा, ‘‘देखिए, सोशल मीडिया को आपके ठीक होने के समय (रिकवरी) में रुकावट नहीं बनना चाहिए। अगर आप अपने पास फोन रखकर सो रहे हैं, तो आपका इससे दिमाग भटकेगा। और मुक्केबाजी जैसे शारीरिक खेल में, उबरने के लिए अच्छी नींद बेहद जरूरी है। जब आप फोन देख रहे हो तो यह संभव नहीं है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ मेरा मानना है कि कड़े प्रशिक्षण और प्रतियोगिताओं के दौरान सोशल मीडिया से बचना चाहिए। यह ध्यान भंग करता है।’’ तोक्यो खेलों में भारतीय पुरुष मुक्केबाज एक भी पदक हासिल करने में विफल रहे इसके बाद ओलंपिक जैसे बड़े मंच के लिए मानसिक तैयारियों को लेकर कई सवाल उठे। निराशाजनक प्रदर्शन के कारण सीए कटप्पा को मुख्य कोच के पद से हटा दिया गया। राणा ने स्वीकार किया कि मुक्केबाजों में कुछ हद तक आत्मविश्वास की कमी है और यह कभी-कभी अचानक काफी सुर्खियां मिलने से भी होता है। उन्होंने कहा, ‘‘कई बार दबाव नकारात्मक प्रदर्शन की ओर ले जाता है और अमित पंघाल जैसे खिलाड़ी के साथ ऐसा ही हुआ। वह दुनिया के शीर्ष मुक्केबाजों में से एक है। हर कोई उनके बारे में बात कर रहा था, और उस पर इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ तोक्यो से वापस आने के बाद मैंने उनसे बात की और उसने मुझसे कहा ‘सर, बहुत दबाव था, नहीं ले पाया’। कोच के रूप में, यह मेरा काम होगा कि मैं ऐसी परिस्थितियों से मुक्केबाजों को बचाऊं और यह सुनिश्चित करूं कि उनका खुद पर विश्वास बरकरार रहे। मैं मूल रूप से असफलता के डर को खत्म करना चाहूंगा।’’ मुकाबले के दौरान रणनीति के बारे में पूछे जाने पर राणा ने कहा कि वह चाहते हैं कि उनके खिलाड़ी जवाबी हमलों पर ध्यान दें क्योंकि मुक्केबाजी ‘अब तेज प्रहार या प्रहार के बाद पीछे हटने के बारे में नहीं है’। उन्होंने कहा, ‘‘ आपको यह साबित करना होगा कि आप में कौशल है। विश्व चैंपियनशिप के दौरान, मैंने ऐसे कई मुकाबलों को देखा जहां तेज मुक्के लगाने वाले मुक्केबाज आक्रामक जवाबी हमला करने वालों से हार गये। अपना हाथ केवल इधर-उधर फेंकने से आपको अंक नहीं मिलते।’’ राणा इसके साथ ही फिटनेस पर ध्यान देना चाहते हैं। इसके लिए वह हर बड़ी प्रतियोगिता से पहले मुक्केबाजों का परीक्षण करना चाहेंगे ताकि केवल सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी ही टीम मे जगह बना सके। 

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न्यूज़ सोर्स : पीटीआई

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