लुसाने, तीन जून (हॉकी न्यूज़) पारंपरिक मैदानी हॉकी के छोटे और तेज रफ्तार प्रारूप एफआईएच हॉकी फाइव में भारतीय टीम शनिवार को जब स्विटजरलैंड के खिलाफ पहला मैच खेलेगी तो ओलंपिक कांस्य पदक विजेता टीम की फिटनेस, कौशल और रफ्तार की यह कड़ी परीक्षा होगी ।
क्रिकेट में टी20, रग्बी में सेवंस और बास्केटबॉल में तीन गुना तीन की तरह हॉकी में भी छोटे प्रारूप के साथ उसे लोकप्रिय बनाने की एफआईएच की कोशिशों का हिस्सा है यह टूर्नामेंट जिससे दर्शकों को मैदानों में बड़ी संख्या में खींचने की कोशिश की जायेगी ।
भारतीय टीम पहला मैच मेजबान स्विटजरलैंड से खेलेगी जिसके बाद पाकिस्तान से खेलना है । रविवार को मुकाबला मलेशिया और पोलैंड से होगा ।
इस प्रारूप के लिये भारतीय पुरूष टीम के कप्तान गुरिंदर सिंह ने कहा कि वे मैदान पर उतरने को लेकर बेताब हैं ।
उन्होंने कहा ,‘‘ यहां बेहतरीन माहौल है । हमारा अभ्यास सत्र भी अच्छा रहा और हम टूर्नामेंट के लिये पूरी तरह से तैयार हैं ।’’
उन्होंने कहा ,‘‘ हमारा सामना बेहतरीन टीमों से है और चूंकि प्रारूप नया है तो यह चुनौतीपूर्ण होगा । हमें तेज रफ्तार हॉकी खेलने के लिये हालात के अनुकूल तुरंत ढलना होगा ।’’
भारत की नौ सदस्यीय टीम में पवन, संजय और रविचंद्र सिंह मोइरांगथेम हैं जो 2018 युवा ओलंपिक खेलों में इस प्रारूप में खेल चुके हैं ।
गुरिंदर ने कहा ,‘‘ इसमें काफी रफ्तार और कौशल की जरूरत होगी । हमने शॉर्ट पास, थ्री डी कौशल और ढांचे पर काम किया है । इस प्रारूप में पेरीमीटर बोर्ड का इस्तेमाल नया है और हम उसका फायदा उठाने की कोशिश करेंगे ।’’
उन्होंने कहा ,‘‘ हमारे पास तीन खिलाड़ी ऐसे हैं जो यह प्रारूप खेल चुके हैं । उनके अनुभव से तैयारी में काफी मदद मिली है ।’’
रजनी इतिमार्पू की कप्तानी में भारतीय महिला टीम पहला मैच उरूग्वे से खेलेगी । इसके बाद पोलैंड का सामना करना है । अगले दिन स्विटजरलैंड और दक्षिण अफ्रीका से टक्कर होगी ।
रजनी ने तैयारियों के बारे में कहा ,‘‘ सभी टीमें इस प्रारूप में पहली बार खेल रही है लिहाजा सभी समान स्तर पर होंगी । हम अपने कौशल का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करेंगे ।’’
हॉकी फाइव को सबसे पहले 2013 में शुरू किया गया और 2014 में चीन में हुए युवा ओलंपिक में पहली बार इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेला गया ।
इस प्रारूप में मैदान नियमित मैदान से आधा होता है जो प्रतियोगिता पर निर्भर करता है । एफआईएच के नियमों के अनुसार अधिकतम आकार 55 मीटर गुणा 42 मीटर और न्यूनतम 40 मीटर गुणा 28 मीटर हो सकता है ।
लंबाई नापने वाली दो सीमारेखाओं को साइडलाइंस कहा जाता है जबकि चौड़ाई नापने वाली रेखा को बैकलाइन कहते हैं ।
आयताकार कोर्ट की बैकलाइन के बीच 3.66 मीटर लंबाई और 2.14 मीटर ऊंचाई के दो गोलपोस्ट होते हैं । इस प्रारूप में कोई डी या अर्धवृत्त नहीं होता है । बैकलाइन के समांतर एक मध्यरेखा से कोर्ट दो हिस्सों में बंटा होता है । दो क्वार्टर लाइन हर हाफ को दो बराबर हिस्सों में बांटती है ।
एक गोल पेनल्टी स्पॉट भी दो गोलपोस्ट के बीच सेंट्रल प्वाइंट्स और क्वार्टर लाइन के बीच होता है । हॉकी फाइव में टीमें कहीं से भी गोल कर सकती हैं जबकि पारंपरिक हॉकी में डी के भीतर जाकर गोल करना होता है ।
इसमें हर टीम में एक समय मैदान पर पांच खिलाड़ी होते हैं जिसमें गोलकीपर शामिल है और चार स्थानापन्न खिलाड़ी उतारे जा सकते हैं ।
हॉकी फाइव में पेनल्टी कॉर्नर नहीं होता लेकिन टीम फाउल होने पर उसे चुनौती दे सकती है और उसकी मांग स्वीकार होने पर विरोधी गोलकीपर के आमने सामने शूटआउट का मौका मिलता है ।
हॉकी फाइव मैच 20 मिनट का होता है जो दस दस मिनट के दो हाफ में होता है ।
भाषा
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