नयी दिल्ली, 24 जून (बैडमिंटन न्यूज) राष्ट्रमंडल खेलों में 12 साल पहले पदार्पण करते हुए महिला युगल में एतिहासिक स्वर्ण पदक जीतने वाली भारत की युगल विशेषज्ञ बैडमिंटन खिलाड़ी अश्विनी पोनप्पा चौथी बार इन खेलों में हिस्सा लेने की तैयारी कर रही हैं।
अश्विनी की जीत की भूख में हालांकि कोई कमी नहीं आई है। उनके स्मैश पहले की तरह दमदार हैं और वह विरोधी खिलाड़ियों की सर्विस और रिटर्न को अब भी काफी अच्छी तरह से भांप लेती हैं।
राष्ट्रमंडल खेलों में दो स्वर्ण सहित पांच पदक, विश्व चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीतने वाली दो बार की ओलंपियन अश्विनी 28 जुलाई से शुरू हो रहे खेलों में एक बार फिर अपना दम दिखाने को तैयार हैं।
कुर्ग की रहने वाली 32 साल की अश्विनी ने पीटीआई को दिए साक्षात्कार में कहा, ‘‘इन वर्षों में काफी उतार चढ़ाव आए। 10 वर्षों में मैं काफी बदल गई, काफी सुधार किया है, अब मेरे पास काफी अधिक अनुभव है और एक बार फिर राष्ट्रमंडल खेलों की टीम में जगह बनाकर काफी अच्छा लग रहा है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘इसकी शुरुआत 2010 में हुई थी और यह मेरे लिए काफी नई चीज थी। स्वर्ण पदक जीतना शानदार लम्हा था। इस लम्हे को दोबारा जीना चाहती हूं।’’
अश्विनी ने ज्वाला गुट्टा के साथ मिलकर दिल्ली राष्ट्रमंडल खेलों में भारत को महिला युगल में पहला स्वर्ण पदक दिलाया था। भारतीय टीम ने भी रजत पदक जीता था। अश्विनी और ज्वाला ने चार साल बाद रजत पदक जीता।
अश्विनी ने गोल्ड कोस्ट में हुए पिछले राष्ट्रमंडल खेलों में भारत को मिश्रित टीम स्वर्ण पदक दिलाने में अहम भूमिका निभाई थी।
उन्होंने कहा, ‘‘2018 में मैंने और सिक्की ने कांस्य पदक जीता था लेकिन तब मैंने पहली बार टीम स्वर्ण पदक जीता जो शानदार अहसास था। इस बार चुनौती अलग है। इस बार मैं महिला युगल में नहीं बल्कि मिश्रित युगल में खेल रही हूं लेकिन मैं इसके लिए तैयार हूं।’’
पिछले तीन राष्ट्रमंडल खेलों में अश्विनी ने महिला युगल में पदक जीते हैं लेकिन इस बार वह क्वालीफाई नहीं कर पाई क्योंकि उनकी महिला जोड़ीदार एन सिक्की रेड्डी को चोट लगने के कारण यह जोड़ी चयन ट्रायल के फाइनल में हार गई।
उन्होंने कहा, ‘‘यह मिश्रित अहसास था, यह हमारा 16वां मैच था और इसका शरीर और दिमाग पर असर पड़ता है। फाइनल से पहले सिक्की की पेट की मांसपेशियों में चोट थी। कई कारण थे जिससे हम अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन नहीं कर पाए। यह निराशाजनक था।’’
अश्विनी ने कहा, ‘‘लेकिन मुझे खुशी है कि सुमीत और मैंने सभी मैच जीते। हम एक दिन में तीन मैच खेल रहे थे। मैं भाग्यशाली रही कि मुझे ट्रायल के दौरान चोट नहीं लगी।’’
यह पूछने पर कि क्या भारत दोबारा मिश्रित टीम स्वर्ण पदक जीतने का प्रबल दावेदार है, अश्विनी ने कहा, ‘‘श्रीकांत, लक्ष्य, सिंधू और सात्विक-चिराग की मौजूदगी में हमारी टीम मजबूत है। टीम स्पर्धा में कुछ भी हो सकता है। 2018 में हमने ओलंपिक रजत पदक विजेता को हराया था जबकि श्रीकांत ने लीग चोंग वेई को शिकस्त दी थी, इसलिए महत्वपूर्ण है कि चीजों का हलके में नहीं लिया जाए।’’
भाषा
ये भी पढ़े : कश्यप और तनीषा ताइपे ओपन में हारे, भारतीय अभियान खत्म