टोक्यो ओलंपिक के साथ ही, अनुभवी भारतीय टेनिस खिलाड़ी रोहन बोपन्ना और AITA के बीच टोक्यो 2020 ओलंपिक योग्यता को लेकर विवाद जारी है। बोपन्ना ने ट्विटर कर भारतीय निकाय पर उन्हें गुमराह करने का आरोप लगाया, जिसके परिणामस्वरूप दोनों पक्षों के बीच बातचीत सार्वजनिक हो गई।
स्पोगो न्यूज़ के साथ एक विशेष बातचीत में, AITA के माननीय महासचिव श्री अनिल धूपर ने उस विवाद को स्पष्ट किया जिसने सोशल मीडिया पर खलबली पैदा की और भारतीय वरिष्ठ टेनिस खिलाड़ी रोहन बोपन्ना और सानिया मिर्जा के ट्वीट की निंदा की।
नीचे पूरा बयान:
“रोहन बोपन्ना और सानिया मिर्जा के ये ट्वीट सबसे अनुचित और भ्रामक हैं। वे तथ्यों पर आधारित नहीं हैं, वास्तव में मैं हैरान हूँ कि उन्हें ओलंपिक में प्रवेश पाने हेतु ITF के नियम दिशानिर्देशों के बारे में बुनियादी जानकारी नहीं है। मैं रोहन और सानिया की हताशा को नहीं समझ पाया पर उनकी यह हताशा एकदम अनुचित है। चीजों को स्पष्ट करना उन खिलाड़ियों पर निर्भर करता है जो अच्छी रैंकिंग प्राप्त करते हैं और जो ओलंपिक की योग्यता में आते हैं। हमारे अपने बच्चों को ओलंपिक क्वालीफाई करने में प्रवेश करने के लिए फेडरेशन के पास वाइल्ड कार्ड नहीं है। ”
“16 जुलाई तक, दिविज (शरण) और रोहन (बोपन्ना), जो हमारे सर्वश्रेष्ठ युगल खिलाड़ी हैं, प्रतीक्षा सूची में थे। 16 जुलाई को अचानक हमें ITF से यह खुशखबरी मिली कि सुमित नागल ने एकल खेलने के लिए क्वालीफाई कर लिया है। टेनिस बिरादरी में कोई भी जो खेल को समझता है, वह जानता है कि जब एक युगल खिलाड़ी ओलंपिक में भाग लेता है, तो वे भी मिश्रित युगल खेलने के हकदार होते हैं, प्रवेश अलग नहीं होता है। हम बहुत खुश थे कि सुमित नागल की एकल प्रविष्टि के साथ अब हम युगल में प्रवेश कर पाएंगे क्योंकि IOC ने अपने नियमों में पहले ही उल्लेख किया है कि एकल खिलाड़ियों को युगल खिलाड़ियों पर प्राथमिकता दी जाएगी। श्री रोहन बोपन्ना सहित सभी इसके बारे में जानते हैं।
"चूंकि 16 जुलाई शुक्रवार था, इसलिए हमने ITF को एक नोट भेजा कि चूंकि हमारे एकल खिलाड़ी ने क्वालीफाई किया है, अतः हम रोहन-दिविज के बदले रोहन- सुमित का नामांकन करना चाहेंगे, अगर नियम अनुमति देते हैं। उन्होंने 16 तारीख को ही हमें जवाब लिखा कि जब तक कोई खिलाड़ी चोटिल, बीमारी या विशेष परिस्थितियों के कारण घायल नहीं हो जाता, तब तक नामांकन बदलने का कोई प्रावधान नहीं है। हालांकि, यह प्रस्ताव सात घंटे के लिए खुला रहेगा और अगर नामांकन स्वीकार कर लिया जाता है, तो भी नया खिलाड़ी क्वालीफाई नहीं करेगा क्योंकि पहले से ही दो बेहतर एकल खिलाड़ी पाइपलाइन में हैं, इसलिए वे नंबर तीन बने रहेंगे।
“अगर मिस्टर रोहन बोपन्ना की रैंकिंग बेहतर नहीं है और उन्हें इसके कारण योग्यता नहीं मिल रही है, तो वह किस बारे में बात कर रहे हैं ? हमारा काम टेनिस को बढ़ावा देना है, सिफारिशें भेजना है जो हम दिन-ब-दिन कर रहे हैं और फेडरेशन के प्रयासों की सराहना करने के बजाय, ऐसे शब्दों का इस्तेमाल किया जा रहा है जिनकी बिल्कुल भी सराहना नहीं की जा सकती। AITA में हम उनके (रोहन बोपन्ना) और सानिया मिर्जा के बयानों की निंदा करते हैं। क्या सानिया को नहीं पता कि मेन्स डबल एंट्री नहीं होगा तो कोई मेडल कैसे जीतेगा? हमें गर्व है कि वह चौथी बार ओलंपिक में शामिल होने वाली एकमात्र भारतीय महिला है, लेकिन वह एक ऐसे मुद्दे का समर्थन कर रही है जिससे वह अच्छी तरह वाकिफ नहीं है, इसके बावजूद वह अभी भी किस कारणों से लिख रही है मुझे नहीं पता।
"यदि पुरुष युगल टीम ओलंपिक क्वालीफाइंग में प्रवेश नहीं करती है, तो कोई मिश्रित युगल नहीं खेला जा सकता है। सानिया (मिर्जा) समेत सभी इस बात से वाकिफ हैं तो वह ऐसा क्यों कह रही हैं कि हमने मेडल जीतने का मौका गंवा दिया? नहीं, आप हारे नहीं हैं, क्योंकि हार तब होती है, जब हम टीम नहीं भेज पाते। यह ITF के नियम हैं और भारतीयों के लिए यह एक दुखद बात है क्योंकि TOPS द्वारा समर्थित टेनिस खिलाड़ी, जो भारतीय खिलाड़ियों को फंडिंग कर रहे हैं, क्वालीफाई कराने में असमर्थ हैं। यह दुर्भाग्य है।"
“इस तरह की टिप्पणी करने से टेनिस बिरादरी या खेल को बिल्कुल भी मदद नहीं मिलेगी। सच तो यह है कि हमने समय की कमी के बावजूद अपनी तरफ से पूरी कोशिश की। अच्छी खबर यह है कि, सुमित नागल एकल खेल रहे हैं और हमने शनिवार को उनके लिए मान्यता, निमंत्रण और अन्य औपचारिकताओं के लिए आवेदन किया जो कि COVID के कारण किए जाने की आवश्यकता है। हमारे पास केवल शनिवार और सोमवार थे जहाँ उनके आवेदन को स्वीकृत करने की आवश्यकता थी और मैं भारतीय ओलंपिक संघ, उप प्रमुख डॉ प्रेम वर्मा का आभारी हूं, जिन्होंने नागल को उनकी मान्यता और निमंत्रण प्राप्त करने के लिए शनिवार शाम और सोमवार को बहुत मेहनत की और वह आज (20 जुलाई) को टोक्यो के लिए रवाना हो रहे हैं ।
उन्होंने कहा, 'अच्छी टीम वर्क के जरिए हम 24 घंटे में उनकी एंट्री हासिल करने में सफल रहे हैं, इसलिए आरोपों में उनकी हताशा ही दिख रही हैं, हम सभी को बुरा लग रहा है कि भारत डबल्स नहीं खेल रहा है। सीनियर खिलाड़ियों का बोलना, ट्वीट करना, रीट्वीट करना, डिलीट करना और रिकॉर्ड करना मैच्योरिटी नहीं दिखा रहा है। दुनिया में कोई भी उनकी सहमति के बिना रिकॉर्ड नहीं कर सकता, यह कानून के खिलाफ है। इन सब चीजों को बंद करो श्रीमान रोहन बोपन्ना, हम सभी को आपकी उपलब्धियों पर गर्व है, आपके पास अभी भी और चीजें हासिल करने की उम्र है और हम इसे मिल कर सकते हैं।