ओडेन्से (डेनमार्क), 21 अक्टूबर (भाषा) ओलंपिक में दो पदक जीतने वाली भारत की स्टार बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधु शनिवार को यहां डेनमार्क ओपन सुपर 750 टूर्नामेंट के सेमीफाइनल में स्पेन की अपनी चिर प्रतिद्वंद्वी कारोलिना मारिन से तीन गेम में हार कर बाहर हो गई।
यह मुकाबला एक घंटे 13 मिनट तक चला जिसमें सिंधु को 18-21, 21-19, 7-21 से हार का सामना करना पड़ा। मैच के दौरान दोनों खिलाड़ियों में शाब्दिक जंग भी देखने को मिली जिससे दोनों को पीले कार्ड भी मिले।
भारतीय खिलाड़ी ने शुक्रवार को क्वार्टर फाइनल में थाईलैंड की सुपानिडा काटेथोंग को हराकर सेमीफाइनल में जगह बनाई थी।
सिंधु पिछले सप्ताह फिनलैंड में आर्कटिक ओपन सुपर 500 बैडमिंटन टूर्नामेंट के सेमीफाइनल में भी पहुंची थी लेकिन वह इससे आगे बढ़ने में नाकाम रही थी।
सिंधु की मारिन के हाथों यहां लगातार पांचवीं हार है। स्पेन की खिलाड़ी ने उन्हें 2016 में रियो ओलंपिक के फाइनल और 2018 में विश्व चैंपियनशिप के खिताबी मुकाबले में भी हराया था।
सिंधु और मारिन इससे पहले एक दूसरे की तारीफ करते रहे हैं लेकिन शनिवार को कोर्ट पर ऐसा कुछ नहीं देखने को मिला। अंपायर ने दोनों को कई बार चेतावनी दी और आखिर में उनको पीला कार्ड दिखाना पड़ा। अंपायर ने उन्हें अंक हासिल करने पर जश्न मनाने का तरीका बदलने को भी कहा।
मारिन इसके बाद भी चिल्लाती रही और जश्न मनाती वही जबकि सिंधु को सर्विस लेने में देर करने के कारण दो बार चेतावनी दी गई। मारिन ने पहला गेम जीतने के बाद जोर-जोर से चिल्ला कर जश्न मनाया इसके लिए उन्हें चेतावनी भी मिली।
सिंधु ने दूसरा गेम जीत कर वापसी की। निर्णायक गेम में अंपायर ने सिंधु को सर्विस लेने के लिए जल्दी तैयार नहीं होने पर चेतावनी दी। इस पर सिंधु को अंपायर से यह कहते हुए सुना गया,‘‘आपने उसे ज़ोर से चिल्लाने की अनुमति दे रखी है, पहले उसे समझाओ और तब मैं तैयार हो जाऊंगी।’’
इसके तुरंत बाद शटल सिंधु के कोर्ट में गिर गई और दोनों इसे लेने के लिए गई। यहां पर भी दोनों के बीच नोक झोंक हुई। अंपायर ने तब दोनों खिलाड़ियों को बुलाकर पीला कार्ड दिखाया और मारिन को सिंधु की तरफ गिरी हुई शटल नहीं उठाने के लिए भी कहा।
इससे सिंधु की लय गड़बड़ा गई और मारिन ने लगातार अच्छा खेल दिखाकर 13 मैच प्वाइंट हासिल करके आसानी से मैच अपने नाम किया।
सिंधू ने कहा कि उनकी प्रतिद्वंद्वी ने ‘गलती की थी’ लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि प्रतिद्वंद्विता खेल के लिए अच्छी है।
उन्होंने कहा, ‘‘हम जब भी खेलते हैं, कोर्ट पर कुछ अन्य चीजें चल रही होती हैं, तो हां… बहुत सारे लोग इसके बारे में बात करते हैं। यह अच्छा लगता है कि प्रतिस्पर्धा हमेशा ऊंची होती है और प्रतिद्वंद्विता होनी चाहिए क्योंकि इसी तरह खेल बढ़ता है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ मुझे हालांकि आज लगा कि कोर्ट में थोड़ी अधिक प्रतिद्वंद्विता थी लेकिन मुझे लगा कि वह (मारिन) अपनी ओर से गलत थी।’’
सिंधू के लिए यह साल अब तक अच्छा नहीं रहा है लेकिन उन्होंने कहा कि यूरोप में खेले गए पिछले दो टूर्नामेंट से काफी आत्मविश्वास मिला है।
उन्होंने कहा, ‘‘यह एक अच्छी शुरुआत है। यूरोपीय सर्किट पर आर्कटिक ओपन और डेनमार्क ओपन में मैं फाइनल में नहीं जा सकी लेकिन सेमीफाइनल में खेलकर, मैं धीरे-धीरे खुद में सुधार कर रही हूं। यह अपने आप में एक बड़ी बात है।’’
सिंधू ने कहा, ‘‘इससे मेरा हौसला बढ़ता है और मुझे काफी आत्मविश्वास मिलता है। यहां से बहुत सारी सकारात्मक चीजें सीखने को मिलती हैं।’’
Source: PTI News