ग्रेटर नोएडा, 27 दिसंबर (भाषा) राष्ट्रमंडल खेलों की पदक विजेता मुक्केबाज जैस्मिन लंबोरिया ने बुधवार को यहां विवादास्पद खंडित फैसले में ओलंपियन सिमरनजीत कौर को हराकर पहली बार सीनियर राष्ट्रीय चैंपियनशिप में खिताब जीता।
तीन दौर के बाद विश्व चैंपियनशिप की कांस्य पदक विजेता अनुभवी सिमरनजीत ने 60 किग्रा वर्ग का मुकाबला 3-2 से जीता था।
नियमों के अनुसार 3-2 के खंडित फैसले वाला मुकाबला समीक्षा के लिए जाता है और दो समीक्षकों ने सेना खेल नियंत्रण बोर्ड (एसएससीबी) की जैस्मिन के पक्ष में फैसला सुनाते हुए उन्हें 4-3 से विजेता घोषित किया।
सिमरनजीत ने कहा, ‘‘फैसला निष्पक्ष नहीं था। मैं अपने मुकाबले के बारे में कभी कुछ नहीं कहती लेकिन आज काफी अनुचित था।’’
जैस्मिन और सिमरनजीत अब राष्ट्रीय शिविर में जाएंगी जहां दो हफ्ते के आकलन के बाद फरवरी में होने वाले ओलंपिक क्वालीफायर के लिए चयन होगा।
भारत को पेरिस ओलंपिक 2024 के लिए महिला 60 और 66 किग्रा वर्ग में कोटा नहीं मिला है।
पूर्व युवा विश्व चैंपियन सेना की अरुणधति चौधरी ने 66 किग्रा वर्ग में एक अन्य पूर्व युवा विश्व चैंपियन असम की अंकुशिता बोरो को 5-0 से हराकर खिताब जीता। अरुणधति इससे पहले 75 किग्रा वर्ग में चुनौती पेश करती थीं।
रेलवे खेल संवर्धन बोर्ड (आरएसपीबी) को सर्वश्रेष्ठ टीम चुना गया। उसके मुक्केबाजों ने पांच स्वर्ण सहित आठ पदक जीते। उषा नागिशेट्टी को सर्वश्रेष्ठ कोच चुना गया।
आरएसपीबी की अनामिका (50 किग्रा), ज्योति (52 किग्रा), शिक्षा (54 किग्रा), सोनिया लाठेर (57 किग्रा) और नुपुर (+81 किग्रा) ने स्वर्ण पदक जीते।
हरियाण उप विजेता रहा। हरियाणा की गत विश्व चैंपियन स्वीटी बूरा (81 किग्रा) ने अपने खिताब का बचाव किया। पूजा रानी, गीतिका (48 किग्रा) और प्राची (63 किग्रा) ने भी स्वर्ण पदक जीते।
महिला राष्ट्रीय मुक्केबाजी चैंपियनशिप के सातवें सत्र में 12 वजन वर्ग में तीन सौ से अधिक मुक्केबाजों ने हिस्सा लिया।
Source: PTI News