चोपड़ा की अगुआई में भारत के पास अपना खेल कौशल दिखाने का मौका

(फिलेम दीपक सिंह)

(फिलेम दीपक सिंह)

हांगझोउ, 22 सितंबर (भाषा) ओलंपिक चैम्पियन नीरज चोपड़ा की अगुआई में भारतीय दल शनिवार को आधिकारिक रूप से आरंभ होने वाले एशियाई खेलों में खेल शक्ति के तौर पर अपना दबदबा दिखाने के लिए बेताब होगा जो कोविड-19 महामारी के कारण एक साल देर से कराये जा रहे हैं।

भारत हांगझोउ में 39 स्पर्धाओं के लिए 655 खिलाड़ियों के सबसे बड़े दल के साथ पहुंचा है और उसकी कोशिश इंडोनेशिया 2018 में जीते गये 70 पदकों (16 स्वर्ण, 23 रजत और 31 कांस्य) से बेहतर प्रदर्शन करने पर लगी होगी ताकि वह दुनिया को दिखा सके कि तोक्यो ओलंपिक 2021 में ऐतिहासिक प्रदर्शन के बाद से देश में खेल ने किस तरह की प्रगति की है।

भारत निकट भविष्य में ओलंपिक की मेजबानी की उम्मीद लगाये है और 2018 एशियाड में आठवां स्थान संतुष्टि से कहीं कोसों दूर है जिससे देश हांगझोउ में पदक तालिका में ऊपर की ओर बढ़ने का प्रयास करेगा।

भारत 1986 सियोल चरण के बाद से पदक तालिका में शीर्ष पांच में नहीं रह पाया है। और इस बार की ‘कैचलाइन’ है ‘इस बार, सौ पार’, यानि इस बार 100 पदक से ज्यादा।

हालांकि 100 पदक भले ही संभव नहीं हो, लेकिन भारत पिछले चरण के पदकों से आगे बढ़ना चाहेगा जिसमें एक बार फिर एथलेटिक्स से सबसे ज्यादा योगदान की उम्मीद है। पिछली बार ट्रैक एवं फील्ड खिलाड़ियों ने 20 पदक जीते थे और इस बार उनके 25 पोडियम स्थान हासिल करने की उम्मीद है।

एशियाई खेलों के इतिहास में पहली बार भारतीय दल में पांच ओलंपिक पदक विजेता शामिल हैं जिसकी अगुआई भाला फेंक सुपरस्टार चोपड़ा कर रहे हैं जो अपना खिताब बरकरार रखन चाहेंगे। इससे उम्मीद बढ़ गयी हैं कि देश 2018 में जीते गये 16 स्वर्ण पदकों में इजाफा करेगा।

अन्य ओलंपिक पदक विजेता भारोत्तोलक मीराबाई चानू, बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधू, पहलवान बजरंग पूनिया और मुक्केबाज लवलीना बोरगोहेन हैं।

फिर भी भारत के लिए स्वर्ण पदकों की संख्या की भविष्यवाणी करना मुश्किल है क्योंकि सिंधू पिछले कुछ समय से फॉर्म से जूझ रही हैं, चानू को हाल में फिटनेस संबंधित मुद्दे रहे जबकि बजरंग ने पहलवानों के विरोध में हिस्सा लेने के कारण कुछ महीने पहले ही ट्रेनिग शुरु की है।

बोरगोहेन और चोपड़ा हालंकि हाल में विश्व चैम्पियन बने।

बोरगोहेन शनिवार को उद्घाटन समारोह के दौरान पुरुष हॉकी टीम के कप्तान हमरनप्रीत सिंह के साथ भारतीय दल के ध्वजवाहक की जिम्मेदारी भी उठायेंगी।

एथलेटिक्स में 2018 के आठ स्वर्ण पदकों के प्रदर्शन को दोहराना हालांकि मुश्किल होगा लेकिन हॉकी (पुरुष और महिला), कबड्डी (पुरुष और महिला), शतरंज और तीरंदाजी भारत के पीले तमगों में इजाफा कर सकते हैं।

मौजूदा फॉर्म को देखते हुए भारत पुरुष और महिला दोनों हॉकी स्पर्धाओं में स्वर्ण पदक जीत सकता है। पुरुष और महिला कबड्डी टीम से भी स्वर्ण पदक जीतने की उम्मीदें हैं जिससे वह जकार्ता में चूके मौके की भरपायी कर सकती है। पिछली बार पुरुष टीम ने कांस्य और महिला टीम ने रजत पदक जीता था।

निशानेबाजों ने 2018 में दो स्वर्ण सहित नौ पदक दिलाये थे लेकिन इस बार वे शायद इस संख्या को पार नहीं कर पायें।

मुक्केबाजी में निकहत जरीन और बोरगोहेन पदक जीतने की प्रबल दावेदार हैं लेकिन इसके रंग की भविष्यवाणी करना मुश्किल है। ऐसा ही पहलवानों के साथ है जिन्होंने पिछले चरण में दो स्वर्ण सहित तीन पदक जीते थे।

दुनिया की सबसे बड़ी बहुस्पर्धा प्रतियोगिता की मेजबानी से चीन महामारी के खौफ से बाहर निकल रहा है और ये अपने इतिहास में सबसे बड़े खेल होंगे। इसमें कोई शक नहीं ओलंपिक ही दुनिया की बहुस्पर्धा प्रतियोगिता का शिखर है लेकिन एशियाड में ज्यादा एथलीट हिस्सा लेते हैं और हांगझोउ में 12,000 से ज्यादा खिलाड़ी शिरकत करेंगे।

दो साल पहले तोक्यो ओलंपिक में 11,000 खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया था और अगले साल पेरिस चरण में 10,500 खिलाड़ियों के खेलने की उम्मीद है।

पिछले एशियाड में 11,000 से ज्यादा एथलीट खेले थे।

आठ अक्टूबर तक चलने वाले इस 19वें एशियाड का आयोजन सितंबर 2022 में कराया जाना था लेकिन चीन में कोविड-19 मामलों में बढ़ोतरी के कारण इन्हें एक साल के लिए स्थगित कर दिया गया जिससे अब ये हांगझोउ के साथ पांच अन्य शहर हुझोउ, निंग्बो, शाओजिंग, जिन्हुआ और वेंझोउ में कराये जायेंगे।

एशिया के 45 देश 40 खेलों और 61 स्पर्धाओं में 481 स्वर्ण पदक के लिए प्रतिस्पर्धा करेंगे। ईस्पोर्ट्स इस चरण में पदार्पण कर रहा है। फुटबॉल, वालीबॉल, क्रिकेट के अलावा रोइंग, सेलिंग (नौकायन) और आधुनिक पेंटाथलन उद्घाटन समारोह से पहले ही शुरु हो गये हैं।

चीन अपने एशियाड के इतिहास में दूसरा सबसे बड़ा दल उतार रहा है जिसमें उसके 886 एथलीट हिस्सा लेंगे जिसमें 437 महिलायें होंगी। 2010 ग्वांग्झू एशियाड में चीन के 977 खिलाड़ी उतरे थे।

चीन 1982 के बाद से प्रत्येक चरण में पदक तालिका में शीर्ष स्थान कब्जाता रहा है और इस बार भी उसके दबदबे के जारी रहने की उम्मीद है क्योंकि उसके कई ओलंपिक चैम्पियन इन खेलों में प्रतिस्पर्धा करेंगे।

चीन के राष्ट्रपति शि जिनपिंग एशियाड शुरू करने की घोषणा करेंगे।

Source: PTI News

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