… जी उन्नीकृष्णन …
नयी दिल्ली, तीन अक्टूबर (भाषा) बांग्लादेश सीमित ओवरों के प्रारूप में पिछले कुछ वर्षों से काफी प्रतिस्पर्धी रहा है, लेकिन बड़ी टीमों के खिलाफ उसके प्रदर्शन में निरंतरता की कमी रही है।
टीम को पांच अक्टूबर से शुरू हो रहे एकदिवसीय विश्व कप में अगर अच्छा प्रदर्शन करना है तो उसे अपनी इस खामी से पार पाना होगा।
टीम ने इस साल 20 मैचों में आठ जीत और नौ हार का सामना किया है। विश्व कप से पहले टीम हालांकि चयन मामलों से जुड़े विवाद को लेकर सुर्खियों में है।
बांग्लादेश विश्व कप में अपने अभियान का आगाज सात अक्टूबर को धर्मशाला में अफगानिस्तान के खिलाफ करेगा।
बांग्लादेश टीम का विश्लेषण इस प्रकार है।
मजबूती:
कप्तान शाकिब अल हसन, तेज गेंदबाज मुस्तफिजुर रहमान, विकेटकीपर बल्लेबाज मुशफिकुर रहीम, लिटन दास और हरफनमौला महमुदुल्लाह जैसे खिलाड़ी काफी समय टीम में है। इन खिलाड़ियों के पास दबाव वाली परिस्थिति से टीम को बाहर निकालने का अनुभव है।
युवा बल्लेबाज नजमुल शंटो शानदार लय में है और उन्होंने इस साल टीम के लिए सबसे ज्यादा रन बनाये है। तस्कीन अहमद, शरीफुल इस्लाम और तौहीद हृदय की मौजूदगी टीम को मजबूत बनाती है।
टीम की सबसे मजबूत कड़ी स्पिन गेंदबाजी है। शाकिब, मेहदी मिराज, मेहदी हसन और नासुम अहमद की फिरकी भारतीय परिस्थितियों में काफी कारगर होगी।
कमजोरी:
टीम की सबसे बड़ी कमजोरी अहम मौके पर दबाव झेलने में नाकाम रहना है। गेंदबाजी और बल्लेबाजी में टीम शाकिब पर काफी अधिक निर्भर है। अनुभवी सलामी बल्लेबाज तमीम इकबाल को विश्व कप की टीम में नहीं चुने कारण हुए विवाद के बाद यह देखना होगा कि लिटन दास के साथ कौन पारी का आगाज करेगा।
तेज गेंदबाज इबादत हुसैन के चोटिल होने से टीम का आक्रमण थोड़ा कमजोर हुआ है।
मौका:
विश्व कप में बांग्लादेश के पास खोने के लिए कुछ नहीं है। टीम विश्व कप के दावेदारों में शामिल नहीं है ऐसे में वे बेखौफ क्रिकेट खेल कर प्रतिद्वंद्वी टीमों को परेशान कर सकते है। तौहीद, तंजीद और शरीफुल जैसे युवा अपनी छाप छोड़ने के लिए पूरा दमखम लागयेंगे।
खतरा:
टीम में प्रतिभा की कमी नहीं है लेकिन तमीम और शाकिब के बीच हाल में हुई जुबानी जंग के बाद खिलाड़ी खेमों में बंटे हुए है। बांग्लादेश के खिलाड़ियों को इसके साथ ही कमजोर टीम के तमगे वाली मानसिकता से पार पाना होगा।
Source: PTI News