कोलंबो, 11 सितंबर (भाषा) भारतीय कप्तान रोहित शर्मा ने पाकिस्तान के खिलाफ एशिया कप के सुपर चार चरण के मुकाबले में जब बाएं हाथ के तेज गेंदबाज शाहीन शाह अफरीदी पर बैकवर्ड स्क्वायर लेग पर छक्का जड़ा तो मुकाबले की कवरेज कर रहे कैमरे भारतीय ड्रेसिंग रूम में एक व्यक्ति पर केंद्रित हो गए।
यहां तक कि कट्टर क्रिकेट प्रशंसकों के लिए भी इस व्यक्ति को पहचानना आसान नहीं था और अधिकतर लोग हैरान थे कि आखिर कैमरा उन पर क्यों टिका है।
यह व्यक्ति और कोई नहीं बल्कि भारतीय टीम के बाएं हाथ के ‘थ्रो डाउन’ विशेषज्ञ नुवान सेनेविरत्ने थे।
श्रीलंका के लिए सिर्फ दो प्रथम श्रेणी मैच खेलने वाले सेनेविरत्ने आखिर भारतीय टीम का महत्वपूर्ण हिस्सा कैसे बन गए?
इसका जवाब सामान्य सा है। रोहित और विराट कोहली जैसे सीनियर बल्लेबाजों का मानना है कि सेनेविरत्ने अपने बाएं हाथ के थ्रो डाउन से मुश्किल कोण से भी काफी अधिक गति हासिल कर सकते हैं जिससे मैच के समय उनके लिए बाएं हाथ के तेज गेंदबाजों से निपटना आसान हो जाता है।
सेनेविरत्ने का सफर हालांकि आसान नहीं रहा। एक समय था जब वे अपने भविष्य को लेकर सुनिश्चित नहीं थे और जीवनयापन के लिए कोलंबो में स्कूल वैन चलाते थे।
खाली समय में सेनेविरत्ने अपने पुराने क्लब मेटलैंड के नोंडेस्क्रिप्ट्स क्रिकेट क्लब (एनसीसी) जाते थे और 2015 में एक दिन वह इस क्रिकेट क्लब में श्रीलंका के पूर्व बल्लेबाज चरिथ सेनानायके से मिले और उनका जीवन बदल गया।
उस समय टीम के मैनेजर सेनानायके ने ‘पीटीआई’ से कहा, ‘‘नुवान कड़ी मेहनत करने वाला लड़का है और पहली बार मैंने उसे उस समय देखा जब वह क्षेत्ररक्षण ड्रिल में श्रीलंका ‘ए’ की सहायता कर रहा था।’’
उन्होंने कहा, ‘‘वह उन्हें गेंदबाजी और थ्रोडाउन कर रहा था। मैं उसके कौशल और काम करने की लगन से तुरंत प्रभावित हुआ। वह सबसे पहले मैदान में आता था और सबसे आखिर में जाता था।’’
उन्होंने कहा कि नेट पर अपनी गति से बल्लेबाजों को परेशान करने की सेनेविरत्ने की क्षमता ने उनका ध्यान खींचा।
सेनानायके ने कहा, ‘‘वह थ्रो डाउन को लेकर शानदार था, विशेषकर जब वह नेट पर बाएं हाथ के तेज गेंदबाजों के कोण के साथ गेंदबाजी करता है। इससे ‘ए’ दौरों पर हमारे बल्लेबाजों, विशेषकर (दनुष्का) गुणातिलक को काफी मदद मिली।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मैंने सोचा कि इस लड़के की मदद करनी चाहिए क्योंकि उसमें वास्तविक कौशल है। इसलिए मैंने उसकी सिफारिश रॉय (डियास) से की और उन्होंने खुशी से उसे अपने साथ जोड़ लिया।’’
श्रीलंका के पूर्व बल्लेबाज डियास ने सेनेविरत्ने को भारत के दौरे पर गई श्रीलंका की ‘ए’ टीम के सहयोगी स्टाफ में जगह दी।
सेनेविरत्ने को इसके बाद उसी साल इंग्लैंड दौरे के लिए सीनियर टीम के साथ जोड़ा गया।
सेनानायके ने कहा, ‘‘मैंने उसकी सिफारिश श्रीलंका के तत्कालीन कोच ग्राहम फोर्ड से की। फोर्ड बावुवा (सेनेविरत्ने को प्यार से बुलाया जाता है) की गति से काफी प्रभावित हुए जो उन्होंने दिमुथ करूणारत्ने और एंजेलो मैथ्यूज के खिलाफ हासिल की।’’
फोर्ड इसके बाद सेनेविरत्ने को इंग्लैंड दौरे पर ले गए जबकि सेनानायके उस दौरे पर मैनेजर के रूप में गए।
सेनेविरत्ने को हालांकि श्रीलंका बोर्ड से कोई नियमित अनुबंध नहीं मिला और 2017 में इंग्लैंड दौरे पर भारतीय टीम की मदद के लिए उन्हें बुलाया गया।
सेनानायके ने कहा, ‘‘नेट पर बावुवा ने कोहली के शरीर पर गेंद मारी और अपनी गति तथा कोण से भी उन्हें परेशान किया।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ट्रेनिंग के बाद भारतीय टीम के मैनेजर ने मेरे से संपर्क किया और थ्रो डाउन विशेषज्ञ के बारे में जानकारी मांगी।’’
संक्षिप्त साक्षात्कार के कुछ महीनों बाद सेनेविरत्ने भारत के लिए जाने वाले विमान में सवार थे। उन्हें भारत ने बाएं हाथ के थ्रो डाउन विशेषज्ञ के रूप में टीम के साथ जोड़ा था।
सेनानायके ने कहा, ‘‘बावुवा ने मुझे फोन किया और कहा कि सर मैं भारत की क्रिकेट टीम के साथ जुड़ने वहां जा रहा हूं। मैं बेहद खुश था, अंतत: उसे वह मान्यता मिल गई थी जिसका वह हकदार था।’’
Source: PTI News