मेरा लक्ष्य रणजी ट्रॉफी में कर्नाटक के लिए खेलना है: अनीश के.वी.

21 साल की उम्र में दाएं हाथ के बल्लेबाज अनीश के.वी. कर्नाटक राज्य के लिए अपना प्रथम श्रेणी में  पदार्पण करने का लक्ष्य बना रहें हैं, अंतिम लक्ष्य के तौर पर भारतीय क्रिकेट टीम के लिए खेलना चाहते हैं। इस साल की शुरुआत में महाराजा टी 20 ट्रॉफी के फाइनल और सीके नायडू ट्रॉफी में भी पहुच चुके हैं।
इस एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में अनीश ने अपने पसंदीदा क्रिकेटर, अब तक के अनुभव, खेल के विभिन्न प्रारूपों के प्रति दृष्टिकोण, चुनौतियों और भविष्य के लक्ष्यों के बारे में बात करते हैं।

Q 1) आपके पसंदीदा खिलाड़ी कौन हुए और आपको उनके बारे में क्या पसंद आया?

मेरे लिए किसी एक खिलाड़ी के बारे में बताना मुश्किल है क्योंकि जब मैं बड़ा हो रहा था, तो मैं हमेशा खिलाड़ियों के विभिन्न पहलू की प्रशंसा करता था। फिर भी अगर मुझे केवल एक ही विकल्प दिया जाए, तो मैं राहुल सर (राहुल द्रविड़) को चुनता।
 उसके आस-पास की आभा, जिस तरह से वह खुद को और उनके ब्रांड को लेकर चलते है वो प्रसंसनीय है और उन्होंने जो क्रिकेट खेला वह मेरे लिए बहुत प्रेरणादायक है।

Q 2) आप हाल ही में महाराजा टी20 ट्रॉफी के फाइनल में पहुंचे, आपका अनुभव कैसा रहा?

यह प्रतियोगिता मेरे जैसे युवाओं के लिए अपनी प्रतिभा दिखाने का एक अद्भुत मंच था। 
विशेष रूप से स्टार स्पोर्ट्स जैसे मंच पर टेलीविजन पर प्रसारित होने से केवल लाभों में इजाफा हुआ क्योंकि मुझे यकीन है
देश और संभवत: दुनिया भर के कई लोग देख रहे थे। कुल मिलाकर यह एक जबरदस्त अनुभव था और मैंने इससे बहुत कुछ सीखा।

Q 3) अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी जैसे मयंक अग्रवाल, मनीष पांडे आदि के साथ वरिष्ठ सेट अप का हिस्सा होने का अनुभव कैसा रहा है? इन 
 अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों से आपने क्या सबक सीखा है?

यह मेरे लिए आशीर्वाद रहा है। यदि आप इसके बारे में सोचते हैं, तो सभी वरिष्ठ खिलाड़ियों ने देश का प्रतिनिधित्व किया है
और उनके लिए इतना स्वागत करना बहुत उत्साहजनक है। वे हमेशा अपना समय निकाल कर जो भी हमारे प्रश्न है उसका जबाब जरूर देते है ताकि
वो यह सुनिश्चित कर सके कि हम उन खिलाड़ियों के साथ सहज महसूस करते है।

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Q 4) आपने T20 और वन डे दोनों ही प्ररूपों में खेला है, क्या आपकी रणनीति और अन्य चीजें जैसे ग्रिप आदि खेल प्रारूप के आधार पर बदलता रहता हैं? 

बहुत ज्यादा नहीं, मुझे लगता है कि एक बल्लेबाज जिसके पास अच्छी तकनीक है उसे सभी तीनों प्रारूप के अनुकूल होने में सक्षम होना चाहिए। मेरे लिए यह एक छोटा सा मानसिक बदलाव है और छोटे फॉरमेट में खेल की जागरूकता पर जोर देने की आवश्यकता होती है, खेल जागरूकता महत्वपूर्ण हो जाती है।

Q 5) अब तक के आपके कैरियर में सबसे बड़े चुनौती क्या रहे है? और आप उन्हें कैसे मात देते हैं?

मुझे लगता है कि अब तक की सबसे बड़ी चुनौती या मेरी सबसे बड़ी उपलब्धि मेरे लिए यह विश्वास करना था कि मैं एक अच्छा 'वाइट बॉल' क्रिकेटर हो सकता हूँ। जिस क्षण मुझे विश्वास होने लगा कि मैं यह कर सकता हूं, मैंने देखा की रिजल्ट आने शुरू हो गए।

Q 6) आपके भविष्य के लक्ष्य और महत्वाकांक्षाएं क्या हैं? आप उन्हें कैसे हासिल करने की योजना बना रहे हैं?

सबसे पहले, रणजी ट्रॉफी में कर्नाटक के लिए खेलने के लिए, उसके बाद टेस्ट क्रिकेट में भारत के लिए उम्मीद है। मैं हमेशा से टेस्ट क्रिकेट का बहुत बड़ा प्रशंसक रहा हूं, मेरा मानना ​​है कि यह खेल का सबसे शुद्ध रूप है और एक ऐसा प्रारूप जिसे मैं सबसे ज्यादा प्यार करता हूं और खेलना पसंद करता हूं।

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