‘मेरा अंतिम लक्ष्य पैरालिंपिक में स्वर्ण जीतना है’- मोहित सिंह

राजस्थान के झुंझुनू के रहने वाले 22 वर्षीय पैरा ताइक्वांडो एथलीट मोहित सिंह, पिछले साढ़े तीन साल से पीस ताइक्वांडो अकादमी में प्रशिक्षण ले रहे हैं। वह पहले 2019 में एशियाई चैम्पियनशिप में भारत का प्रतिनिधित्व कर चुके है, और 2021 में ताइक्वांडो 9वें विश्व पैरा चैंपियनशिप में खेल चुके है। अब इन्होंने 2022 साल के अंत में खेल होने वाले एशियाई पैरा को अपना लक्ष्य बना लिया है।
इस एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में मोहित सिंह ने अपनी ताइक्वांडो यात्रा, अनुभवों के बारे में बताया,
यादगार उपलब्धियां, पैरा एशियाई खेलों से उम्मीदें, चुनौतियों से सामना और भविष्य के लक्ष्य के बारे में बात करते हैं।

Q 1) ताइक्वांडो में आपकी यात्रा कैसे शुरू हुई? खेल से आपका परिचय कब हुआ और किस बात ने आपको इसे पेशेवर रूप से आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित किया?

मैंने 2018 में ताइक्वांडो शुरू किया। स्कूल में सुबह की असेंबली से बचने के लिए मैंने उसी समय में आयोजित होने वाले ताइक्वांडो क्लास में शामिल हो गया। 
हाथ की समस्या से जूझ रहे पैरा एथलीट के लिए खुद का बचाव करना सीखना मेरे लिए बहुत महत्वपूर्ण था। मूझे हमेशा मार्शल आर्ट देखने में मजा आता था और इसी ने मुझे ताइक्वांडो लेने के लिए प्रेरित किया। 
शुरुआत में इसके बारे में बहुत कुछ पता नही था और यह एक शौक के रूप में शुरू हुआ लेकिन धीरे-धीरे यह एक कैरियर के रूप में विकसित हो गया।

Q 2) आप पीस ताइक्वांडो में साढ़े तीन साल से हैं, आपका अब तक का अनुभव कैसा रहा है?

2018 में ताइक्वांडो शुरू करने के एक साल के बाद भी मैंने अभ्यास करने के बावजूद अपने शरीर और दिमाग में कोई बदलाव महसूस नहीं किया। तभी मैंने पीस ताइक्वांडो ज्वाइन किया और तब से मेरा आत्मविश्वास बढ़ा है
और अनुभव अद्भुत रहा है! मुझे सीनियर खिलाड़ियों का भरपूर समर्थन मिला और मुझे कोचों ने भी बहुत प्रेरित किया।

Q 3) आपके ताइक्वांडो करियर की अब तक की सबसे खास याद क्या है और क्यों?

एशियाई पैरा खेलों के लिए चुना जाना मेरे लिए अब तक का सबसे यादगार पल था। 2018 में ताइक्वांडो शुरू करने के बावजूद कोई पदक नहीं जीता पाया।
मेरा परिवार भी एशियाई पैरा खेलों में मेरे चयन से बहुत खुश था। 
मुझे पीस ताइक्वांडो अकादमी से समर्थन मिला और मुझे खुशी है कि अकादमी से एशियाई पैरा खेलों में प्रतिनिधित्व किया जा रहा था।

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Q 4) आपको 2022 के एशियाई पैरा खेलों के लिए चुना गया है, इस से आपकी क्या अपेक्षाएं हैं?

एशियाई पैरा खेलों में मेरी उम्मीदें हैं कि मैं वहां जाकर सिर्फ अपने देश का प्रतिनिधित्व नहीं करना चाहता बल्कि मैं जाकर मेडल जीतना चाहता हूं। मेडल जीतने के लिए मुझे पहले से भी ज्यादा मेहनत और ट्रेनिंग करनी होगी।

Q5) आपके अब तक के कैरियर में सबसे बड़े चैलेंज क्या थे? आपने उनका सामना कैसे किया? 

मुझे लगता है कि सबसे बड़ी चुनौती यह है कि अपना 100% देने के बाद भी यह कम महसूस होता है, खासकर जब
आप परिवार से दूर हैं। मुझे लगता है कि मैंने अपने कोच और अपने माता-पिता को कड़ी ट्रेनिंग करने के बावजूद निराश किया है, लेकिन ताइक्वांडो में, हारना खेल का एक हिस्सा और है। मेरे लिए जितना अधिक मैं हारता हूँ, मैं अगले टूर्नामेंट में बेहतर प्रदर्शन करने के लिए और अधिक प्रेरित हो जाता हूँ।

Q6) आपके भविष्य के लक्ष्य क्या हैं और आप उन्हें कैसे प्राप्त करने की योजना बना रहे हैं?

भविष्य में मेरा अंतिम लक्ष्य पैरालिंपिक में स्वर्ण पदक जीतना है। इसे प्राप्त करने के लिए और भी कठिन प्रशिक्षण और सर्वोत्तम संभव परिणाम प्राप्त करने का प्रयास करने की आवश्यकता है।

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