मेरा लक्ष्य एक दिन ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व करना और स्वर्ण पदक जीतना है – स्वास्तिका घोष, टेबल टेनिस खिलाड़ी

कुछ खेल तीव्र और प्रचण्ड होते हैं, जैसे कि टेबल टेनिस। इसके लिए न केवल अत्यधिक एकाग्रता, तेज सजगता और त्रुटिहीन तकनीक की आवश्यकता होती है, बल्कि यह एक ऐसा खेल भी है जहाँ शारीरिक और मानसिक दोनों तरह की दृढ़ता को समान रूप से महत्वपूर्ण माना जाता है।

SPOGO के साथ इस विशेष साक्षात्कार में, हम उभरती हुई टेबल टेनिस स्टार स्वास्तिका घोष, जो हाल ही में WTT यूथ स्टार कंटेंडर में दीया चितले के साथ उपविजेता रही हैं, से बात की। इस बातचीत में उन्होंने अपनी अब तक की यात्रा, पदक जीतने, लॉकडाउन के दौरान प्रशिक्षण, सरकार से समर्थन, आदर्श खिलाड़ी और अपने शौक और भविष्य के लिए लक्ष्य के बारे में बताया ।

Q1) आपने टेबल टेनिस कब खेलना शुरू किया और अब तक के सफर में आपके पिता के व्यक्तित्व का कितना प्रभाव रहा है?

मैंने एपीजे स्कूल में साढ़े तीन साल की उम्र में टेबल टेनिस खेलना शुरू किया था, जहाँ मेरे पिता एक खेल शिक्षक और एक टेबल टेनिस कोच के रूप में काम कर रहे थे। मेरे अब तक के सफर में मेरे पिता संदीप घोष ने सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। वह मेरे निजी कोच, प्रैक्टिस पार्टनर और मेरे पिता हैं, उनके बिना मैं टेबल टेनिस खिलाड़ी नहीं होती। मैं अंडर 19 वर्ग में दुनिया में चौथे स्थान पर रही और पदक जीता। न केवल मेरे पिता बल्कि मेरे कोच के रूप में भी उनके मार्गदर्शन के लिए मैं उनकी बहुत आभारी हूँ।

Q 2) आपने हाल ही में U19 गर्ल्स डबल्स वर्ग में 2021 WTT यूथ स्टार कंटेंडर में दीया चितले के साथ पदक जीता है। उस उपलब्धि पर आपको कितना गर्व है?

दीया चितले के साथ अंडर 19 गर्ल्स डबल वर्ग में पदक और एकल स्पर्धा में कांस्य पदक जीतकर मुझे बहुत गर्व और खुशी हो रही है। यह पहला अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट था जिसमें मैंने 14 महीनों के बाद भाग लिया था, इसलिए यह बहुत अच्छा अहसास था।

Q 3) लॉकडाउन के दौरान टेबल टेनिस खेलना और प्रैक्टिस करना कितना मुश्किल था?

मुझे लॉकडाउन के दौरान चुनौतियों या कठिनाइयों का सामना नहीं करना पड़ा क्योंकि मैं अपना प्रशिक्षण जारी रख सकती थी और घर पर अपनी फिटनेस को बनाए रख सकती थी। यहां तक कि जब मैं स्कूल (रामशेठ ठाकुर पब्लिक स्कूल) में होती हूँ तो वे मुझे एक विशेष वातानुकूलित कमरा प्रदान करते हैं ताकि मैं पहले से अधिक कठिन अभ्यास कर सकूं।

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Q4) क्या आपको लगता है कि भारतीय टेबल टेनिस खिलाड़ियों को जरूरत के समय केंद्र या राज्य सरकारों से समर्थन नहीं मिलता है?

हां, यह सच है कि भारतीय टेबल टेनिस खिलाड़ियों को केंद्र या राज्य सरकारों से वह समर्थन नहीं मिलता जिसकी उन्हें जरूरत होती है। वे हमें केवल 2 या 3 अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट के लिए भेजते हैं, खासकर जूनियर टेबल टेनिस खिलाड़ियों को। उन्हें हमें पूरे साल और अधिक टूर्नामेंटों के लिए भेजना चाहिए ताकि हम अधिक प्रतिस्पर्धा में हिस्सा ले सकें और अपना प्रदर्शन और सुधार कर सकें। मुझे यह भी लगता है कि उन्हें टेबल टेनिस खिलाड़ियों को न केवल टूर्नामेंट के लिए बल्कि ट्रेनिंग के लिए भी विदेश भेजना चाहिए। सरकार को सीनियर खिलाड़ियों के अलावा जूनियर खिलाड़ियों को भी अपनी टॉप स्कीम में शामिल करना चाहिए।

Q5) वह टेबल टेनिस खिलाड़ी कौन हैं जिन्हें आप आदर्श मानती हैं? आपको उनकी कौन सी तकनीक या बात पसंद आती है ? 

मैं जिस टेबल टेनिस खिलाड़ी को अपना आदर्श मान कर बड़ी हुई वो, पश्चिम बंगाल की पौलोमी घटक थी। मुझे उनकी आक्रमण शैली पसंद है और उन्होंने मुझे बहुत प्रेरित किया है। मैं उसकी बहुत बड़ी प्रशंसक हूँ। 

Q6) टेबल टेनिस एक शारीरिक क्षमता वाला खेल है, लेकिन समग्र परिणाम में मानसिक शक्ति कितनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है?

टेबल टेनिस में मानसिक शक्ति अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। किसी भी महत्वाकांक्षी टेबल टेनिस खिलाड़ी के लिए जो पेशेवर रूप से खेल को आगे बढ़ाना चाहता है, उसे खेल की मांगों को पूरा करने के लिए मानसिक रूप से मजबूत होना चाहिए। मैंने खेल मनोवैज्ञानिक सुश्री नूपुर कौर के साथ मिलकर काम किया है, जिन्होंने विभिन्न गतिविधियों और ध्यान योगों के माध्यम से मुझे मानसिक रूप से मजबूत बनाने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

Q7) आप टूर्नामेंट के बाद अपना समय कैसे व्यतीत करती हैं / आराम करती हैं?

आराम करने का मेरा पसंदीदा तरीका फिल्में देखना है। टूर्नामेंट के बाद, मैं कुछ फिल्में देखती हूँ यह अच्छा टाइम पास होता है। फिल्में और टीवी देखना मेरे लिए आराम करने के उपाय हैं और यह मेरे लिए उपचारात्मक भी है। 

Q8) भविष्य के लिए आपके लक्ष्य और आकांक्षाएं क्या हैं? आप उन्हें हासिल करने की क्या योजना बना रही हैं?

मेरा अंतिम लक्ष्य ओलंपिक पदक जीतना है। मुझे पता है कि इस तरह की उपलब्धि हासिल करने के लिए, पहला कदम बहुत मेहनत करना और राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय महिला या वरिष्ठ वर्ग में अच्छा खेलना है। मुझे अपनी ताकत और गति पर काम करने की जरूरत है । जहाँ मेरा फोरहैंड अटैक मेरी ताकत है, वहीं मेरे बैकहैंड में सुधार हो सकता है, मुझे अपने खेल के उस हिस्से को सुधारने की जरूरत है।

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