नयी दिल्ली, 21 अप्रैल (भाषा) दिल्ली कैपिटल्स के कप्तान डेविड वॉर्नर ने अपनी टीम के युवा भारतीय बल्लेबाजों से कहा कि उन्हें अतिरिक्त तेजी से निपटने का तरीका खुद ही ढूंढना होगा क्योंकि यह ऐसा कौशल है जिसे सिखाया नहीं जा सकता।
दिल्ली की तरफ से अब तक छह मैचों में 285 रन बनाने वाले वॉर्नर के अर्धशतक की मदद से उनकी टीम ने गुरुवार को यहां कोलकाता नाइट राइडर्स को हराकर आईपीएल के वर्तमान सत्र में अपनी पहली जीत दर्ज की।
दिल्ली की टीम में शामिल भारतीय बल्लेबाजों ने हालांकि अभी तक अच्छा प्रदर्शन नहीं किया है। पृथ्वी साव (छह मैचों में 47), सरफराज खान (दो मैचों में 34), यश ढुल (दो मैचों में तीन), अमन खान (चार मैचों में 30) और अभिषेक पोरेल (चार मैचों में 33) में से कोई भी अभी तक बड़ी पारी नहीं खेल पाया है।
वॉर्नर से जब पूछा गया कि क्या इस बारे में उनके भारत के युवा बल्लेबाजों से बात हुई, उन्होंने कहा,‘‘ ईमानदारी से कहूं तो हमारी इस विषय पर बहुत अधिक चर्चा नहीं होती क्योंकि आपको अपने कौशल पर भरोसा होना चाहिए और मैं लोगों को यह नहीं बता सकता कि कैसे बल्लेबाजी करनी है। वास्तव में इसके लिए आपको खुद ही तरीका ढूंढना होगा।’’
उन्होंने कहा,‘‘यदि आपको तेज गेंदबाजी का सामना करना है और गेंदबाज 150 किमी की रफ्तार से गेंदबाजी कर रहा है तो आपको रन बनाने के लिए तकनीक और तरीका ढूंढना होगा। अगर वे आप पर हावी हो रहे हैं और आपकी पसलियों तक उछाल लेने वाली गेंद कर रहे हैं तो फिर आपको रन बनाने के लिए अपना तरीका ढूंढना होगा और अगर आप एक चौका जड़ देते हैं तो फिर वे आपके अनुकूल गेंदबाजी करने लगेंगे।’’
वॉर्नर ने शार्ट पिच गेंद खेलने के बारे में कहा,‘‘ नेट्स पर शार्ट पिच गेंदों का अभ्यास करना बहुत मुश्किल होता है और यहां तक कि आस्ट्रेलिया में भी हम इसका अभ्यास नहीं करते हैं। मेरा मानना है कि अगर आप हर समय शॉर्ट पिच गेंदों का अभ्यास करते हैं तो मैच में आप संकोची हो सकते हैं। यह तुरंत प्रतिक्रिया करने के कौशल से जुड़ा है। यह अच्छा है कि गेंदबाज एक ओवर में एक ही शार्ट पिच गेंद कर सकता है।’’
यही बात स्पिनर वरुण चक्रवर्ती पर लागू होती है जिन्हें वॉर्नर ने आसानी से खेला लेकिन अन्य बल्लेबाजों को उन्हें खेलने में परेशानी हुई।
वॉर्नर ने कहा,‘‘ मुझे नहीं लगता कि अधिकतर बल्लेबाज उसे (वरुण चक्रवर्ती) अच्छी तरह से खेल पाते हैं। कुछ उसकी गेंदों को बैकफुट पर जाकर खेलते हैं। यह बल्लेबाज की जिम्मेदारी है के वह टीम विश्लेषक के पास जाकर पता करे कि वह किस तरह की गेंदबाजी करता है।’’
उन्होंने कहा,‘‘ मेरा उसे खेलने का तरीका सरल है। यदि उसका गेंदबाजी वाले हाथ का पिछला हिस्सा हवा में नहीं उठता तो यह कैरम बॉल होगी। यह बहुत आसान है। अगर कोई बल्लेबाज इसको नहीं समझ पा रहे हैं तो उन्हें टीम विश्लेषक के पास जाकर अध्ययन करने की जरूरत है।’’
भाषा
Source: PTI News