नयी दिल्ली, सात सितंबर (भाषा) भारतीय महिला हॉकी टीम की पेनल्टी कॉर्नर विशेषज्ञ दीपिका का मानना है कि राष्ट्रीय शिविर में पूर्व ड्रैग फ्लिकर रूपिंदर पाल सिंह की देखरेख में अभ्यास करने से उन्हें आगामी एशियाई खेलों में मदद मिलेगी।
उन्नीस वर्षीय दीपिका भारतीय टीम में शामिल तीन ड्रैग फ्लिकर में से एक है। उन्होंने इस साल के शुरू में महिला जूनियर एशिया कप के छह मैचों में सात गोल किए थे। इनमें से चार गोल उन्होंने पेनल्टी कॉर्नर पर किए थे। भारत ने यह टूर्नामेंट जीता था।
हॉकी इंडिया की प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार दीपिका ने कहा,‘‘हम पिछले कुछ दिनों से राष्ट्रीय शिविर में रूपिंदर पाल सिंह के साथ ड्रैग फ्लिक पर काम कर रहे हैं। वह हमें बता रहे हैं गेंद कब रोकनी है और उस पर कैसे शॉट जमाना है।’’
उन्होंने कहा,‘‘ इससे निश्चित तौर पर हांगझोउ में होने वाले एशियाई खेलों के दौरान मैच की परिस्थितियों में मुझे मदद मिलेगी। मुझ पर किसी तरह का दबाव नहीं है और सभी खिलाड़ी मेरा उत्साह बढ़ा रहे हैं।’’
दीपिका ने कहा कि उन्हें एशियाई खेलों के लिए टीम में जगह बनाने की उम्मीद नहीं थी।
उन्होंने कहा,‘‘ प्रत्येक खिलाड़ी एक स्थान के लिए प्रतिस्पर्धा कर रहा था। मुझे टीम में जगह मिलने की उम्मीद नहीं थी और जब मेरा चयन किया गया तो मैं काफी उत्साहित थी। यह मेरा पहला बड़ा टूर्नामेंट होगा और मैं थोड़ा नर्वस थी लेकिन मुख्य कोच यानिक शोपमैन और सीनियर खिलाड़ियों ने मेरा हौसला बढ़ाया।’’
हरियाणा के हिसार की रहने वाली दीपिका ने 2012 से हॉकी खेलनी शुरू की और कई वर्षों की कड़ी मेहनत के बाद अब उन्हें 23 सितंबर से शुरू होने वाले एशियाई खेलों के लिए टीम में जगह मिली है।
उन्होंने कहा,‘‘ मेरे परिवार में हॉकी में करियर को लेकर हमेशा मेरा समर्थन किया। जब मैंने हॉकी खेलना शुरू किया था तो लोगों ने काफी बात बनाई लेकिन मेरे पिताजी ने उन बातों को मुझ तक नहीं पहुंचने दिया।’’
भारतीय महिला हॉकी टीम को एशियाई खेलों में पूल ए में रखा गया है और ग्रुप चरण में उसका सामना कोरिया, मलेशिया, हांगकांग और सिंगापुर से होगा।
भाषा
Source: PTI News