(फिलेम दीपक सिंह)
नयी दिल्ली, छह सितंबर (भाषा) एथलेटिक्स की व्यक्तिगत स्पर्धा में एकमात्र एशियाई रिकॉर्ड धारक भारतीय तेजिंदरपाल सिंह तूर का कहना है कि जुलाई में लगी ग्रोइन की चोट के बाद वह पूरी तरह फिट होने के करीब हैं और उन्हें उम्मीद है कि वह हांगझोउ एशियाई खेलों में गोला फेंक के अपने स्वर्ण पदक का बचाव करने में सफल रहेंगे।
पंजाब के इस 28 वर्षीय खिलाड़ी ने जकार्ता में 2018 एशियाई खेलों में 20.75 मीटर के थ्रो के साथ स्वर्ण पदक जीता था। तब से उन्होंने अपने प्रदर्शन में सुधार किया है और जून में भुवनेश्वर में राष्ट्रीय अंतर राज्यीय चैंपियनशिप में 21.77 मीटर के प्रयास से स्वर्ण पदक जीतकर एशियाई रिकॉर्ड कायम किया।
जुलाई में बैंकॉक में एशियाई चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतने के दौरान उन्हें ग्रोइन में चोट लग गई थी जहां उनका 20.23 मीटर का पहला प्रयास उन्हें शीर्ष स्थान दिलाने के लिए पर्याप्त था।
चोट के बारे में पूछे जाने पर तूर ने पीटीआई से कहा, ‘‘मैं एशियाई खेलों के लिए तैयार हूं और मुझे विश्वास है कि मैं 2018 खेलों में जीते गए स्वर्ण पदक का बचाव करूंगा। मैं 95 प्रतिशत फिट हूं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मैं फिलहाल एनआईएस पटियाला में प्रशिक्षण ले रहा हूं और एशियाई खेल शुरू होने तक शत प्रतिशत फिटनेस हासिल कर लूंगा।’’
हांगझोउ एशियाई खेल 23 सितंबर से शुरू हो रहे हैं लेकिन गोला फेंक प्रतियोगिता एक अक्टूबर को आयोजित की जाएगी।
तूर के अलावा पुरुषों की चार गुणा चार सौ मीटर रिले टीम ने भी पिछले महीने बुडापेस्ट में विश्व चैंपियनशिप में दो मिनट 59.05 सेकेंड के प्रयास के साथ एशियाई रिकॉर्ड बनाया।
तूर ने विश्व चैंपियनशिप के लिए भी क्वालीफाई कर लिया था लेकिन ग्रोइन की चोट से पूरी तरह से नहीं उबर पाने के कारण उन्हें बाहर होना पड़ा।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं विश्व चैंपियनशिप में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने की तैयारी कर रहा था लेकिन ग्रोइन की चोट लग गई। मैं निराश था लेकिन आप चोट के बारे में कुछ नहीं कर सकते।’’
तूर ने कहा, ‘‘इसलिए मैंने अपना ध्यान एशियाई खेलों पर केंद्रित कर दिया और मुझे फिर से स्वर्ण पदक जीतने की उम्मीद है।’’
लंबे समय तक भारतीयों के वर्चस्व वाली इस स्पर्धा में तूर एशियाई खेलों के इतिहास में भारत के दबदबे को बरकरार रखना चाहते हैं।
एशियाई चैंपियनशिप में दो स्वर्ण (2019 और 2023) और एक रजत (2017) जीतने वाले आत्मविश्वास से भरे तूर ने कहा, ‘‘यह सब उस दिन पर निर्भर करता है अगर मैं अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करता हूं तो मुझे एक और स्वर्ण जीतना चाहिए, मुझे यकीन है।’’
एशियाई खेलों के अब तक हुए 18 टूर्नामेंट में भारतीयों ने नौ बार पुरुषों की गोला फेंक स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीता है।
तूर अगर हांगझोउ में अपने स्वर्ण का बचाव करते हैं तो वह प्रद्युमन सिंह बरार (1954 और 1958), जोगिंदर सिंह (1966 और 1970) और बहादुर सिंह चौहान (1978 और 1982) के बाद ऐसा करने वाले चौथे भारतीय गोला फेंक खिलाड़ी बन जाएंगे।
तूर के निकटतम प्रतिद्वंद्वी बहरीन के अब्देलरहमान महमूद हो सकते हैं जिन्होंने इस सत्र में 20.65 मीटर का सर्वश्रेष्ठ प्रयास किया है।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं अपने विरोधियों को लेकर चिंतित नहीं हूं। मैं केवल अपने प्रदर्शन पर ध्यान केंद्रित करता हूं। एशियाई चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक ने मुझे आत्मविश्वास दिया है कि मैं एशियाई खेलों में भी स्वर्ण जीत सकता हूं।’’
तोक्यो ओलंपिक के ठीक बाद तूर ने अपने थ्रो करने वाले बाएं हाथ की कलाई की सर्जरी कराई थी।
उन्होंने अंत में कहा, ‘‘मेरी कलाई ठीक है, समस्या ग्रोइन में थी और सब ठीक हो जाएगा।’’
Source: PTI News