पुजारा ने कहा, भारतीय टीम से बाहर होने से हताश हो गया था

लंदन, 21 अगस्त (भाषा) अनुभवी बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा ने सोमवार को स्वीकार किया कि भारतीय टेस्ट टीम से बाहर होना एक निराशाजनक अनुभव था और इससे उन्हें आत्म-संदेह और अहं पर चोट का सामना करना पड़ा।

लंदन, 21 अगस्त (भाषा) अनुभवी बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा ने सोमवार को स्वीकार किया कि भारतीय टेस्ट टीम से बाहर होना एक निराशाजनक अनुभव था और इससे उन्हें आत्म-संदेह और अहं पर चोट का सामना करना पड़ा।

पैंतीस साल के इस बल्लेबाजी को वेस्टइंडीज दौरे के लिए भारतीय टेस्ट टीम में जगह नहीं मिली थी।

भारत के लिए 103 टेस्ट खेलने वाले पुजारा ने राष्ट्रीय टीम के लिए पिछला टेस्ट जून में द ओवल में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ विश्व टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल के रूप में खेला था जिसमें उन्होंने 14 और 27 रन बनाए थे।

पुजारा ने ‘फाइनल वर्ड पोडकास्ट’ से कहा, ‘‘पिछले कुछ वर्षों में उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ा। यह एक खिलाड़ी के रूप में आपकी परीक्षा लेता है क्योंकि 90 से अधिक टेस्ट खेलने के बावजूद मुझे अब भी खुद को साबित करना पड़ता है। मुझे अब भी साबित करना पड़ता है कि मैं वहां रहने का हकदार हूं। यह अलग तरह की चुनौती है।’’

पुजारा ने कहा कि टीम से बाहर होने से वह कभी-कभी हताश हो जाते हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘कभी-कभी आप हताश हो जाते हो, यहां तक कि अगर आपको 90 टेस्ट के बाद या पांच-छह हजार रन या मैंने जितने भी रन बनाए उनके बाद, खुद को साबित करना पड़ता है। यह आसान नहीं है। कभी-कभी यह आपके अहं के साथ खेलता है। अब भी संदेह हो जाता है- क्या आप पर्याप्त सक्षम हो।’’

इंग्लिश काउंटी क्रिकेट में ससेक्स की ओर से खेल रहे पुजारा ने कहा, ‘‘अगर आपको बार-बार खुद को साबित करना पड़ता है तो आप सोचते हो कि क्या ऐसा करना जरूरी है।’’

पुजारा पिछले विश्व टेस्ट चैंपियनशिप चक्र (2021-23) में 17 टेस्ट में 928 रन के साथ भारत के दूसरे सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज रहे। उनसे अधिक रन सिर्फ विराट कोहली ने बनाए जो 932 रन के साथ शीर्ष पर रहे।

पुजारा ने घरेलू मैचों में भी तीन शतक जड़े। सौराष्ट्र के इस बल्लेबाज ने दलीप ट्रॉफी में पश्चिम क्षेत्र की ओर से मध्य क्षेत्र के खिलाफ खेलते हुए 133 रन बनाए। उन्होंने वनडे-कप में ससेक्स की ओर से नॉर्थम्पटनशर और समरसेट के खिलाफ क्रमश: नाबाद 106 और 117 रन बनाए।

पुजारा को यकीन है कि वह अब भी भारतीय क्रिकेट को काफी कुछ दे सकते हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘मैं जानता हूं कि मैंने भारतीय क्रिकेट में जिस तरह का योगदान दिया है उसे देखते हुए मुझे अभी भी बहुत योगदान देना है। कुछ समय पहले मुझे एक दिलचस्प आंकड़ा बताया गया था।’’

पुजारा ने कहा, ‘‘मुझे बताया गया कि जब भी मैंने भारतीय टीम के लिए 70 या 80 रन से अधिक बनाए तो लगभग 80 प्रतिशत समय भारत जीता या हमने वह टेस्ट मैच नहीं गंवाया।’’

हालांकि पुजारा ने कहा कि वह चयन को लेकर चिंतित नहीं हैं और उनका ध्यान अपने खेल को तराशने पर है।

Source: PTI News

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