चीन में भारतीय ध्वज लहराते हुए देखना वास्तव में विशेष था: सामरा

हांगझोउ, 27 सितंबर (भाषा) सिफ्ट कौर सामरा के लिए एशियाई खेलों में 50 मीटर राइफल थ्री पोजीशन व्यक्तिगत स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीतना संतोषजनक था लेकिन चीन में ऐसा करना भारत की इस निशानेबाज के लिए ‘विशेष’ बन गया।

हांगझोउ, 27 सितंबर (भाषा) सिफ्ट कौर सामरा के लिए एशियाई खेलों में 50 मीटर राइफल थ्री पोजीशन व्यक्तिगत स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीतना संतोषजनक था लेकिन चीन में ऐसा करना भारत की इस निशानेबाज के लिए ‘विशेष’ बन गया।

सिफ्ट कौर सामरा ने बुधवार को यहां महिला 50 मीटर राइफल थ्री पोजीशन व्यक्तिगत स्पर्धा में दबदबा बनाते हुए विश्व रिकॉर्ड स्कोर के साथ स्वर्ण पदक जीता जबकि आशी चौकसी ने भी कांस्य पदक जीता।

सामरा ने जीत के बाद कहा, ‘‘चीन में भारतीय तिरंगे को ऊपर जाते हुए देखना वास्तव में अच्छा और विशेष था। ’’

उन्होंने कहा, ‘‘मैं अपने शॉट पर ध्यान लगा रही थी। मैं सोच रही थी कि मुझे स्वर्ण पदक जीतना है। मैं जानती थी कि भारत ने एशियाड में व्यक्तिगत (50 मीटर थ्री पोजीशन) स्पर्धा में स्वर्ण पदक नहीं जीता है। मैं इस स्पर्धा में ऐसा करने वाली पहली निशानेबाज बनना चाहती थी। ’’

आशी रजत पदक की दौड़ में थी लेकिन अंतिम शॉट (8.9) पर दूसरा स्थान गंवा बैठी। उन्होंने कहा कि सामरा ने अंत में खराब शॉट के लिए उन्हें ‘डांटा’ भी था जिसके कारण भारत आठ महिलाओं के थ्री पोजीशन फाइनल में पहले-दूसरे पोडियम स्थान से वंचित रह गया।

आशी ने कहा, ‘‘कल हम चर्चा कर रहे थे कि स्वर्ण और रजत पदक दोनों ही हमारे होने चाहिए। उसने (सामरा) ने मुझे डांटा भी कि तुम अंतिम शॉट 8.9 का कैसे लगा सकती थी। ’’

उन्होंने कहा, ‘‘मेरे ऊपर काफी दबाव था। मैंने अपनी राइफल निकालने के बाद वापस रखी और जब मैंने ‘टाइमर’ देखा तो बस 30 सेकेंड बचे थे। मैं बिलकुल भी ‘रिलैक्स’ नहीं थी क्योंकि यह अंतिम शॉट था। मैं बहुत नर्वस थी। पर मुझे निशाना लगाना था तो मैंने निशाना लगाया। ’’

Source: PTI News

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