नयी दिल्ली, नौ मई (भाषा) भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के चुनाव कराने के लिए गठित तीन सदस्यीय तदर्थ समिति को कम से कम एक और सप्ताह के लिए केवल एक सदस्य के साथ काम करना होगा क्योंकि एक अन्य सदस्य सुमा शिरूर राष्ट्रीय निशानेबाजी टीम के साथ बाकू में है जबकि उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश की नियुक्ति अभी तक नहीं की गई है।
शिरूर सोमवार को तदर्थ पैनल की पहली बैठक में भाग नहीं ले पाई थी क्योंकि वह आईएसएसएफ विश्व कप के लिए भारत के 34 सदस्यीय दल के साथ अजरबैजान की राजधानी बाकू में है।
भारतीय राष्ट्रीय राइफल संघ (एनआरएआई) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने पुष्टि की कि सुमा टीम के साथ बाकू में है। विश्वकप 15 मई को समाप्त होगा और उसके बाद यह राइफल निशानेबाज पैनल की बैठकों में भाग ले पाएगी।
ऐसी स्थिति में शिरूर के स्वदेश लौटने तक पैनल के दूसरे सदस्य भूपेंद्र सिंह बाजवा को ही पूरी जिम्मेदारी उठानी होगी।
खेल मंत्रालय ने 24 अप्रैल को डब्ल्यूएफआई के सात मई को होने वाले चुनाव पर रोक लगा दी थी और भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) से 45 दिन के अंदर चुनाव कराने और कुश्ती महासंघ के कामकाज को देखने के लिए तदर्थ समिति नियुक्त करने के लिए कहा था।
आईओए ने 27 अप्रैल को तदर्थ पैनल गठित कर दिया था जिसमें भारतीय वुशु महासंघ के अध्यक्ष बाजवा, शिरूर और उच्च न्यायालय से सेवानिवृत्त न्यायधीश को शामिल किया था। सेवानिवृत्त न्यायाधीश के नाम की अभी तक घोषणा नहीं की गई है।
तदर्थ समिति को कुछ महत्वपूर्ण फैसले करने हैं जिनमें डब्ल्यूएफआई के चुनाव के अलावा पहलवानों के लिए आगे का खाका तैयार करना भी शामिल है।
भाषा
Source: PTI News