ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करना मुश्किल, लेकिन संन्यास के बारे में नहीं सोच रही हूं: साइना नेहवाल

नयी दिल्ली, 13 सितंबर (भाषा) साइना नेहवाल को पता है कि अगले साल पेरिस में होने वाले ओलंपिक खेलों के लिए क्वालीफाई करना मुश्किल होगा लेकिन चोटों से जूझने वाली इस भारतीय खिलाड़ी का बैडमिंटन से संन्यास लेने का कोई इरादा नहीं है और वह अपने करियर को नया जीवन देने के लिए हर संभव प्रयास करेगी।

नयी दिल्ली, 13 सितंबर (भाषा) साइना नेहवाल को पता है कि अगले साल पेरिस में होने वाले ओलंपिक खेलों के लिए क्वालीफाई करना मुश्किल होगा लेकिन चोटों से जूझने वाली इस भारतीय खिलाड़ी का बैडमिंटन से संन्यास लेने का कोई इरादा नहीं है और वह अपने करियर को नया जीवन देने के लिए हर संभव प्रयास करेगी।

लगातार चोटिल रहने और स्वास्थ्य से जुड़ी अन्य समस्याओं के कारण हैदराबाद की 33 वर्षीय खिलाड़ी साइना कई प्रतियोगिताओं में हिस्सा नहीं ले पाई और इससे वह विश्व रैंकिंग में 55वें स्थान पर खिसक गई।

साइना ने यहां पत्रकारों से कहा,‘‘ जब भी मैं एक या दो घंटे अभ्यास करती हूं तो मेरे घुटने में सूजन आ जाती है। मैं अपना घुटना नहीं मोड़ पाती हूं और इसलिए दूसरे सत्र के अभ्यास में भाग नहीं ले सकती। चिकित्सकों ने मुझे कुछ इंजेक्शन दिए हैं। बेशक ओलंपिक पास में है लेकिन उसके लिए क्वालीफाई करना मुश्किल है।’’

उन्होंने कहा,‘‘ लेकिन मैं वापसी के लिए अपनी तरफ से हर संभव प्रयास कर रही हूं। फिजियो मेरी मदद कर रहे हैं लेकिन अगर सूजन कम नहीं होती तो फिर पूरी तरह फिट होने में थोड़ा समय लगेगा। मैं भी अधूरे मन से नहीं खेलना चाहती हूं और ऐसे में परिणाम भी अनुकूल नहीं आएंगे।’’

गुरुग्राम में 24 सितंबर को होने वाली हार्वेस्ट गोल्ड ग्लोबल रेस की ब्रांड एम्बेसडर नियुक्त की गई साइना ने कहा,‘‘ अगर आपको एन सेयॉन्ग, या ताई त्ज़ु यिंग या अकाने (यामागुची) के खिलाफ प्रतिस्पर्धा करनी है तो इसके लिए एक घंटे के अभ्यास से काम नहीं चलेगा। अगर आप इस तरह की उच्च स्तर की खिलाड़ियों के खिलाफ खेल रहे हैं तो आपको अपने खेल को भी उसी स्तर पर बनाए रखना होगा।’’

विश्व की पूर्व नंबर एक खिलाड़ी साइना ने आखिरी बार जून में सिंगापुर ओपन में भाग लिया था। उन्होंने अपना आखिरी खिताब जनवरी 2019 में मलेशिया मास्टर्स के रूप में जीता था।

साइना से जब संन्यास के बारे में पूछा गया, उन्होंने कहा,‘‘ वो तो सब को करना पड़ता है। ऐसी कोई समय सीमा तय नहीं है। जब भी आपको लगेगा कि आपका शरीर साथ नहीं दे रहा है तो आप खेलना बंद कर दोगे।।’’

उन्होंने कहा,‘‘ लेकिन अभी मैं प्रयास कर रही हूं। एक खिलाड़ी होने के नाते कोशिश करना मेरा काम है क्योंकि मैं इस खेल से प्यार करती हूं और मैं इतने लंबे समय से खेल रही हूं।’’

साइना ने कहा,‘‘ लेकिन अगर ऐसा नहीं होता तो इसका मतलब है कि मैंने कितना प्रयास किया। मैंने अपनी तरफ से हर संभव कोशिश की। मेरे कहने का मतलब है कि मुझे अफसोस नहीं होना चाहिए। मेरा लक्ष्य एशियाई खेल या ओलंपिक में खेलने का नहीं है क्योंकि इन प्रतियोगिताओं में मैंने काफी कुछ हासिल किया है और निश्चित तौर पर अगर मैं खेलने में सक्षम रहती तो इससे बेहतर कर सकती थी। देखते हैं आगे क्या होता है।’’

साइना ने इसके साथ ही पीवी सिंधू के बेंगलुरु में प्रकाश पादुकोण अकादमी में एक सप्ताह तक अभ्यास करने के फैसले का समर्थन भी किया।

उन्होंने कहा,‘‘ अगर आपको लगता है कि किसी कोच के साथ या माहौल में आपको मदद नहीं मिल रही है तो फिर कोच बदलने से मदद मिल सकती है। आपको प्रयास करने होते हैं। मैंने ऐसा किया और मैं विश्व की नंबर एक खिलाड़ी बनी तथा विश्व चैंपियनशिप के फाइनल में पहुंची।’’

साइना का मानना है कि विश्व चैंपियनशिप के कांस्य पदक विजेता एचएस प्रणय एशियाई खेलों में पदक जीत सकते हैं।

उन्होंने कहा,‘‘ सभी खिलाड़ी अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं विशेषकर प्रणय ने लगातार प्रतियोगिताओं में अच्छे परिणाम हासिल किए हैं। एशियाई खेलों में कड़ी चुनौती होगी लेकिन मुझे लगता है कि प्रणय अच्छी फॉर्म में है और सिंधू बड़ी प्रतियोगिताओं में हमेशा अच्छा प्रदर्शन करती रही है।’’

Source: PTI News

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