अल रेयान (कतर), 12 जनवरी (भाषा) भारत के लिए एएफसी एशियाई कप के नॉकआउट दौर में जगह बनाना मुश्किल लग रहा है लेकिन असंभव नहीं है और टीम यहां शुरूआती ग्रुप मैच में खिताब की दावेदारों में शुमार आस्ट्रेलिया से भिड़ेगी।
भारतीय टीम पिछली दो बार 2011 और 2019 में भी ग्रुप चरण में बाहर हो गयी थी। इस बार भी उसके सामने कठिन चुनौती होगी क्योंकि उसे ग्रुप बी में आस्ट्रेलिया, उज्बेकिस्तान और सीरिया के साथ रखा गया है।
भारत की इस महाद्वीपीय टूर्नामेंट के राउंड 16 में जगह बनाने की उम्मीद 23 जनवरी को सीरिया के खिलाफ मैच पर निर्भर करेगी क्योंकि आस्ट्रेलिया और उज्बेकिस्तान (18 जनवरी) कौशल के मामले से उससे काफी ऊपर हैं।
सीरिया के खिलाफ जीत भारत को ग्रुप में तीसरे स्थान पर पहुंचा सकती है जिससे उसके पास नॉकआउट दौर में जगह बनाने का मौका बन सकता है क्योंकि प्रत्येक ग्रुप से शीर्ष दो टीमें अगले दौर में पहुंचेंगी और साथ ही छह ग्रुप में से सर्वश्रेष्ठ तीसरे स्थान पर रहने वाली टीम भी राउंड 16 नॉकआउट दौर में जगह बनायेंगी।
मुख्य कोच इगोर स्टिमक और कप्तान सुनील छेत्री पहले ही संकेत दे चुके हैं कि आस्ट्रेलिया (25वीं रैंकिंग) और उज्बेकिस्तान (68वीं रैंकिंग) को हराना मुश्किल है, ये दोनों ग्रुप में शीर्ष दो स्थान हासिल करने की दावेदार हैं।
भारत ने 2007 और 2009 नेहरू कप टूर्नामेंट में सीरिया को हराया हुआ है जिससे छेत्री की अगुआई वाली 102वीं रैंकिंग टीम को उम्मीद की किरण दिखती है।
अगर भारत नॉकआउट में जगह बना लेता है तो यह देश के लिए और छेत्री के लिए बहुत बड़ी उपलब्धि होगी जो अंतिम दफा इस प्रतिष्ठित टूर्नामेंट में खेल रहे हैं। पांचवीं बार एशियाई कप में खेल रहा भारत 2019 में पिछले चरण में ऐसा करने के काफी करीब पहुंच गया था।
छेत्री का यह तीसरा एशियाई कप है। 39 वर्ष का यह करिश्माई स्ट्राइकर 2011 और 2019 में इस टूर्नामेंट में खेला था और उन्होंने छह मैच में चार गोल दागे थे जो किसी भारतीय के इसमें सर्वाधिक गोल थे।
भारत अहमद बिन अली स्टेडियम में 2015 के चैम्पियन आस्ट्रेलिया के खिलाफ ‘अंडरडॉग’ के रूप में शुरूआत करेगा। आस्ट्रेलिया यहां खिताब जीतने के इरादे से आया है और दोनों टीमों के बीच टूर्नामेंट में सिर्फ एक बार आमना सामना हुआ है जिसमें भारत को प्रतिद्वंद्वी टीम से 2011 चरण के ग्रुप मैच में 0-4 से हार मिली थी।
आस्ट्रेलियाई टीम एशिया से फीफा विश्व कप की नियमित टीम है और कतर में पिछले चरण में उसने राउंड 16 में जगह बनायी थी। 2019 एशियाई कप में वह क्वार्टरफाइनल में बाहर हो गयी थी।
भारतीय टीम अपनी सर्वश्रेष्ठ उपलब्ध टीम के साथ टूर्नामेंट में खेलने आयी है जबकि डिफेंडर अनवर अली, मिडफील्ड जैकसन सिंह और विंगर आशिक कुरूनियान तीन अहम खिलाड़ी चोटों के कारण टीम में शामिल नहीं हो सके।
छेत्री ने कहा, ‘‘हमें 2011 में आस्ट्रेलियाई टीम के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं थी, उसकी तुलना में हमें अभी थोड़ी जानकारी है। हमने फलस्तीन और बहरीन के खिलाफ उनके मैत्री मैच देखे हैं और उनके खिलाड़ी किस लीग में खेलते हैं। निश्चित रूप से वे हमें काफी स्तर ऊपर हैं लेकिन हम जानते हैं कि हम किससे भिड़ रहे हैं। ’’
आंकड़ों की बात की जाये तो दोनों देशों ने एक दूसरे के खिलाफ आठ मैच खेले हैं जिसमें आस्ट्रेलिया ने चार बार और तीन बार जीत हासिल की है जबकि एक मैच ड्रा रहा था। भारत की सभी जीत हालांकि 1957 से पहले आयी थीं।
भारतीय पुरुष टीम पहली बार ऐसे मैच में खेलेगी जिसमें वीडियो सहायक रैफरी (वीएआर) तकनीक का इस्तेमाल किया जायेगा।
भारत-आस्ट्रेलिया के बीच मैच में जापान की योशिमी यामाशिता इतिहास रचेंगी क्योंकि वह एशियाई कप के मैच में रैफरिंग करने वाली पहली महिला रैफरी होंगी।
Source: PTI News